अतिरिक्त 10 कमरों सहित 16 शिक्षकों की है जरूरत
हाल उमा शंकर प्रसाद उच्च विद्यालय का
महाराजगंज : 1931 में स्थापित उमा शंकर प्रसाद उच्च विद्यालय को तत्काल 10 कमरों के अलावा 16 शिक्षकों की जरूरत है. बाद में इस विद्यालय को वर्ष 2006-07 में प्लस टू में उत्क्रमित कर दिया गया.
मौजूदा समय में विद्यालय के पास आठ ही कमरे हैं. इसके सहारे 18 सौ छात्र-छात्राओं की पढ़ाई होती है. विद्यालय प्रशासन का कहना है कि कमरों व शिक्षकों के बारे में विभाग को पत्र लिखा जा चुका है. परंतु, इस पर सुनवाई नहीं हो सकी है. विभाग का अपना तर्क है कि शिक्षकों की व्यवस्था करना सरकार का काम है. वहीं, जिले में जिस भी विद्यालय के पास कमरों की कमी है, वहां बनवाने के लिए विभाग के वरीय पदाधिकारी को पत्र लिखा गया है.
विद्यालय को है भूमि की जरूरत: विद्यालय के पास जमीन की कमी है. विद्यालय के पास अपनी केवल 13 कट्ठा जमीन है. ऐसे में चाह कर भी विद्यालय प्रशासन बहुत कुछ नहीं कर सकता है.
प्रधानाध्यापक घनश्याम मिश्र का कहना है कि स्कूल के विस्तार के लिए सबसे पहले जमीन की जरूरत है. उनका कहना है कि छात्रों के बढ़ते दबाव व जगह कम होने के कारण काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.
कमरों के अभाव में दो पालियों में होती है पढ़ाई : कमरा व शिक्षकों का दंश झेल रहे विद्यालय में वर्ग का संचालन दो शिफ्टाें में होता है. पहली पाली में छात्राओं की तथा दूसरी पाली में छात्रों की पढ़ाई होती है.
मौजूदा समय में वर्ग नौ में 912 तथा 10 में 941 छात्रों का नामांकन है. हाइस्कूल में लगभग सभी विषयों के शिक्षक हैं. हिंदी विषय के शिक्षक नहीं होने की सूचना विभाग को दे दी गयी है. कंप्यूटर की पढ़ाई से विद्यालय प्रशासन संतुष्ट नहीं है. विभाग द्वारा 11 कंप्यूटरों की व्यवस्था की गयी है. लेकिन विद्यालय में लगा कंप्यूटर शोभा की वस्तु बन कर रह गया है. विद्यालय की छात्रा अंकिता कुमारी, ऋतिका, अंजलि पुष्पा, सीमा, उषा आदि का कहना था कि विद्यालय में कंप्यूटर की पढाई को कौन कहे, माउस, की बोर्ड का नाम सुना है. कैसा होता है, हम लोगों ने नहीं देखा है.