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अलग-थलग पड़ गया कुष्ठ विभाग

सख्ती. अभियान में 50 से कम कुष्ठ मरीज खोजने वाले पीएचसी पर होगी कार्रवाई सीवान : राष्ट्रीय कार्यक्रम कुष्ठ खोजी अभियान 31 दिसंबर को खत्म हो गया. कार्यक्रम के दौरान एक चीज देखने को जरूर मिली है कि कुष्ठ विभाग को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों व रेफरल अस्पतालों द्वारा भरपूर सहयोग नहीं मिलने के कारण कार्यक्रम […]

सख्ती. अभियान में 50 से कम कुष्ठ मरीज खोजने वाले पीएचसी पर होगी कार्रवाई

सीवान : राष्ट्रीय कार्यक्रम कुष्ठ खोजी अभियान 31 दिसंबर को खत्म हो गया. कार्यक्रम के दौरान एक चीज देखने को जरूर मिली है कि कुष्ठ विभाग को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों व रेफरल अस्पतालों द्वारा भरपूर सहयोग नहीं मिलने के कारण कार्यक्रम शत-प्रतिशत लक्ष्य को नहीं पा सका. इसके अलावा सहयोग नहीं मिलने से कार्यक्रम के दौरान कुष्ठ विभाग अलग-थलग पड़ गया.जिले की कुल अाबादी करीब 37 लाख है. इसमें से करीब दो लाख दो साल से कम उम्र के बच्चे हैं.
इनकी जांच नहीं करनी थी. लेकिन 14 दिनों की जगह 22 दिनों तक कार्यक्रम चलने के बावजूद मात्र 25 लाख 49 हजार 551 लोगों की जांच हुई. इनमें करीब 2606 कुष्ठ के संदेहास्पद मरीज मिले हैं. यह विभाग का अनुमानित आंकड़ा है. अभियान समाप्त होने के सात दिनों के बाद करीब 15 पीएचसी द्वारा 23 दिसंबर के बाद की रिपोर्ट अभी नहीं दी गयी है. राष्ट्रीय कार्यक्रम में लापरवाही को देखते हुए वरीय अधिकारियों ने 50 से कम कुष्ठ के संदेहास्पद मरीज खोजने वाले पीएचसी पर कार्रवाई करने का मन बनाया है.
कर्मचारियों की कमी अभियान में बन रही रोड़ा : जिला कुष्ठ विभाग में चार अचिकित्सा सहायक है. एक अचिकित्सा सहायक कमलदेव सिंह बीमार हैं तथा एम्स में भरती हैं. दूसरे चिकित्सा सहायक विपिन कुमार सिंह 18 जनवरी से लंबी छुट्टी पर जाने वाले हैं. जिले में कुल 2606 कुष्ठ के संदेहास्पद मरीजों की जांच के बाद की जिम्मेवारी शेष बचे दो अचिकित्सा सहायकों पर है. इन लोगों को जिला कार्यालय के अलावा मरीजों की जांच करने की भी जवाबदेही मिली है. अगर, पीएचसी व रेफरल अस्पतालों में बनाये गये नोडल ऑफिसर संदेहास्पद मरीजों की जांच कर पुष्टि कर देते, तो अभियान को गति मिल जाती. हालांकि सभी नोड‍ल ऑफिसरों को इस अभियान के लिए प्रशिक्षित किया गया है.
चिह्नित कुष्ठ मरीजों का इलाज नहीं होगा आसान
2606 संदेहास्पद कुष्ठ के मरीजों की जांच के बाद जब पुष्टि होगी, तो कुछ मरीज कुष्ठ से ग्रसित जरूर मिलेंगे. जब नये कुष्ठ के मरीज मिलेंगे, तो उनका उपचार व मॉनीटरिंग करना विभाग के पास एक बड़ी समस्या है. अभी तक पीएमडब्ल्यू की बहाली करने के प्रति जिला स्वास्थ्य समिति पूरी तरह उदासीन है. हाल ही में मैरवा में अचिकित्सा सहायक द्वारा करीब 20 लोगों की जांच की गयी, तो पांच को कुष्ठ मरीज पाया गया. इस हिसाब से कुष्ठ मरीज मिलने का यही आंकड़ा रहा तो आनेवाले समय विभाग के लिए एक चुनौती भरा होगा. क्योंकि नये मरीजों के मिलने के बाद पीआर अनुपात में अचानक बढ़ोतरी आयेगी. इस अभियान में एक नयी चीज देखने को यह मिल रही है कि जो भी नये मरीज मिल रहे हैं, उनकी उम्र 30 तथा 20 से कम है.
क्या कहते हैं कार्यक्रम के जिला नोडल पदाधिकारी
यह बात सही है कि कार्यक्रम के दौरान पीएचसी द्वारा काफी लापरवाही बरती गयी. इसके बावजूद कार्यक्रम ठीक ढंग से कार्यक्रम संपन्न हुआ. कार्यक्रम के बाद बहुत जगह से अभी तक रिपोर्ट नहीं आने की शिकायत है. हम लोग ऐसी जगहों से आदमी भेज कर रिपोर्ट मंगा रहे हैं.
डॉ नवल किशोर प्रसाद, एसीएमओ सह जिला नोडल पदाधिकारी सीवान

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