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”साहेब” को सरकार से वकील नहीं
फैसला. जिला विधिक सेवा प्राधिकार ने कहा, विशेष अदालत के लिए नहीं है अधिवक्ताओं का पैनल सीवान : पूर्व सांसद मो. शहाबुद्दीन(साहेब) की विशेष अदालत में अपने मुकदमों की पैरवी के लिए अपने अधिवक्ता को सरकारी खर्च पर नामित करने के आवेदन को जिला विधिक सेवा प्राधिकार ने खारिज कर दिया है. ऐसे में अब […]
फैसला. जिला विधिक सेवा प्राधिकार ने कहा, विशेष अदालत के लिए नहीं है अधिवक्ताओं का पैनल
सीवान : पूर्व सांसद मो. शहाबुद्दीन(साहेब) की विशेष अदालत में अपने मुकदमों की पैरवी के लिए अपने अधिवक्ता को सरकारी खर्च पर नामित करने के आवेदन को जिला विधिक सेवा प्राधिकार ने खारिज कर दिया है. ऐसे में अब मनोज कुमार श्रीवास्तव की विशेष अदालत में बचाव पक्ष के अधिवक्ता के मौजूद नहीं होने से सुनवाई नहीं हो रही है.
दो माह पूर्व मो. शहाबुद्दीन ने विशेष अदालत में सुनवाई के दौरान अपनी आर्थिक परेशानियों को देखते हुए सरकारी खर्च पर अधिवक्ता उपलब्ध कराने की मांग की थी. इसमें पूर्व सांसद ने अधिवक्ता अभय कुमार राजन का नाम भी चिह्नित किया था. आवेदन को कोर्ट ने सुनवाई के लिए जिला विधिक सेवा प्राधिकार के यहां भेज दिया. यहां सुनवाई के बाद जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव सह एडीजे चार मनोज कुमार तिवारी ने आवेदन को खारिज करते हुए कहा है कि विशेष अदालत का कोई अधिवक्ताओं का पैनल नहीं है. इसके अलावा व्यवहार न्यायालय के मुकदमों की सुनवाई के लिए बने पैनल में अभय कुमार राजन का नाम नहीं है. इसके चलते विशेष अदालत में सुनवाई लगातार लंबित है.
इन मामलों की नहीं हुई सुनवाई : शुक्रवार को विशेष अदालत में मो. शहाबुद्दीन से संबंधित 29 मामलों की सुनवाई नहीं हुई. इसमें प्रथम अपर जिला व सत्र न्यायाधीश विनोद शुक्ल की अदालत ने कमरूल हक अपहरण कांड, एसीजेएम तीन मनोज कुमार श्रीवास्तव के कोर्ट में 28 मामले शामिल हैं. इन मुकदमों की पैरवी के लिए बचाव पक्ष की तरफ से किसी अधिवक्ता के उपस्थित नहीं होने के कारण ऐसा हुआ. उधर, विशेष लोक अभियोजक जयप्रकाश सिंह व बचाव पक्ष के अधिवक्ता अभय कुमार राजन के उपस्थित होने में असमर्थ होने के पूर्व के दिये गये आवेदन के चलते विशेष न्यायाधीश विनोद शुक्ल की अदालत में सुनवाई नहीं हुई.
राजीव रोशन हत्याकांड में हुई सुनवाई : बहुचर्चित राजीव रोशन हत्याकांड में शुक्रवार को एसीजेएम तीन मनोज कुमार श्रीवास्तव की विशेष अदालत में सुनवाई हुई. इसमें अभियुक्त अखलाक अहमद ने केस डायरी रिसीव किया. वहीं, अभियुक्त चंदन चौधरी को मोतिहारी मंडल कारा से यहां पेश करने के लिए कोर्ट ने आदेश दिया. इस मुकदमे में पूर्व सांसद मो. शहाबुद्दीन पर घटना की साजिश रचने का आरोप है. इनसे जुड़ा मामला विशेष न्यायाधीश विनोद शुक्ल के कोर्ट में साक्ष्य के लिए चल रहा है.
सीवान : बहुचर्चित तिहरा हत्याकांड के आरोपित पूर्व सांसद मो. शहाबुद्दीन को जमशेदपुर के एडीजे चार के न्यायालय के कोर्ट में पेशी के आदेश के बाद भी शुक्रवार को उस पर अमल नहीं हो सका.
पूर्व से यहां मंडल कारा में गठित विशेष अदालत में चल रही सुनवाई के चलते स्पेशल कोर्ट की अनुमति नहीं देने पर यह वैधानिक संकट आ गया. पूर्व सांसद व राजद नेता मो. शहाबुद्दीन पर संगीन मुकदमों की संख्या चार दर्जन से अधिक है. लेकिन, अब तक के मुकदमों में सबसे अधिक चर्चित जमशेदपुर का तिहरा हत्याकांड ही माना जाता है. इसके बाद से ही शहाबुद्दीन ने राजनीति में भी दस्तक दी थी तथा निर्दलीय पहले ही विधानसभा चुनाव में दस्तक देते हुए विजयी रहे. इसी क्रम में 24 साल पुराने मामले में सत्रवाद संख्या 95 ए/92 के तहत जमशेदपुर के एडीजे चार अजीत कुमार सिंह के कोर्ट ने अब पेशी के लिए नोटिस भेजा था.
नोटिस के बाद मंडल कारा ने अनुमति के लिए मो. शहाबुद्दीन से संबंधित विचाराधीन कोर्ट में सूचना दी थी. मंडल कारा के अधीक्षक विधु भारद्वाज के मुताबिक, सीजेएम कोर्ट ने इसकी इजाजत दी थी. लेकिन, विशेष अदालत ने संज्ञान नहीं लिया. लिहाजा, उन्हें समय से जमशेदपुर स्थित एडीजे चार के कोर्ट में पेशी के लिए नहीं भेजा जा सका. इधर, विशेष अदालत में मो. शहाबुद्दीन से जुड़े मामलों की लगातार सुनवाई चल रही है.
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