सुपौल : संपूर्ण बिहार में कानून व्यवस्था की स्थिति खराब है. कोसी में तो हालात और भी अधिक चिंताजनक हैं. खाकी वर्दी का खौफ खत्म हो चुका है और अपराधियों की समानांतर सरकार चल रही है. लूट, हत्या, अपहरण, दुष्कर्म, रंगदारी जैसे कुकृत्य को जरायम पेशा लोग अंजाम दे रहे हैं. सोमवार को सुपौल में दिन दहाड़े सुभाष सिंह की हत्या और उसी दिन सहरसा में ई अमित रंजन उर्फ निलेश की हत्या इसके जीते-जागते उदाहरण हैं.
उक्त बातें पूर्व सांसद लवली आनंद ने गुरुवार को जिला मुख्यालय स्थित रतन कुमार सिंह के आवास पर प्रेस वार्ता के दौरान कही. वह पिपरा प्रखंड अंतर्गत हटरविया स्थित मृतक फर्नीचर व्यवसायी सुभाष सिंह के परिजनों को सांत्वना देने के उपरांत सुपौल पहुंची थी. जहां उनके बड़े पुत्र छात्र हम के राष्ट्रीय अध्यक्ष चेतन आनंद भी उनके साथ थे.
श्रीमती आनंद ने कहा कि सूबे के मुखिया सुशासन और सूबे में शराबबंदी का दावा कर रहे हैं. इसका प्रचार-प्रसार भी देश के अन्य राज्यों तक पहुंच कर किया जा रहा है. लेकिन जमीनी हकीकत इससे काफी इतर है. महागंठबंधन की सरकार गठन के बाद अपराधियों का बोलबाला है और सूबे की जनता खुद को सुरक्षित महसूस नहीं कर पा रही है. उन्होंने कहा कि अपराधियों पर तत्काल लगाम लगाने की आवश्यकता है. लेकिन जब तक सूबे में महागंठबंधन का राज रहेगा, ऐसा संभव नहीं दिखता है. वही चेतन आनंद ने कहा कि बिहार में सुशासन शब्द अब एक मजाक बन कर रह गया है. अपराधियों का मनोबल चरम पर है. भले लोगों का जीना मुहाल हो चुका है. उन्होंने मृतक सुभाष सिंह के परिजनों को पुख्ता सुरक्षा और सरकारी नौकरी देने की मांग की है. साथ ही सरकार से 20 लाख रुपये मुआवजा की भाजपा की मांग का भी समर्थन किया. पूर्व सांसद के साथ फ्रेंड्स ऑफ आनंद के किसनपुर अध्यक्ष मिश्रीलाल यादव, सेवानिवृत्त शिक्षक रवींद्र सिंह, शंभूनाथ झा, केदारनाथ सिंह मुन्ना, फ्रेंड्स ऑफ आनंद के युवा अध्यक्ष सोनम आनंद, समरेंद्र सिंह, सोहन, पप्पू, राजेश आदि मौजूद थे.