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लूट की घटनाओं से दहशत में व्यवसायी

डर. 26 दिन के अंदर बेखौफ अपरािधयों ने तीन सड़क लूट की घटना को दिया अंजाम लगातार हो रही सड़क लूट की घटना से कोसी प्रमंडल के व्यवसायियों के बीच दहशत का माहौल बना हुआ है. ताबड़तोड़ हो रहे वारदातों को देख कर विभिन्न व्यावसायिक प्रतिष्ठानों के कर्मचारी तगादा के लिए इस क्षेत्र में आने […]

डर. 26 दिन के अंदर बेखौफ अपरािधयों ने तीन सड़क लूट की घटना को दिया अंजाम

लगातार हो रही सड़क लूट की घटना से कोसी प्रमंडल के व्यवसायियों के बीच दहशत का माहौल बना हुआ है. ताबड़तोड़ हो रहे वारदातों को देख कर विभिन्न व्यावसायिक प्रतिष्ठानों के कर्मचारी तगादा के लिए इस क्षेत्र में आने से परहेज करने लगे हैं. ज्ञात हो कि महज 26 दिनों के अंदर त्रिवेणीगंज थाना क्षेत्र में दो और पिपरा थाना क्षेत्र में घटित एक सड़क लूट की घटना सुपौल पुलिस के लिए चुनौती बनी हुई है. संयोग से इस तीनों लूट कांड में तगादा कर लौट रहे व्यावसायिक प्रतिष्ठानों के कर्मचारियों को ही अपराधियों द्वारा टारगेट बना कर घटना को अंजाम दिया गया.
सुपौल : जिले के त्रिवेणीगंज व पिपरा थाना क्षेत्र में लगातार हो रही सड़क लूट की घटना से कोसी प्रमंडल के व्यवसायियों के बीच दहशत का माहौल बना हुआ है. ताबड़तोड़ हो रहे वारदातों को देख कर विभिन्न व्यावसायिक प्रतिष्ठानों के कर्मचारी तगादा के लिए इस क्षेत्र में आने से परहेज करने लगे हैं.
ज्ञात हो कि महज 26 दिनों के अंदर त्रिवेणीगंज थाना क्षेत्र में दो और पिपरा थाना क्षेत्र में घटित एक सड़क लूट की घटना सुपौल पुलिस के लिए चुनौती बनी हुई है. संयोग से इस तीनों लूट कांड में तगादा कर लौट रहे व्यावसायिक प्रतिष्ठानों के कर्मचारियों को ही अपराधियों द्वारा टारगेट बना कर घटना को अंजाम दिया गया. लूट के दौरान कर्मचारी बस या ऑटो पर सवार थे.अपराधी दर्जनों यात्रियों के बीच में बैठे कर्मचारियों से रुपये लुटने के बाद आराम से निकल गये.
सभी घटनाओं में अन्य यात्रियों को अपराधियों ने कुछ भी नहीं कहा.बस टारगेट पर तगादा का रुपया लेकर लौट रहे कर्मचारी ही थे.पुलिस इस बात से अंदाजा लगा रही है कि घटना से पहले अपराधियों ने बाजार में तगादा कर रहे कर्मचारियों की बेहतर तरीके से रेकी की थी. हालांकि दिन दहाड़े हुए इन लूट कांडों के मामले में सुपौल पुलिस के हाथ अभी तक पूरी तरह खाली हैं. वहीं सुपौल एसपी डॉ कुमार एकले ने इस मामले में जल्द ही अपराधियों की गिरफ्तारी का दावा किया है. उन्होंने कहा िक अपरािधयों को जल्द ही िगरफ्तार कर िलया जायेगा.
