सुपौल : जिले में अपराधियों द्वारा गोली मारकर हत्या करने का प्रयास लगातार किया जा रहा है. लेकिन कहावत ‘जाको राखे साइयां मार सके ना कोय, बाल न बांका कर सके जो जग बैर होय’ भी चरितार्थ हो रहा है. अपराधियों का मनोबल इस कदर बढ़ गया है कि वे दिन-दहाड़े लोगों को गोली मार […]
सुपौल : जिले में अपराधियों द्वारा गोली मारकर हत्या करने का प्रयास लगातार किया जा रहा है. लेकिन कहावत ‘जाको राखे साइयां मार सके ना कोय, बाल न बांका कर सके जो जग बैर होय’ भी चरितार्थ हो रहा है. अपराधियों का मनोबल इस कदर बढ़ गया है कि वे दिन-दहाड़े लोगों को गोली मार रहे हैं. लगातार हो रही गोलीबारी की इस घटना से आसपास के लोग सशंकित हैं.
खास बात यह है कि तमाम घटनाओं में पुलिस की हाथ अब तक अपराधियों के गिरेबान तक नहीं पहुंच सकी है. लोग कहते हैं कि अपराधियों और उसके द्वारा अंजाम दिये जा रहे आपराधिक घटनाओं पर पुलिस की सक्रियता नहीं बढ़ायी गयी तो अपराधियों के मनोबल इसी तरह बढ़ते रहेंगे. लिहाजा पुलिस प्रशासन को अपराधियों की धर-पकड़ के लिये सक्रियता बढ़ानी होगी और उसे सलाखों के अंदर भेजना होगा. ताकि कोई भी अपराधी किसी अपराध की घटना को अंजाम देने से पहले सौ बार सोचने पर मजबूर हो जाय.
खास कर जिले के अन्य क्षेत्रों को छोड़ दे तो गोलीबारी की घटनाओं में अपराधियों की सक्रियता सबसे ज्यादा निर्मली अनुमंडल क्षेत्र में देखे जा रहे हैं. पिछले दिनों निर्मली थाना क्षेत्र में दिन दहाड़े मझारी पंचायत के मुखिया अर्जुन मेहता व उसके एक सहयोगी को गोली मार कर गंभीर रूप से जख्मी कर दिया गया था. इस बात को कुछ ही दिन बीते कि दूसरी घटना त्रिवेणीगंज में घट गयी. जहां 25 नवंबर की शाम लतौना दक्षिण पंचायत में एक युवक को ओभरटेक कर गोली मार दिया. जिसमें वे गंभीर रूप से जख्मीहो गये.
इस बात को दो दिन भी नहीं बीता कि तीसरी घटना फिर एक बार निर्मली थाना क्षेत्र में घटित हो गयी. जहां एनएच 57 पर घर लौट रहे युवक के पेट्रोल पंप के समीप गोली मार दिया. इन तमाम घटनाओं में हालांकि किसी की जान नहीं गयी. लेकिन जिले में अपराधी कितने सक्रिय हैं, इसकी धमक अपराधियों ने पुलिस प्रशासन को जरूर दे दिया है.
कब-कब हुईं गोलीबारी की घटनाएं
पहली घटना
निर्मली थाना क्षेत्र के बेला चौक के पास पांच नवंबर को पहली घटना घटी. जहां पंचायत का काम निपटा कर मझारी पंचायत के मुखिया अर्जुन मेहता अपने सहयोगी के साथ वापस अपने घर लौट रहे थे. लेकिन पहले से घात लगाए बैठे अपराधियों ने उन पर गोलियों से ताबड़तोड़ हमला कर दिया. जिसमें मुखिया सहित उसके सहयोगी भी घायल हो गये. गंभीर अवस्था में दोनों घायल को बाहर रेफर कर दिया गया. बताया जाता है कि अब दोनों घायलों की स्थिति बेहतर हो गयी है. लेकिन इस मामले में आरोपितों की अब तक गिरफ्तारी नहीं हो सकी है. जिससे पीड़ित परिवार दहशत जदा हैं और आसपास के क्षेत्रों में भी लोग सशंकित हैं.
25 नवंबर की संध्या त्रिवेणीगंज थाना क्षेत्र के लतौना दक्षिण में घटी. जहां बाइक से अपने घर लौट रहे 22 वर्षीय पिंटू कुमार को ओभरटेक कर बदमाशों ने नजदीक से गोली मारा. इस घटना में पिंटू के बांह में गोली लगी और तत्काल स्थानीय लोगों द्वारा उपचार के लिये त्रिवेणीगंज भेजा गया. जहां उसकी हालत बेहतर बतायी जा रही है. इस मामले में यह भी बताया गया कि 13 दिसंबर 2016 को साइकिल से घर जाने के दौरान पिंटू के पिता वीरेंद्र यादव की गोली मार कर हत्या की थी.
एक बार फिर निर्मली थाना क्षेत्र में सोमवार की देर शाम घटी है. जहां एनएच 57 पर हरियाही के समीप बाइक पर सवार किशनपुर निवासी दो व्यापारी युवकों पर अपराधियों ने गोली चलाया. जिसमें 25 वर्षीय देवीनंद कुमार मंडल गंभीर रूप से घायल हो गया है. स्थानीय स्तर पर चिकित्सा के बाद उसकी गंभीर स्थिति को देखते हुए डॉक्टर ने उसे बाहर रेफर कर दिया है.
कभी अपराधियों के सबसे बड़े ठिकाने के रूप में कोसी के दियारा क्षेत्र को माकूल माना जाता था. खास कर वह इलाका जो कोसी के दोनों तटबंध के बीच है. जानकार बताते हैं कि यहां अन्य तरह की आवाजाही बिल्कुल कम रहती है. चूंकि तटबंध के अंदर कोसी की छोटी-बड़ी नदियां गुजरती है जो इस क्षेत्र में आमलोगों के आवाजाही पर रोड़े अटकाने का काम करती है. कहा जाता है कि इस क्षेत्र में आवाजाही के लिये नाव ही एक सुगम और मात्र साधन है. ऐसे में अपराधी आसानी से इस क्षेत्र में अपना पनाह बना लेते हैं. निर्मली का इलाका पड़ोसी देश नेपाल को भी छूती है. साथ ही दरभंगा और मधुबनी जिले का भी सीमावर्ती इलाका है. ऐसे में किसी भी अपराधी के लिये यह इलाका अत्यंत ही सेफ जोन माना जाता रहा है. हालांकि विकास के इस दौर में जब कोसी महासेतु भी बन गयी है इसके अलावे तटबंध के अंदर भी कुछ कच्ची सड़कें सहित अन्य संरचनाएं भी बन कर तैयार है. लेकिन तमाम बातों के बावजूद तटबंध के अंदर का इलाका आज भी अपराधियों के लिये पनाहगार बन रहा है. साथ ही अन्य जिले के सीमावर्ती क्षेत्र सहित पड़ोसी देश नेपाल का सीमावर्ती क्षेत्र कहीं न कहीं अपराधियों के छिपने का ठौर बन गया है. यह भी सच है कि अपराधियों पर अंकुश लगाने के लिये अब पुलिस महकमा भी काफी कुछ अत्याधुनिक हो गयी है. बावजूद इसके इस इलाके में घट रही घटनाएं इस क्षेत्र में अपराधियों के सक्रिय होने की ओर इशारा कर रही है.