सुपौल : फर्जी डिग्री के आधार पर अवैध रूप से क्लिनिक चलाने के आरोप में डाॅ मंजय के विरुद्ध सदर थाना में प्राथमिकी दर्ज की गयी है. गुरुवार को तथाकथित चिकित्सक डाॅ मंजय को पुलिस ने न्यायालय में उपस्थापित कराया, जहां से उसे जेल भेज दिया गया. इसके साथ ही चार दिनों से जारी गहमागहमी व अटकलों पर विराम लग गया.
वहीं पुलिस अभी भी तथाकथित डॉक्टर से जुड़े सभी बिंदुओं की जांच में जुटी है. सदर थानाध्यक्ष राम इकबाल यादव ने बताया कि डॉक्टर के विरुद्ध थाना कांड संख्या 543/15 दर्ज कर उन्हें न्यायिक हिरासत में भेजा गया है. सीएस ने दर्ज करायी प्राथमिकी असैनिक शल्य चिकित्सक सह मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी डाॅ रामेश्वर साफी ने डाॅ मंजय कुमार के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज करायी है.
इसमें कहा गया है कि 09 दिसंबर को 12:10 बजे पानी टंकी के समीप समरेंद्र नारायण सिंह के मकान में संचालित आयुष चाइल्ड केयर नामक क्लिनिक की जांच की गयी. जांच के दौरान क्लिनिक बंद मिला. बोर्ड पर अंकित एमबीबीएस, डीसीएच, दिल्ली ट्रेनिंग इन आरएमएल, दिल्ली प्रथम द्रष्टया फर्जी प्रतीत होता है.
अपराह्न 04:00 बजे सदर थाना में मौजूद डाॅ मंजय कुमार से मेडिकल एजुकेशन से संबंधित डिग्री के संबंध में पूछताछ की गयी, तो उन्होंने संतोषप्रद जवाब नहीं दिया. उन्होंने बताया कि फर्जी डिग्री व अवैध तरीके से क्लिनिक चलाने के आरोप में इनके प्राथमिकी दर्ज की गयी है.
प्रभारी डीएम के आदेश से हुई थी जांच इससे पूर्व प्रभारी जिला पदाधिकारी हरिहर प्रसाद ने 08 दिसंबर को तथाकथित डॉक्टर मंजय कुमार के क्लिनिक व नया नगर स्थित किराये के आवास की जांच की थी.
जांचोपरांत उन्होंने सिविल सर्जन को मामले की जांच का निर्देश दिया था. प्रभारी जिला पदाधिकारी द्वारा सीएस को भेजे पत्र में डाॅ एम कुमार की डिग्री फर्जी होने तथा अवैध रूप से क्लिनिक चलाने की बात कही गयी थी. डीएम ने सभी बिंदुओं की गहराई से जांच कर प्रतिवेदन समर्पित करने का निर्देश दिया था.
डाॅ मंजय ने अपने पार्टनरों पर लगाया टॉर्चर करने का आरोप पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पूछताछ के दौरान डाॅ मंजय ने कहा कि दवा कंपनी के फ्रेंचाइजी में उनके सात पार्टनरों में से चार उन्हें टॉर्चर कर रहे थे. दो माह के दौरान उनके पार्टनरों द्वारा पैसे के लिए उन्हें मानसिक रूप से भी प्रताड़ित किया गया.
इस वजह से तंग आ कर वे घर से निकल गये.उन्होंने बताया कि वे कहां जा रहे थे, उन्हें भी पता नहीं था.सीतामढ़ी में काफी पॉपुलर थे डाॅ मंजय तथाकथित डॉक्टर के रहस्यमय ढ़ंग से लापता होने के बाद सीतामढ़ी गयी पुलिस टीम के सदस्य सब इंस्पेक्टर नीरज कुमार निराला के अनुसार डाॅ मंजय सीतामढ़ी में काफी पॉपुलर थे.
सदर अस्पताल के सामने स्थित अपने मेडिलास्ट नामक क्लिनिक में वे प्रतिदिन 150-200 मरीजों का उपचार करते थे. वहीं प्रत्येक मंगलवार को गरीब मरीजों का मुफ्त में उपचार करते थे. डिग्री को लेकर जब वहां के सीएस द्वारा उनके क्लिनिक में छापेमारी की गयी, तो वे वहां से भाग निकले.