कब-कब हुई घटना
कर्मचारी से लूट की पहली घटना 12 मई को त्रिवेणीगंज थाना क्षेत्र के लक्ष्मिनियां पुल के समीप दिन दहाड़े चार बजे घटित हुई थी.इस घटना में दो बाइक पर पहुंचे चार अपराधियों ने सहरसा के एक किराना व्यवसायी के कर्मचारी कुमार मुकेश को हथियार का भय दिखा कर 88 हजार रुपये लूट लिया.घटना के समय कर्मचारी अररिया से सहरसा जा रही बस में सवार थे. अपराधियों ने बाइक से ओवरटेक कर लक्ष्मिनियां पुल के समीप बस को रोका और बस के अंदर प्रवेश कर कर्मचारी को अपना निशाना बनाया.इस दौरान अन्य यात्रियों को अपराधियों ने टोका तक नहीं.इस मामले में त्रिवेणीगंज पुलिस कांड संख्या 72/16 दर्ज कर अनुसंधान में जुटी है.
दूसरी घटना 31 मई
दूसरी घटना को पुन: इसी थाना क्षेत्र में 31 मई को अंजाम दिया गया. इस घटना में भी दो बाइक पर सवार चार अपराधी त्रिवेणीगंज-पिपरा मुख्य पथ पर बघला और जागुर गांव के बीच ऑटो पर सवार कर्मचारी को अपना निशाना बनाया. अपराधियों ने सुपौल के धनंजय स्टोर के कर्मचारी विजय कुमार पंडित से एक लाख चार हजार रुपये लूट लिया.
विजय त्रिवेणीगंज बाजार से तगादा कर वापस सुपौल लौट रहा था. इस घटना को लेकर त्रिवेणीगंज पुलिस द्वारा कांड संख्या 89/16 दर्ज किया गया है.
तीसरी घटना 8 जून को
तीसरी घटना विगत 08 जून को पिपरा थाना क्षेत्र के अमहा गांव के समीप घटित हुई. इस घटना में तीन बाइक पर सवार छह अपराधियों ने पटना के एक ऑटो एजेंसी के कर्मचारी को टारगेट कर अपना शिकार बनाया.अपराधियों ने अमहा गांव के समीप अररिया से सहरसा जा रही यात्रियों से भरी बस को रुकवाया और कर्मचारी तारकेश्वर कुमार से 02 लाख 70 हजार रुपये लूटने के बाद आराम से श्यामनगर की ओर भाग निकले.इस घटना के दौरान भी अपराधियों ने अन्य यात्रियों को कोई नुकसान नहीं पहुंचाया. पिपरा पुलिस इस मामले में प्राथमिकी दर्ज कर कार्रवाई में जुटी है.
एसएच 76 व एनएच 106 बना सेफ जोन
सुपौल से अररिया जिला को जोड़ने वाली एसएच 76 और वीरपुर से बिहपुर एनएच 106 इन दिनों पुलिसिया गश्ती के अभाव में अपराधियों के लिए सेफ जोन बन गया है. अपराधी इन दोनों सड़क मार्ग पर घटना को अंजाम देने के बाद आराम से फरार हो जा रहे है. करीब दो वर्ष बाद इन दोनों सड़क मार्ग में एक बार फिर अपराधियों की सक्रियता काफी बढ़ गयी है. हाल के दिनों में लगातार हो रहे वारदातों के कारण इस मार्ग से आवागमन करने वाले राहगीर काफी सहमे हुए नजर आ रहे हैं.
ज्ञात हो कि सुपौल जिले का पिपरा, त्रिवेणीगंज और जदिया थाना क्षेत्र मधेपुरा और अररिया जिला के सीमा से जुड़ा हुआ इलाका है.खास कर मधेपुरा जिले का शंकरपुर और कुमारखंड थाना क्षेत्र अपराधियों का गढ़ माना जाता रहा है. सहरसा, सुपौल, मधेपुरा, अररिया और पूर्णिया जिले के अपराधियों का जमावड़ा इन इलाकों में होती रही है.
दो वर्ष पूर्व टाइगर ने मचाया था उत्पात
सुपौल के कुख्यात धीरेंद्र यादव गिरोह का मुख्य शूटर माना जाने वाला राजेश टाइगर करीब दो वर्ष पूर्व लोकसभा चुनाव के बाद कोसी प्रमंडल के तीनों जिले में ताबड़तोड़ सड़क लूट की घटनाओं को अंजाम दे कर पुलिस के लिए सिरदर्द के रूप में उभर कर सामने आया था.धीरेंद्र के जेल जाने के बाद राजेश ने युवा अपराधियों की मदद से अपराध की दुनियां में अपना अलग साम्राज्य स्थापित कर लिया था.उस समय सबसे अधिक सड़क लूट की घटना मधेपुरा जिला के मुरलीगंज, मधेपुरा, सिहेंश्वर, भर्राही ओपी और गम्हरिया थाना क्षेत्र में हुई थी.मुरलीगंज और भर्राही ओपी क्षेत्र में घटना को अंजाम देने के बाद अपराधी कुमारखंड के रास्ते जदिया की ओर निकल जाते थे
.इसी तरह मधेपुरा, सिहेंश्वर और गम्हरिया थाना क्षेत्र में घटना को अंजाम देने के बाद अपराधी एनएच 106 हो कर पिपरा, त्रिवेणीगंज थाना क्षेत्र की ओर फरार होते थे.उस दौरान सड़क लूट की घटना को अंजाम देने में दो बाइक पर सवार चार या छह अपराधी शामिल रहते थे.वर्तमान समय में भी बाइक सवार अपराधी लूट की घटना को अंजाम देने के बाद फरार होने के लिए इसी मार्ग को चुन रहे हैं.
फरारी जीवन जी रहा टाइगर व गुणसागर
कोसी प्रमंडल की सड़कों पर इन दिनों कई शातिर अपराधी फरारी जीवन जी रहे हैं.इन अपराधियों में मधेपुरा जिले के घेलाढ़ थाना क्षेत्र के चिकनोटवा गांव निवासी कुख्यात सरगना राजेश टाइगर व सहरसा जिले के सोनवर्षा थाना क्षेत्र के जमहर गांव निवासी गुणसागर का नाम प्रमुख रूप से शामिल है. गुणसागर अपने सगे भाई नीलसागर के साथ मिल कर युवा अपराधियों की एक फौज तैयार कर रखा है.
नीलसागर विगत महीने मधेपुरा पुलिस के हत्थे चढ़ा था, जो अभी जेल में बंद है.गुणसागर फरारी जीवन जी कर गिरोह का संचालन कर रहा है. कुछ यही स्थिति राजेश टाइगर की भी है.राजेश अररिया जेल से जमानत पर निकलने के बाद कोसी प्रमंडल में फरारी जीवन जी रहा है.हालांकि सड़क लूट की घटनाओं में सहरसा जिले के सौर बाजार थाना क्षेत्र के कन्हैया यादव, बसनही थाना क्षेत्र के मनीष यादव, सिहेंश्वर थाना क्षेत्र के मंतोष पंडित, भर्राही ओपी क्षेत्र के मुन्ना दास आदि की भुमिका को ले कर भी पुलिस तफ्शीस में जुटी है.
कहते हैं एसपी
सड़क लूट के सभी मामलों को लेकर सुपौल पुलिस गंभीर है. सभी घटनाओं के प्रारंभिक जांच में जो तथ्य उभर कर सामने आये हैं, उससे प्रतीत होता है कि सभी घटनाओं को एक ही अपराधी गिरोह द्वारा अंजाम दिया गया है. पुलिस इस मामले का वैज्ञानिक अनुसंधान कर रही है. जल्द ही पुलिस टीम अपराधियों को गिरफ्तार करने में कामयाब होगी. व्यावसायिक प्रतिष्ठानों के कर्मचारी जब तागादा में पहुंचते हैं तो नगद राशि रहने पर तत्काल निकटतम थाना को इसकी सूचना दें. पुलिस उन्हें सुरक्षा उपलब्ध करवायेगी.व्यवसायी वर्ग ज्यादा से ज्यादा लेन-देन बैंक के माध्यम से करें.हाल में घटित घटनाओं के बाद सभी थाना क्षेत्रों में पुलिस गश्त बढ़ा दी गयी है.

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