कवायद. गृह विभाग के आदेश पर बाॅडीगार्ड वापस लेने की कार्रवाई शुरू
Advertisement
बिना बॉडीगार्ड चलेंगे दर्जनों माननीय
कवायद. गृह विभाग के आदेश पर बाॅडीगार्ड वापस लेने की कार्रवाई शुरू सीवान : सूबे में बॉडीगार्ड तैनाती मामले में गृह विभाग द्वारा जारी किये गये नये फरमान का आदेश जिले में दिखने लगा है. यूं कहा जाये, तो गृह विभाग के आदेश पर जिले के कई न्यायिक, प्रशासनिक पदाधिकारी सहित जनप्रतिनिधियों के बॉडीगार्ड को […]
सीवान : सूबे में बॉडीगार्ड तैनाती मामले में गृह विभाग द्वारा जारी किये गये नये फरमान का आदेश जिले में दिखने लगा है. यूं कहा जाये, तो गृह विभाग के आदेश पर जिले के कई न्यायिक, प्रशासनिक पदाधिकारी सहित जनप्रतिनिधियों के बॉडीगार्ड को वापस लेने की कवायद तेज हो गयी है. एसपी सौरभ कुमार शाह ने तैनात बॉडीगार्ड को वापसी लेना शुरू कर दिया है. साथ ही जो इस सेवा को ले रहे हैं, उन्हें नोटिस भेज बाॅडीगार्ड वापस करने का निर्देश दे दिया गया है. इधर एसपी द्वारा बॉडीगार्ड की सेवा समाप्त कर उन्हें पुलिस लाइन में योगदान कराया जा रहा है.
तीन दर्जन लोगों से वापस लिये गये बॉडीगार्ड : मालूम हो कि बिहार सरकार ने बाॅडीगार्ड तैनाती के मामले में काफी फेरबदल किया है. नये नियम के तहत न्यायिक, प्रशासनिक व राजनीति से जुड़े गिने-चुने लोगों को ही बाॅडीगार्ड उपलब्ध करने की बात कही गयी है. साथ ही बाॅडीगार्ड तैनाती मामले में मानक भी तय किया गया है.
गृह विभाग के नये फरमान के अनुसार जो बाॅडीगार्ड तैनाती के मानक पर खरा नहीं उतरता है, उनके शीघ्र गार्ड वापस लिया जाये. इस आदेश के बाद एसपी सौरव कुमार शाह ने अपने स्तर से कार्रवाई शुरू कर दी है. उन्होंने बाॅडीगार्ड की सेवा ले रहे न्यायिक, प्रशासनिक पदाधिकारी व राजनीतिक दलों के नेताओं को नोटिस भेज बाॅडीगार्ड वापस लेने की प्रक्रिया शुरू भी कर दी है. एसपी ने जिले के करीब तीन दर्जन लोगों से बाॅडीगार्ड वाप ले लिया है. इसके बाद वापस लिये गये गार्डों की तैनाती पुलिस लाइन में कर दी है.
इधर एसपी ने मानक पर खरा उतरने व अत्यधिक सुरक्षा गार्ड ले कर घुम रहे कुछ माननीयों के सुरक्षा गार्ड की संख्या कम करनी शुरू कर दी है. एसपी ने हाल ही में बिहार सरकार के आदेश पर जिला जज, सीजेएम, छह एडीजे व एक फैमिली कोर्ट के जज को छोड़ सभी सब जज से गार्ड वापस ले लिया है. वहीं, दर्जन भर प्रशासनिक पदाधिकारी व नेताओं से भी गार्ड वापस लेने की प्रक्रिया पूरी हो गयी है. साथ ही कई को नोटिस भेज गार्ड वापस करने का निर्देश दिया जा चुका है. अगर शीघ्र उनके द्वारा भी गार्ड वापस नहीं किया जाता है, तो उनसे छिन लिया जायेगा.
इनको भी मिला है बॉडीगार्ड : हिंदुस्तान के पत्रकार राजदेव रंजन की हत्या के बाद उनकी पत्नी आशा रंजन, भाजपा नेता श्रीकांत भारतीय की हत्या के बाद उनकी पत्नी व बेटे और पचरुखी के व्यवसायी हरिशंकर सिंह की हत्या के बाद से उनके परिजनों को बॉडीगार्ड उपलब्ध कराया गया था. साथ ही भाजपा नेता सुधीर जायसवाल व सांसद ओमप्रकाश के बेटे चंद्रप्रकाश उर्फ हैप्पी यादव को भी बॉडीगार्ड उपलब्ध कराया गया है.
इनको दी गयी सुरक्षा पर भी नये नियमावली के तहत विचार किया जा रहा है और नोटिस जारी कर दिया गया है. साथ ही चर्चित तेजाब कांड में अपने दो बच्चों को खो चुके अस्पताल रोड निवासी चंदकेश्वर प्रसाद उर्फ चंदा बाबू भी बॉडीगार्ड वाली सूची में शामिल हैं.
माननीयों में न्यायिक, प्रशासनिक अधिकारी के अलावा राजनीतिक भी शामिल
गार्ड वापसी की कार्रवाई देख कई के उड़े होश
बॉडीगार्ड को स्टेटस सिंबल माने जाने लगा था. एक बार खतरे के नाम पर बॉडीगार्ड मिल जाने के बाद कोई उसे छोड़ने को तैयार नहीं था. इसमें बड़ी संख्या राजनीति से जुड़े हस्तियों और धन कुबेरों की थी. गृह विभाग द्वारा बाॅडीगार्ड वापस लेने का आदेश मिलते ही जिला प्रशासन ने कार्रवाई की कवायद एक पखवारे पहले ही शुरू कर दी थी. पखवारे भर पहले एसपी सौरभ कुमार शाह ने जिले के डेढ़ दर्जन वीआइपी को नोटिस जारी करते हुए चेतावनी दी थी कि बॉडीगार्ड के वेतन का पैसा जमा कर दें नहीं तो बॉडीगार्ड वापस कर लिया जायेगा. इस आदेश का असर सबसे अधिक राजनीतिक गलियारे में देखने को मिला था. कई पूर्व विधायक, एमएलसी, विधायक के परिजन सहित राजनीति के माहिर धुरंधरों के चेहरे पर भी दिख रहा है. इन सभी को नोटिस भेज दी गयी है. शीघ्र इनसे भी बाॅडीगार्ड वापस ले लिया जायेगा. वहीं कई के सुरक्षा गार्ड की संख्या में कटौती भी की जायेगी.
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement