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कहीं बाधक न बन जाए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन

धान खरीदारी 2016 को लेकर किसानों का पंजीयन किया जा रहा है. एक दिसंबर से जिले के 115 समिति के क्रय केंद्र पर धान खरीदारी का कार्य आरंभ होगा. सुपौल : बिहार सरकार की महत्वाकांक्षी कृषि कल्याणकारी योजना धान खरीदारी 2016 को लेकर सहकारिता विभाग की तैयारी अंतिम चरण में है. राज्य मुख्यालय से मिले […]

धान खरीदारी 2016 को लेकर किसानों का पंजीयन किया जा रहा है. एक दिसंबर से जिले के 115 समिति के क्रय केंद्र पर धान खरीदारी का कार्य आरंभ होगा.

सुपौल : बिहार सरकार की महत्वाकांक्षी कृषि कल्याणकारी योजना धान खरीदारी 2016 को लेकर सहकारिता विभाग की तैयारी अंतिम चरण में है. राज्य मुख्यालय से मिले निर्देश के आलोक में एक दिसंबर से जिले के 115 समिति के क्रय केंद्र पर धान खरीदारी का कार्य आरंभ किया जायेगा. धान खरीदारी को लेकर विभिन्न पंचायत के सभी चिह्नित प्राथमिक कृषि शाख सहयोग समिति लिमिटेड (पैक्स) पर आवश्यक तैयारी पूरी कर ली गयी है. जिला सहकारिता पदाधिकारी पंकज कुमार झा ने बताया कि वर्तमान समय में धान खरीदारी 2016 को लेकर किसानों का पंजीयन किया जा रहा है.
सभी क्रय केंद्रों को खरीदारी से संबंधित संचिका, बोर्ड, बैनर आदि उपलब्ध करा दिया गया है. ज्ञात हो कि गत वर्ष धान खरीदारी 2015 के दौरान जिले के सभी पैक्सों एवं व्यापार मंडल द्वारा करीब 55 हजार मैट्रिक टन धान की खरीदारी की गयी थी. खरीदारी वर्ष 2016 के लिए लक्ष्य निर्धारित नहीं किया गया है. वहीं पिछले वर्ष के मुकाबले इस वर्ष सरकार ने धान के समर्थन मूल्य में बढ़ोतरी करते हुए साधारण धान का मूल्य 1470 रुपये प्रति क्विंटल और ए ग्रेड धान का समर्थन मूल्य 1510 रुपये प्रति क्विंटल निर्धारित किया है. गत वर्ष जिले में धान अधिप्राप्ति के लिए 167 क्रय केंद्र खोले गये थे,
लेकिन इस वर्ष मात्र 115 क्रय केंद्र के द्वारा धान खरीद करने की बात बतायी जा रही है. वहीं इस वर्ष सरकार ने किसानों से डेढ़ सौ क्विंटल धान क्रय करने और बटाइदारों से 50 क्विंटल धान खरीदने का आदेश जारी किया है.
पंजीयन बन सकता है खरीदारी में बाधक : राज्य मुख्यालय से मिले निर्देश के आलोक में धान खरीदारी 2016 को लेकर सहकारिता विभाग के साथ-साथ जिला प्रशासन भी मुस्तैद नजर आ रहा है. धान खरीदारी को लेकर अब तक जिला स्तर पर टास्क फोर्स की कई बैठक हो चुकी है, लेकिन धान बेचने वाले किसानों का पंजीयन करवाना सहकारिता विभाग के अधिकारियों के लिए एक बड़ी समस्या बन गयी है.
सरवर डाउन रहने के कारण अधिकांश किसानों का पंजीयन सफल होता नहीं दिख रहा.
जिस कारण सहकारिता विभाग के अधिकारियों के समक्ष पंजीयन एक परेशानी के रूप में उभर कर सामने आया है. मंगलवार की दोपहर तक जिले के 1032 किसानों ने ऑनलाइन पंजीयन के लिए आवेदन दिया है. जिसमें अब तक मात्र 200 किसानों का पंजीयन सफल घोषित हुआ है. पंजीयन के दौरान हो रही परेशानी को देखते हुए तत्काल जिला सहकारिता पदाधिकारी ने सभी पैक्स अध्यक्षों को संभावित धान बेचने वाले किसानों का आवश्यक कागजात प्रखंड सहकारिता पदाधिकारी के समक्ष जमा करने और प्रखंड सहकारिता पदाधिकारी को ऑनलाइन आवेदन करने का निर्देश जारी किया है.

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