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निगरानी टीम ने की हाइमास्ट की गिनती
सीवान : हाइमास्ट लाइट, एलइडी व सोलर की खरीद में गबन की जांच करने पहुंची निगरानी की टीम ने शहर में लगे एक एक हाइमास्ट लाइट की गिनती की. टीम को अंदेशा है कि कहीं नियत से कम जगह पर, तो हाइमास्ट लाइट को नहीं लगाया गया है. गिनती के क्रम में टीम ने उसमें […]
सीवान : हाइमास्ट लाइट, एलइडी व सोलर की खरीद में गबन की जांच करने पहुंची निगरानी की टीम ने शहर में लगे एक एक हाइमास्ट लाइट की गिनती की. टीम को अंदेशा है कि कहीं नियत से कम जगह पर, तो हाइमास्ट लाइट को नहीं लगाया गया है. गिनती के क्रम में टीम ने उसमें लगे बल्बों की जानकारी लेने का भी प्रयास किया.
चूंकि बल्ब काफी ऊंचाई पर लगा है, इसलिए उसकी गिनती नहीं कर सकी. टीम ने जिन स्थानों पर हाइमास्ट लाइट की गिनती की उनमें जेपी चौक, सुदर्शन साह के पोखरा, डीपीआर कॉलेज के पास, गोपालगज मोड़, लक्ष्मीपुर नगर, शिवव्रत साह का पोखरा, डीएवी मोड़, पंचमंदिरा, कागजी मुहल्ला, नया किला, सराय मोड़, स्टेशन मोड़ व सिसवन ढाला बस स्टैंड मोड़ शामिल हैं.
बिजली विभाग पहुंच जुटायी जानकारी : जांच के क्रम में निगरानी टीम शुक्रवार को बिजली विभाग पहुंच हाइमास्ट लाइट की खरीद से पूर्व दिये जानेवाले स्टैंडर्ड कोटेशन की जानकारी ली. जांच के क्रम में टीम ने यह भी जानने का प्रयास किया कि हाइमास्ट लाइट की ऊंचाई, नीचे का एरिया व उसमें लगे केबल की क्वालिटी क्या है.
हालांकि हाइमास्ट लाइट की क्वालिटी के बारे में विभाग के अधिकारियों ने बताया कि हमारे पास उसकी क्वालिटी की जांच का कोई उपकरण नहीं है. टीम ने यह भी जानने का प्रयास किया कि कनेक्शन के लिए नप द्वारा कब आवेदन दिया गया था. इधर, जानकारों का कहना है कि टीम द्वारा शीघ्र ही शहरों में लगे यूरिनल की भी गिनती की जायेगी. बताते चलें के नप में एलइडी, सोलर व हाइमास्ट लाइट की खरीद में हुए 3 करोड़ 85 लाख 43 हजार रुपये से अधिक के गबन के मामले की जांच निगरानी की टीम कर रही है. निगरानी की टीम ने गुरुवार को नगर सभापति बबलू प्रसाद सहित पूर्व सभापति अनुराधा गुप्ता सहित पूर्व व वर्तमान पार्षदों से घंटों पूछताछ की थी. टीम का नेतृत्व डीएसपी एनके सिंह व श्रीनारायण सिंह कर रहे हैं.
एलइडी, सोलर व हाइमास्ट लाइट की खरीद में गड़बड़ी की शिकायत वार्ड पार्षद इंतखाब अहमद ने की थी. इसके बाद लोकायुक्त की जांच में आरोप सही पाये जाने पर कार्यपालक पदाधिकारी राजीव रंजन प्रकाश को निलंबित किया गया था. मालूम हो कि तत्कालीन कार्यपालक अभियंता राजीव रंजन प्रकाश के समय खरीदे गये एलइडी, सोलर व हाइमास्ट लाइट की खरीद में अनियमितता की बात सामने आयी थी.
इसकी जांच जिलाधिकारी महेंद्र कुमार द्वारा भी करायी गयी थी. एक करोड़ से अधिक का घपला सामने आने के बाद निगरानी विभाग को आगे की कार्रवाई के लिए पत्र लिखा था. इसी क्रम में पटना से निगरानी टीम यहां जांच कर जांच कर रही है. इसमें डीएसपी एनके सिंह व श्रीनारायण सिंह के अलावा इंस्पेक्टर सत्यनारायण राम शामिल हैं. जांच में कई महत्वपूर्ण अभिलेख निगरानी के हाथ लगने की बात कही जा रही है.
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