लापरवाही. विद्यालय प्रबंधन की मनमरजी से शिक्षा पर पड़ रहा प्रतिकूल असर
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विशेष कक्षा का नहीं हो रहा संचालन
लापरवाही. विद्यालय प्रबंधन की मनमरजी से शिक्षा पर पड़ रहा प्रतिकूल असर जिले के पिपरा प्रखंड स्थित संचालित प्रोजेक्ट बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय की स्थिति काफी बदतर बना हुआ है. आलम यह है कि उक्त विद्यालय का शैक्षणिक कार्य विद्यालय प्रबंधन की मनमरजी से संचालित किया जा रहा है. सुपौल : सरकार द्वारा छात्राओं को […]
जिले के पिपरा प्रखंड स्थित संचालित प्रोजेक्ट बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय की स्थिति काफी बदतर बना हुआ है. आलम यह है कि उक्त विद्यालय का शैक्षणिक कार्य विद्यालय प्रबंधन की मनमरजी से संचालित किया जा रहा है.
सुपौल : सरकार द्वारा छात्राओं को गुणवत्ता पूर्ण उच्च शिक्षा उपलब्ध कराये जाने को लेकर कई प्रकार की योजनाएं संचालित की गयी. साथ ही लाखों करोडों की राशि खर्च कर चकाचक भवन निर्माण कार्य कराया गया. यहां तक कि हरेक पंचायत में एक एक माध्यमिक विद्यालय संचालित भी किया जा रहा है. वहीं कई माध्यमिक विद्यालयों को अपग्रेड कर उच्च विद्यालय का दर्जा भी दिया गया. ताकि समाज के हासिये पर जीवन बसर कर रहे परिवारों के बच्चों को सरलता व सहजता के साथ शिक्षा उपलब्ध करायी जा सके. लेकिन जिले के पिपरा प्रखंड स्थित संचालित प्रोजेक्ट बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय की स्थिति काफी बदतर बना हुआ है. आलम यह है कि उक्त विद्यालय का शैक्षणिक कार्य विद्यालय प्रबंधन की मनमरजी से संचालित किया जा रहा है. जिस कारण बच्चों के पठन- पाठन पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है.
शिक्षक उपस्थित बच्चे नदारद : विद्यालय कर्मियों के मुताबिक बुधवार को माध्यमिक कक्षा के शिक्षक हरि नारायण मंडल, अंजना कुमारी, सुलेखा कुमारी, उषा कुमारी सहित लिपिक चंद्र किशोर चौधरी उपस्थित थे. साथ ही उच्च माध्यमिक कक्षा के शिक्षक अमित कुमार राजा, ज्योति दास, सोनी कुमारी, कुमार राजकमल सुमन उपस्थित थे. जबकि प्राचार्य रवींद्र प्रसाद साह विद्यालय से अनुपस्थित थे. वहीं शिक्षक श्री राजा द्वारा शिक्षक मुकेश मिलन उक्त तिथि को सीएल पर होना बताया गया. जबकि उक्त विद्यालय में नौंवी कक्षा में कुल 184 तथा दसवीं कक्षा में 187 तथा उच्चतर माध्यमिक कक्षा में 36 बच्चे नामांकित हैं. लेकिन बुधवार को मौके पर विद्यालय में महज दर्जन भर छात्राओं की उपस्थिति देखी गयी. साथ ही सभी वर्गकक्ष लगे बेंच व डेक्स विद्यालय प्रबंधन से यही कह रहा था कि मैं अनुपयोगी साबित हो रहा हूं, मेरा समुचित उपयोग करवाओ. मौके पर जब विद्यालय में उपस्थित शिक्षक व कर्मियों से संबंधित जानकारी प्राप्त करना चाहा. एक-दूसरे के द्वारा दिये जा रहे जवाब में किसी प्रकार का तालमेल नहीं दिखा. कारण जो भी रहा हो कर्मियों द्वारा छुपाये जा रहे जानकारी से माजरा स्पष्ट हो रहा था कि सभी कर्मी विद्यालय प्रधान रवीद्र प्रसाद साह के खौफ के साये में जी रहे हैं. मालूम हो कि बीते दिनों स्थानीय विभाग द्वारा माध्यमिक विद्यालय के प्रधानों को निर्देश दिया गया था कि विद्यालयों में शिक्षकों की कमी रही है. जिस कारण छात्रों का पाठ्यक्रम अनुरूप पठन पाठन का कार्य पूर्ण नहीं कराया जा सका है. ऐसी स्थिति में कदाचारमुक्त व स्वच्छ वातावरण में माध्यमिक परीक्षा में कठिनाई होगी. जिसे लेकर विभाग द्वारा निर्देश जारी किया गया कि सभी विद्यालय प्रधान अपने – अपने विद्यालय में कमजोर छात्रों के निमित्त विशेष कक्षा उपलब्ध करवा कर उन्हें शिक्षा प्रदान करेंगे. निर्देश में यह भी बताया गया था कि कमजोर श्रेणी में ऐसे छात्रों को रखा जाना है जिन्हें विद्यालय द्वारा ली गयी परीक्षा में औसत से कम अंक प्राप्त हुआ हो. लेकिन विभाग के उक्त निर्देश का अनुपालन की दिशा में अब तक विद्यालय प्रधान श्री साह द्वारा किसी प्रकार का नहीं किया गया है.
बोलने से परहेज बरतते रहे प्रधान
विद्यालय में उपस्थित समस्या के बाबत दूरभाष के जरिये पूछे जाने पर विद्यालय प्रधान रवीद्र प्रसाद साह ने बताया कि वे उपयोगिता प्रमाण पत्र जमा करने बीआरसी आये हैं. वहीं पठन- पाठन व विशेष कक्षा के बारे में कुछ भी बताने से परहेज बरतते रहे. वहीं कई छात्राओं के अभिभावकों ने बताया कि प्रोजक्ट बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय में शिक्षक रहने के बावजूद पठन- पाठन का कार्य कागज पर ही दौड़ रहा है. बताया कि कभी कभार पदाधिकारियों की आवाजाही होती है. लेकिन विद्यालय प्रबंधन पर कोई असर नहीं दिखता है. जिस कारण इस विद्यालय की पठन – पाठन व्यवस्था बदतर बना हुआ है.
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