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धान की खरीदारी में नहीं आयी तेजी
व्यापार मंडलों के क्रय केंद्रों पर नहीं आया एक भी किसान सीवान : जिले में एक दिसंबर से धान की अधिप्राप्ति विभाग द्वारा शुरू कर दी गयी है, लेकिन 21 दिनों बीत जाने के बाद मात्र 17.3 एमटी ही धान की खरीदारी हुई. वह भी दो प्रखंडों की चार पैक्स ने खरीद की है. धान […]
व्यापार मंडलों के क्रय केंद्रों पर नहीं आया एक भी किसान
सीवान : जिले में एक दिसंबर से धान की अधिप्राप्ति विभाग द्वारा शुरू कर दी गयी है, लेकिन 21 दिनों बीत जाने के बाद मात्र 17.3 एमटी ही धान की खरीदारी हुई. वह भी दो प्रखंडों की चार पैक्स ने खरीद की है. धान की कम खरीद होने के पीछे विभाग के लोग धान में अधिक नमी होने की बात बता रहे हैं. लेकिन, सच्चाई यह है कि जिन छोटे किसानों को लाभ पहुंचाने के लिए सरकार द्वारा इस कार्यक्रम को शुरू किया गया है, वैसे किसानों को लाभ नहीं मिल पाया है.
जिले में रबी फसल की बोआई का बेहतर समय 15 नवंबर से 15 दिसंबर तक था. विभाग ने एक दिसंबर से धान की खरीद शुरू तो कर दी थी, लेकिन व्यावहारिक रूप में ऐसा नहीं था. छोटे व मध्यम वर्गीय किसानों ने रबी फसल की बोआई को लेकर बिचौलियों के हाथों एक हजार रुपये की दर से धान को बेच कर अपना काम चला लिया. अब रही सरकारी स्तर पर धान की खरीद करने की बात, तो इसका लाभ बड़े किसानों या बिचौलियों को ही मिलेगा.
50 हजार किसानों में मात्र पांच हजार ने कराया रजिस्ट्रेशन : पैक्स व व्यापार मंडलों के क्रय केंद्रों पर धान को बेचने के लिए 4759 किसानों व बटाईदारों ने अभी तक ऑनलाइन आवेदन किया है.
इसमें से 2046 किसानों व बटाईदारों के आवेदन पूर्ण पाया गया है. जिन किसानों का आवेदन पूर्ण है, वे ही किसान क्रय केंद्रों पर अपने धान को बेच सकेंगे. 2046 में 1397 किसान व 659 बटाईदार शामिल हैं. जिले में 234 पैक्स व 18 व्यापार मंडलों को धान की खरीद करनी है, लेकिन इन लोगों के पास आवश्यक संसाधन की कमी होने के कारण धान खरीद में बाधा आ रही है.
एक तो धान की खरीद विभाग द्वारा उस समय शुरू की गयी, जब ठंड व कुहासों का गिरना तेज हुआ.वैसे अधिकांश पैक्स व व्यापार मंडलों के पास धान की नमी मापने का यंत्र भी नहीं है. विभाग के आदेश के अनुसार क्रय केंद्रों को 17 प्रतिशत तक की नमी वाले ही धान की खरीद करनी है. नमी मापक यंत्र नहीं होने के कारण पैक्स अंदाज से नमी की पहचान कर रहे हैं.
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