सुपौल : सरकार द्वारा यातायात व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए करोड़ों रुपये खर्च किये जा रहे हैं. पांच सौ की आबादी वाले गांवों की सड़कों का पक्कीकरण कर मुख्य पथ से जोड़ा जा रहा है, लेकिन स्थानीय पदाधिकारी व संवेदक की मिलीभगत के कारण मानक अनुरूप सड़क निर्माण कार्य नहीं हो पा रहा है. […]
सुपौल : सरकार द्वारा यातायात व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए करोड़ों रुपये खर्च किये जा रहे हैं. पांच सौ की आबादी वाले गांवों की सड़कों का पक्कीकरण कर मुख्य पथ से जोड़ा जा रहा है, लेकिन स्थानीय पदाधिकारी व संवेदक की मिलीभगत के कारण मानक अनुरूप सड़क निर्माण कार्य नहीं हो पा रहा है. कुछ ऐसी ही स्थिति सदर प्रखंड क्षेत्र के चौघारा से सहरसा जाने वाली सड़क की है.
ज्ञात हो कि चौघारा से लेकर सहरसा सीमा तक इस पथ में संवेदक द्वारा जगह-जगह फ्लैंक नहीं बनाया गया है. इस वजह से एक तरफ जहां समय से पूर्व सड़क टूटने लगी है. वहीं फ्लैंक विहीन स्थानों पर चालकों को साइड लेने व देने के समय जान हथेली पर रख कर वाहनों का परिचालन करना पड़ रहा है.
कई गांवों के आवाजाही का एक मात्र पथ
गौरतलब है कि यह सड़क एसएच 66 से निकल कर सदर प्रखंड के अमहा, लौकहा, झाहुरा सहित दर्जनों गांवों से गुजरते हुए सहरसा जिले स्थित एनएच 106 को जोड़ती है. इसके साथ ही लिटियाही से बैजनाथपुर जानेवाली सड़क काफी जर्जर रहने के कारण करिहो, पथरा, चौधारा, लक्ष्मिनिया, हरदी, रामनगर, कटैया, कौशलीपट्टी सहित मधेपुरा जिले के दाहा, बभनी, गम्हरिया, तारवे, फुलकाहा सहित अन्य गांवों के लोगों का एक मात्र मुख्य मार्ग माना जा रहा है. इस कारण इस पथ से प्रतिदिन सैकड़ों छोटे-बड़े वाहनों का परिचालन होता है. बावजूद इसके संबंधित विभाग द्वारा इस दिशा में किसी प्रकार का ठोस पहल नहीं किया जाना कई प्रश्न खड़े कर रहे हैं.
कुछ समय पूर्व कराया गया जीर्णोद्धार कार्य
पथ निर्माण कार्यालय के निगरानी में संबंधित संवेदक द्वारा उक्त पथ का कुछ माह पूर्व इस सड़क का जीर्णोद्धार कार्य कराया गया. लेकिन संवेदक द्वारा मरम्मति कार्य कराने के दौरान फ्लैंक बनाये जाने की दिशा में किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं गयी.
स्थानीय लोगों ने बताया कि पथ निर्माण कार्यालय के अधिकारियों द्वारा मरम्मत कार्य के दौरान जायजा भी लिया गया, लेकिन संवेदक द्वारा मरम्मत कार्य मानक अनुरूप कराया जा रहा है या नहीं इस दिशा में किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं की गयी. बताया कि फ्लैंक नहीं रहने के कारण इस पथ पर आये दिन दुर्घटना होती रही है. स्थानीय लोगों ने इस समस्या से निजात दिलाने को लेकर ग्रामीण विकास विभाग को कई बार मौखिक रूप से शिकायत दर्ज करवायी, लेकिन समस्या जस की तस बनी हुई है.