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नये एचआइवी टीबी मरीजों को अब रोज खानेवाली दवा

सीवान : आरएनटीसीपी कार्यक्रम के तहत यक्ष्मा विभाग अब नये एचआइवी टीबी के मरीजों को रोज खाने वाली दवा देगा. पहले सामान्य टीबी व एचआइवी टीबी के मरीजों को सप्ताह में तीन दिन दवा खाने के लिए डॉट्स सेंटर से मिलता था. यक्ष्मा विभाग ने शुरुआती दौर में एचएआइवी टीबी के मरीजों को दवा की […]

सीवान : आरएनटीसीपी कार्यक्रम के तहत यक्ष्मा विभाग अब नये एचआइवी टीबी के मरीजों को रोज खाने वाली दवा देगा. पहले सामान्य टीबी व एचआइवी टीबी के मरीजों को सप्ताह में तीन दिन दवा खाने के लिए डॉट्स सेंटर से मिलता था. यक्ष्मा विभाग ने शुरुआती दौर में एचएआइवी टीबी के मरीजों को दवा की व्यवस्था की है. शीघ्र ही टीबी के सामान्य मरीजों को भी कैट वन व कैट टू की रोज खाने वाली दवा दी जायेगी. जिले के करीब 50 फीसदी से अधिक टीबी के मरीज प्राइवेट डॉक्टरों के पास इलाज के लिए चले जाते हैं. प्राइवेट में इलाज कराने वाले टीबी के मरीजों को बाजार में रोज खाने वाली ही दवा मिलती है.

इससे मरीजों के बीच एक धारणा हो गयी है कि सरकारी डॉट्स सेंटरों में मिलने वाली दवा की अपेक्षा रोज खाने वाली दवा कारगर अधिक होती है. इसलिए विभाग ने टीबी के मरीजों में सरकारी डॉट्स सेंटरों में मिलने वाली दवा में विश्वास जगाने के लिए रोज खाने वाली को लांच किया है. कैट टू की दवा खाने वाले मरीज को पहले की तरह स्ट्रेटोमाइसीन का इंजेक्शन लेना पड़ेगा. एमडीआर व एक्सडीआर टीबी के मरीजों की दवा में विभाग ने कोई बदलाव नहीं किया है. यह दवा टीबी के मरीजों को पूर्व की तरह ही मिलेगी.

आरएनटीसीपी कार्यक्रम से जुड़े एनजीओ डीएफआइटी के डॉ पीके मिश्रा ने बताया कि प्रथम चरण में नये एचआइवी टीबी को रोज खाने वाली दवा दी जायेगी. उसके बाद दवा की आपूर्ति होने पर अन्य मरीजों को भी रोज खाने वाली दवा दी जायेगी.

दवा में विश्वास जगाने के लिए हुआ परिवर्तन
पहले से दवाखाने वाले मरीजों की दवा में नहीं होगा कोई बदलाव

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