सीवान : मंगलवार को ग्यारहवें वर्ग की एक छात्रा का शादी की नीयत से अपहरण व दुष्कर्म करने के मामले में आरोपित मौलवी के खिलाफ कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुनायी. प्रथम अपर एवं जिला सत्र न्यायाधीश विनोद शुक्ल की अदालत ने यह फैसला सुनाते हुए 50 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया. इस रकम में से 35 हजार रुपये पीड़ित परिवार को देने का कोर्ट ने आदेश किया है. जीबी नगर थाना कांड संख्या 204/14 में कोर्ट का यह फैसला तीन वर्षों के अंदर आया है.
जीबी नगर थाने की निवासी पीड़िता की दादी के आवेदन पर मुकदमा दर्ज हुआ था. पीड़ित पक्ष ने आवेदन में कहा था कि दीनदयालपुर मसजिद के खतिबो ईमाम के पास मेरी पोती टयूशन पढ़ने जाती थी. दोषी मौलवी पूर्णिया जिले के डगरूवा थाने के लछवा गांव के महफिल उर्फ खालिद मियां हैं. 20 मई, 2014 को पीड़िता जब टयूशन पढ़ने के लिए मसजिद में गयी थी, उसी दौरान मौलवी खालिद मियां ने कुछ नशीली पदार्थ सुंघा कर बेहोश कर दिया. इसके बाद गाड़ी पर बैठा कर बेहोशी की हालत में पूर्णिया अपने गांव लेकर फरार हो गया.
पीड़िता ने कोर्ट में अपने बयान के दौरान कहा था कि आरोपित ने लगातार 20-25 दिनों तक दुष्कर्म किया. जीबी नगर थाना पुलिस पीड़िता को 16 जून, 2014 को अभियुक्त के साथ बरामद कर सीवान ले आयी थी. इसके बाद कोर्ट में चले मुकदमा की कार्रवाई के बाद प्रथम अपर एवं जिला सत्र न्यायाधीश विनोद शुक्ल की अदालत ने यह फैसला सुनाया.
गवाहों के बयान व अभियोजन की तरफ से दिये गये दलीलों के बाद कोर्ट ने आरोपित मौलवी को दोषी माना. कोर्ट में फैसले के दौरान विशेष अभियोजक ललन राम तथा बचाव पक्ष के अधिवक्ता सुभास्कर पांडेय मौजूद रहे. आरोपित मौलवी गिरफ्तारी के बाद से ही मंडलकारा, सीवान में बंद है.