भ्रमित हो रहे हैं वाहन चालक
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परेशानी. सड़कों पर लगा है गलत सूचक बोर्ड, प्रशासन उदासीन
भ्रमित हो रहे हैं वाहन चालक गोइंग टू लंदन एंड लुकिंग टू कनाडा… यह रोचक मुहावरा कुछ दशक पूर्व स्कूल कॉलेज के छात्र व युवाओं में बड़ा ही प्रसिद्ध हुआ करता था. स्थानीय स्तर पर रचित यह मुहावरा ऐसे लोगों के लिए बनाया गया था, जिन्हें देख कर आपको यह जाहिर नहीं हो पाता कि […]
गोइंग टू लंदन एंड लुकिंग टू कनाडा… यह रोचक मुहावरा कुछ दशक पूर्व स्कूल कॉलेज के छात्र व युवाओं में बड़ा ही प्रसिद्ध हुआ करता था. स्थानीय स्तर पर रचित यह मुहावरा ऐसे लोगों के लिए बनाया गया था, जिन्हें देख कर आपको यह जाहिर नहीं हो पाता कि वे सही में किधर देख रहे हैं. यह मुहावरा इन दिनों जिला मुख्यालय में पथ निर्माण विभाग द्वारा स्थापित एक दिशा सूचक बोर्ड पर सटिक बैठ रही है.
सुपौल : गोइंग टू लंदन एंड लुकिंग टू कनाडा… यह रोचक मुहावरा कुछ दशक पूर्व स्कूल कॉलेज के छात्र व युवाओं में बड़ा ही प्रसिद्ध हुआ करता था. स्थानीय स्तर पर रचित यह मुहावरा ऐसे लोगों के लिए बनाया गया था, जिन्हें देख कर आपको यह जाहिर नहीं हो पाता कि वे सही में किधर देख रहे हैं. आंखों में गड़बड़ी की वजह से ऐसे व्यक्ति की दोनों आंखें दरअसल अलग-अलग दिशाओं में देखती हुई प्रतीत होती है.
लेकिन मजे की बात है कि यह मुहावरा इन दिनों जिला मुख्यालय में पथ निर्माण विभाग द्वारा स्थापित एक दिशा सूचक बोर्ड पर सटिक बैठ रही है. बोर्ड पर अंकित भ्रामक सूचना के कारण प्रतिदिन सैकड़ों वाहन चालक भ्रमित हो रहे हैं और दिग्भ्रमित हो कर अपना वाहन लेकर गलत दिशा में चले जाते हैं. जिससे उन्हें फजीहत झेलनी पड़ती है.
गलत दिशा में काफी आगे निकल जाने के बाद जब उन्हें गड़बड़ी का पता चलता है तो सही दिशा में जाने के लिए दोबारा उन्हें वापस लौटना पड़ता है. भ्रमित करने वाले बोर्ड की वजह से वाहन चालक आये दिन पथ निर्माण विभाग को कोसते नजर आते हैं.
लोहिया नगर चौक पर लगा है भ्रामक बोर्ड : गौरतलब है कि शहर के बीचोबीच गुजरने वाली सड़क को एसएच 66 का दर्जा मिलने के बाद स्थानीय लोहिया नगर चौक पर शुभ लक्ष्मी स्वीट कॉर्नर के समीप पथ निर्माण विभाग द्वारा एक दिशा सूचक बोर्ड लगाया गया है.
सहरसा से भाया सुपौल पिपरा व सरायगढ़ को जोड़ने वाली इस महत्वपूर्ण स्टेट हाइवे पर स्थापित इस बोर्ड में पश्चिमी ओर से पिपरा व सरायगढ़ की दिशा अंकित की गयी है, जो पूरी तरह सही है. लेकिन बोर्ड के पूर्वी भाग में सहरसा को सीधे तीर के निशान से इंगित किया गया है, जो बिल्कुल ही गलत है. दरअसल बोर्ड के ठीक आगे लोहिया नगर मोड़ है जहां से बायीं दिशा में सहरसा के लिए सड़क मुड़ती है. लेकिन बोर्ड में सहरसा को सीधी दिशा में बताये जाने के कारण वाहन चालक सीधे सड़क में आगे बढ़ जाते है. जबकि सीधी दिशा में सड़क विलियम्स स्कूल, गजना चौक होते बैरिया मंच कोसी बांध की ओर चली जाती है.
यही वजह है कि प्रतिदिन दर्जनों वाहन इस भ्रामक बोर्ड का शिकार हो कर पश्चिम की दिशा में गजना चौक की ओर चले जाते हैं. काफी आगे बढ़ने के बाद जब सड़क छोटी संकरी होती है तब वाहन चालकों को गलत दिशा में भटक जाने का एहसास होता है. स्थानीय लोगों से पूछताछ के बाद फिर वे पुन: लोहिया नगर चौक वापस आ कर सही दिशा की ओर प्रस्थान करते हैं.
विभाग व प्रशासन है उदासीन : लोहिया नगर चौक पर पथ निर्माण विभाग द्वारा लगाये गये इस भ्रामक बोर्ड से उत्पन्न होने वाली समस्याओं के बाबत स्थानीय नागरिकों व वाहन चालकों द्वारा कई बार प्रशासन के समक्ष शिकायत दर्ज करायी गयी है. इस सड़क से प्रतिदिन जिले के आलाधिकारियों की दर्जनों गाड़ियां भी गुजरती है. बावजूद इस दिशा में सुधार की पहल अब तक नहीं की गयी है. जबकि बोर्ड को सही दिशा में महज 50 मीटर आगे लगा देने से इस समस्या का समाधान हो जायेगा. प्रशासनिक उदासीनता की वजह से लोगों में असंतोष व्याप्त है.
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