परेशानी. रुपये के लिए बैंकों व एटीएम का चक्कर लगा रहे लोग
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जिले में नकद का संकट गहराया
परेशानी. रुपये के लिए बैंकों व एटीएम का चक्कर लगा रहे लोग 70 फीसदी कम हो रही नकद की आपूर्ति औसतन प्रतिदिन 10 करोड़ नकदी की जगह तीन करोड़ हो रही आपूर्ति सीवान : नोटबंदी के बाद एक बार फिर जिले में नकद का संकट गहरा गया है. हालात ये हैं कि लोगों को बैंक […]
70 फीसदी कम हो रही नकद की आपूर्ति
औसतन प्रतिदिन 10 करोड़ नकदी की जगह तीन करोड़ हो रही आपूर्ति
सीवान : नोटबंदी के बाद एक बार फिर जिले में नकद का संकट गहरा गया है. हालात ये हैं कि लोगों को बैंक से पैसे की आपूर्ति जरूरत के हिसाब से नहीं हो पा रही है. ऐसे में जहां मार्केट 35 से 40 फीसदी डाउन चल रहा है, वहीं लोग जरूरत का अपना काम भी चाह कर नहीं कर पा रहे हैं. कैश किल्लत की मार सबसे अधिक ग्रामीण बैंक व डाकघरों में बचत खाता खोलने वाले उपभोक्ताओं को झेलनी पड़ रही है. समस्या 70 फीसदी कम नकद की आपूर्ति के कारण उत्पन्न हुई है. लीड बैंक से प्राप्त जानकारी के अनुसार जिले को औसतन प्रतिदिन 10 करोड़ नकद की जरूरत है, जबकि अापूर्ति सिर्फ तीन करोड़ रुपये की ही हो रही है.
महीने भर पहले शुरू हुई थी किल्लत
विभाग की बातों पर गौर करें, तो महीने भर पहले से ही कैश की किल्लत शुरू हो गयी थी. मई के पहले हफ्ते से ही बैंकों का खजाना खाली होने लगा था. कैश की किल्लत के बीच लोगों में आक्रोश भी देखने को मिल रहा है. प्रतिदिन बैंक कर्मियों व लोगों में नोक-झोंक देखने को मिल रही है.
ग्रामीण बैंक को प्रतिदिन पांच करोड़ की जरूरत
औसतन प्रतिदिन नकद की 10 करोड़ की खपत में ग्रामीण बैंक को पांच करोड़ की जरूरत है. परंतु विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार मौजूदा समय में ग्रामीण बैंक को एक करोड़ नकद की आपूर्ति ही हो पा रही है. औसतन, जहां जिले को तीन करोड़ नकद मिल रहा है, उसमें दो करोड़ में अन्य बैंकों को अपने ग्राहकों को संतुष्ट करने की चुनौती से निबटना पड़ रहा है. लीड बैंक की मानें, तो ऐसे ही हालात कुछ माह रहने की आशंका है. वहीं, जानकारों का मानना है कि सरकार लोगों को डिजिटल लेनदेन के प्रति आकर्षित करने के लिए राशि की कम आपूर्ति कर रही है. सबसे खराब स्थिति ग्रामीण क्षेत्रों के डाकघरों की है, जहां पर लगभग तीन महीने से राशि नहीं पहुंच रही है.
85 फीसदी एटीएम में नहीं है राशि
विभिन्न बैंकों के जिले में करीब 160 से अधिक एटीएम हैं. इसमें 62 एटीएम शहरी क्षेत्रों में, जबकि 98 एटीएम ग्रामीणों क्षेत्रों में कार्यरत हैं. इन 160 एटीएम में से 85 फीसदी यानी 140 से अधिक एटीएम में पैसे नहीं है, जहां लोगों को पैसे की जानकारी मिल भी पा रही है, वहां घंटों में ही खाली हो जा रहा है.
एलडीएम कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार जिले में 29 बैंकों की करीब 212 शाखाएं व डाकघर की 38 शाखाएं कार्य कर रही हैं. शादी-विवाह के मौसम में लोगों को आसानी से बैंक व एटीएम के बाहर चक्कर लगाते देखा जा सकता है. प्रतिदिन लोग सुबह से ही आकर एटीएम में लाइन लगा रहे हैं, लेकिन राशि नहीं होने के कारण उन्हें निराशा हाथ लग रही है. जीरादेई प्रखंड निवासी प्रमोद शर्मा ने कहा कि नोटबंदी के बाद यह सबसे भयावह स्थिति है, जब स्थिति सामान्य होने के बाद भी लोगों को पैसे नहीं मिल रहे हैं.
शीघ्र कठिनाई दूर होगी
राशि की कम आपूर्ति के कारण कैश की किल्लत उत्पन्न हुई है. लोगों को यूपीआइ तथा भीम एप जैसे संसाधनों का प्रयोग कर कैश किल्लत से बचने की जरूरत है. सरकार कठिनाइयों को दूर करने का प्रयास कर रही है.
रंजीत सिंह, एलडीएम, सीवान
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