बुधवार को करीब डेढ़ दर्जन लोग बुनियां खाने से पड़ गये थे बीमार
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जानवर की तरह फर्श पर लिटा कर होता है इलाज
बुधवार को करीब डेढ़ दर्जन लोग बुनियां खाने से पड़ गये थे बीमार सुपौल : कुव्यवस्थाओं के मकड़जाल में फंस कर सदर अस्पताल सुपौल की स्थिति दिन ब दिन बदतर होती जा रही है. स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की मनमानी कम होने का नाम नहीं ले रहा है. जिसका खामियाजा सुदूर देहाती क्षेत्र से आने […]
सुपौल : कुव्यवस्थाओं के मकड़जाल में फंस कर सदर अस्पताल सुपौल की स्थिति दिन ब दिन बदतर होती जा रही है. स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की मनमानी कम होने का नाम नहीं ले रहा है. जिसका खामियाजा सुदूर देहाती क्षेत्र से आने वाले मरीजों को भुगतना पड़ता है. अस्पताल प्रबंधन की मनमानी एवं लापरवाही का नमूना बुधवार की शाम देखने को मिला. जब सदर प्रखंड के गोठ बरुआरी पंचायत स्थित मोहनियां गांव से करीब डेढ़ दर्जन लोगों के बुनियां खाने से बीमार पड़ने के बाद उन्हें उपचार के लिए सदर अस्पताल लाया गया.
पहले तो ड्यूटी पर तैनात चिकित्सक द्वारा इन मरीजों के परिजनों को बाहर से सभी दवा लाने हेतु पुरजा थमा दिया गया. उसके बाद इन मरीजों के फजीहत का दौर शुरू हुआ. मरीजों को अस्पताल के फर्श पर लिटा कर उपचार किया गया.
ऐसा प्रतीत हो रहा था मानो ये मानव नहीं बल्कि भेड़-बकरी हों. महादलित समुदाय से आने वाले सभी मरीज चुपचाप अस्पताल प्रबंधन की यातनाओं को अपनी किस्मत समझ कर बरदास्त कर रहे थे. हलांकि बाद में पहुंचे कई ग्रामीणों ने मरीजों की दुर्दशा को देख कर इस पर आपत्ति जतायी और हो-हंगामा करना प्रारंभ कर दिया.
मौके पर तैनात चिकित्सक डॉ अरुण कुमार वर्मा ने वार्ड की कमी और दवाओं का अभाव बताते हुए शांत कराया. जिसके बाद स्थिति सामान्य हो पायी. करीब नौ बजे रात में सभी मरीजों को अस्पताल से छुट्टी दे दिया गया. गौरतलब है कि गांव में मुखिया पद के एक प्रत्याशी द्वारा बुनियां वितरित किया गया था. जिसे खाने के बाद सभी लोग फूड प्वाइजनिंग का शिकार हो कर मरणासन्न स्थिति में पहुंच गये थे. हालांकि ससमय उपचार होने के बाद सभी पीड़ित की स्थिति सामान्य हो गयी.
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