बड़हरिया : रविवार को हुई अजीबो-गरीब दुर्घटना में क्रूर काल ने एक घर की खुशियों के माहौल को गमगीन कर दिया. मंगल गीत की जगह घर से रोने व चीखने की आवाजें सुनायी दे रही हैं. हर कोई उस घड़ी को कोस रहा था जब रिटायर शिक्षक गांव से अपनी नतनी के साथ बड़हरिया के निकले थे.
मौके पर मौजूद ग्रामीण परिजनों को ढाढ़स बंधा रहे थे. गोपालगंज के मांझा थाना क्षेत्र के कमनपुर गांव निवासी रिटायर शिक्षक के दूसरे बेटे की शादी 28 मई को तय थी. घर का माहौल खुशनुमा था. महिलाएं मंगलगीत गा रही थी.
रविवार को बड़हरिया जाने के लिए अपनी नयी इंडिका से सवार होकर नतनी के साथ वे घर से निकले. वह अभी हरपुर मोड़ के समीप पहुंचे ही थे कि अचानक उन्होंने वाहन से संतुलन खो दिया और कार सड़क के किनारे खड़ी बस से जा टकरायी. इस घटना में कार के अगले के हिस्से के परखचे उड़ गये और शिक्षक व उनकी नतनी गंभीर रूप से घायल हो गये. इलाज के लिए ले जाते समय दुर्गा बाबू ने रास्ते में दम तोड़ दिया.
इधर मौत की सूचना मिलते ही शिक्षक के घर कोहराम मच गया. मौके पर पहुंचे दारोगा रामकृष्ण रविदास व जमादार आरके शर्मा ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया.
घटना से पूरा गांव स्तब्ध
सड़क दुर्घटना में मारे गये रिटायर शिक्षक दुर्गा बाबू दो माह पहले ही सेवानिवृत्त हुए थे. रिटायर होने के बाद उन्होंने निजी काम के लिए इंडिका कार ली थी. लेकिन उन्हें क्या पता था जो कार वह खरीद रहे है वहीं उनके लिए काल बनेगी.
रविवार को मार्ग दुर्घटना में उनकी मौत हो गयी. इधर दुर्गा बाबू की मौत की सूचना जब ग्रामीणों को मिली तो उनको सहज विश्वास नहीं हुआ, सभी स्तब्ध थे. कारण कि सामाजिक कार्यो में दुर्गा बाबू बढ़-चढ़ कर हिस्सा लेते थे.
उनकी ही अगुआई में विश्वंभर पुर में भव्य दोहरे मंदिर राधेश्याम व शंकर जी की मंदिर का निर्माण हुआ था. वे अपने पीछे चार पुत्र व एक पुत्री छोड़ गये हैं. बड़े बेटे सुरेंद्र रेलवे में नौकरी करते है. वहीं दूसरे पुत्र नागेंद्र की शादी 28 मई को होने वाली है. घटना के बाद परिवार सहित पूरे गांव का माहौल गमगीन है.