सुपौल : आमतौर पर मिथिला का यह क्षेत्र अमन और शांति का प्रतीक रहा है. यहां अन्य जिलों की तुलना में लोग चैन की जिंदगी जीते हैं. बीते कुछ दिनों से अपराध और आपराधिक घटनाओं में बेतहाशा वृद्धि हो रही है. इतना ही नहीं भाई ही भाई की हत्या करने पर आमदा है. पिछले एक माह के घटना क्रम पर गौर करे तो चार से पांच ऐसी घटनाएं घट चुकी है,
जिसमें सगे भाई को जमीन या पैसे के खातिर मौत के घाट उतार दिया. ऐसे में यह कहना लाजिमी होगा कि कोसी की ये जमीन भाई के खून से लाल हो रहा है. खून के रिश्ते भी अब जमीन विवाद के आगे झूठे साबित हो रहे हैं. सामाजिक तानाबाना व हाइटेक हो रही जिंदगी की वजह से परिवेश में इस कदर बदलाव आया कि रिश्ते पीछे छूटते जा रहे हैं. साथ ही सामाजिक कुरीतियों के आगे बेबस होती जिंदगी और ऐश्वर्य की लंबी दौड़ भी कई घटनाओं का कारण बन रही है. इधर, प्रशासन के लिये भी ऐसे मामलों पर नियंत्रण टेढ़ी खीर साबित हो रहा है.
जानकारों की मानें तो शीघ्र ही अगर ऐसे मामलों पर नियंत्रण को लेकर ठोस कदम नहीं उठाये गये तो स्थिति गंभीर हो सकती है. जमीन विवाद के मामले में बीते एक माह के अंदर चार लोगों की मौत हो चुकी है. जो इस बात की ताकीद करता है कि जमीन विवाद रिश्तों की गरिमा को भी धूमिल कर रहा है. इसके पीछे कहीं न कहीं भूमि संबंधी विवाद का समय पर निबटारा नहीं होना भी माना जा रहा है.
खून के रिश्ते हो रहे कमजोर : सदर थाना क्षेत्र के चंदेल मरीचा गांव में सहोदर भाई ने अपने भाई की पीट-पीट कर हत्या कर दी. सगे की हत्या की यह कोई पहली घटना नहीं है. थाना क्षेत्र के एकमा गांव में भी भाई व भाभी सहित परिजनों ने अपने ही रिश्ते का कत्ल कर दिया. एक अन्य घटना में पिपरा थाना क्षेत्र के कौशलीपट्टी में अपनों ने ही युवक को पीट-पीट कर मार डाला. वहीं चौथी घटना त्रिवेणीगंज के गजहर की है, जहां भाई ने चाकू गोदकर भाई की हत्या कर दी. उक्त घटना से सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है
कि सामाजिक रिश्ते की डोर अब कितनी कमजोर हो रही है. मामूली बात पर ही हत्या जैसे जघन्य अपराध को अंजाम देने से लोग पीछे नहीं हट रहे. सच तो यह भी है कि जब तक पुलिसिया कार्रवाई समुचित तरीके से नहीं की जायेगी, इस तरह की घटनाओं में वृद्धि होती रहेगी.
कार्रवाई के नाम पर पुलिस की खानापूर्ति
बीते माह पिपरा थाना क्षेत्र के कौशलीपट्टी गांव में मारपीट के एक मामले में जब पीड़ित पक्ष द्वारा थाना में रपट लिखाया गया तो पीड़ित पक्ष ने आरोप लगाया कि रपट लिखाये जाने के बाद भी आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं हुई. खैर, इस मामले में पुलिस की मंशा जो भी हो. अलबत्ता इलाज के दौरान मौत की खबर आते ही पुलिस सक्रिय हो गयी और आनन-फानन में एक आरोपित को गिरफ्तार कर लिया. वहीं सदर थाना अंतर्गत एकमा निवासी उदयकांत झा को उनके भाई व भतीजा सहित अन्य लोगों ने मारपीट कर जख्मी कर दिया था. इसमें उदयकांत झा के सिर में गहरी चोट लगी थी. घटना के बाद परिजन जख्मी को उपचार के लिए दरभंगा ले गये.
जहां चिकित्सकों ने जख्मी की स्थिति को गंभीर देख प्राथमिक उपचार के बाद पीएमसीएच पटना रेफर कर दिया. जहां उपचार के दौरान जख्मी की मौत हो गयी. वहीं सदर थाना क्षेत्र के मरीचा चंदेल में भाई ने घर में सोये हुए भाई के सिर पर धारदार हथियार से वार कर मौत के घाट उतार दिया था. इसके बाद ताजा मामला मंगलवार की है जब त्रिवेणीगंज थाना क्षेत्र के गजहर लखराज वार्ड नंबर 2 में बड़े भाई ने छोटे भाई की चाकू से गोद कर हत्या कर दी. इसमें 30 वर्षीय सूर्यनारायण मंडल की मौत हो गयी. हालांकि इस बारे में जमीन संबंधी विवाद को लोग हत्या के कारणों से जोड़ रहे हैं.
बीते माह पिपरा थाना क्षेत्र के कौशलीपट्टी गांव में मारपीट के एक मामले में जब पीड़ित पक्ष द्वारा थाना में रपट लिखाया गया तो पीड़ित पक्ष ने आरोप लगाया कि रपट लिखाये जाने के बाद भी आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं हुई. खैर, इस मामले में पुलिस की मंशा जो भी हो. अलबत्ता इलाज के दौरान मौत की खबर आते ही पुलिस सक्रिय हो गयी और आनन-फानन में एक आरोपित को गिरफ्तार कर लिया. वहीं सदर थाना अंतर्गत एकमा निवासी उदयकांत झा को उनके भाई व भतीजा सहित अन्य लोगों ने मारपीट कर जख्मी कर दिया था. इसमें उदयकांत झा के सिर में गहरी चोट लगी थी. घटना के बाद परिजन जख्मी को उपचार के लिए दरभंगा ले गये. जहां चिकित्सकों ने जख्मी की स्थिति को गंभीर देख प्राथमिक उपचार के बाद पीएमसीएच पटना रेफर कर दिया. जहां उपचार के दौरान जख्मी की मौत हो गयी. वहीं सदर थाना क्षेत्र के मरीचा चंदेल में भाई ने घर में सोये हुए भाई के सिर पर धारदार हथियार से वार कर मौत के घाट उतार दिया था. इसके बाद ताजा मामला मंगलवार की है जब त्रिवेणीगंज थाना क्षेत्र के गजहर लखराज वार्ड नंबर 2 में बड़े भाई ने छोटे भाई की चाकू से गोद कर हत्या कर दी. इसमें 30 वर्षीय सूर्यनारायण मंडल की मौत हो गयी. हालांकि इस बारे में जमीन संबंधी विवाद को लोग हत्या के कारणों से जोड़ रहे हैं.
जमीन विवाद को सुलझाने की दिशा में न तो विभाग संवेदनशील है और न ही प्रशासन. समय पर जमीन विवाद का हल हो जाता तो शायद हत्या के इस दौर पर विराम लग पाता. जानकार बताते हैं कि अंचल कार्यालय में जमीन संबंधी विवाद को लेकर दर्जनों मामले जाते हैं, लेकिन सीओ व अंचल कर्मचारी की उदासीनता के कारण समस्याएं बहुत दिनों तक जस की तस बनी रहती है.
लोगों को चाहिए कि वे धैर्य से काम ले और जमीन संबंधी विवाद के निबटारे को लेकर वे कानून का सहारा लें. कानून हाथ में लेने का किसी को भी अधिकार नहीं है. हालांकि ऐसी घटनाओं की रोकथाम के लिये पुलिस द्वारा विशेष पहल की जा रही है.
डॉ कुमार एकले, एसपी, सुपौल