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15 दिन पूर्व जमानत पर सीवान जेल से आया था बाहर

मृतक के रोते-बिलखते परिजन व घटना के संबंध में पूछताछ करते एएसपी अरविंद कुमार गुप्ता. पुलिस के लिए चुनौती बना रहा जरलहवा का साथी ही निकला दुश्मन जितेंद्र उर्फ जरलहवा पर विभिन्न थानों में दर्ज हैं नौ मामले 10 साल तक पुलिस के हिट लिस्ट में बना हुआ था जरलहवा सीवान : मंडल कारा में […]

मृतक के रोते-बिलखते परिजन व घटना के संबंध में पूछताछ करते एएसपी अरविंद कुमार गुप्ता.

पुलिस के लिए चुनौती बना रहा जरलहवा का साथी ही निकला दुश्मन
जितेंद्र उर्फ जरलहवा पर विभिन्न थानों में दर्ज हैं नौ मामले
10 साल तक पुलिस के हिट लिस्ट में बना हुआ था जरलहवा
सीवान : मंडल कारा में आठ माह गुजारने के बाद 15 दिन पूर्व ही जमानत पर बाहर आया जितेंद्र कुमार सोनी उर्फ जरलहवा की सोमवार को गोली मार कर कर बदमाशों ने हत्या कर दी. हत्याकांड में आखिर उसके साथी का ही नाम सामने आया है, जिसके साथ मिल कर वह अब जमीन का कारोबार करता था. पुलिस के अनुसार, नगर थाने के निराला नगर निवासी जितेंद्र सोनी उर्फ जरलहवा आपराधिक चरित्र का व्यक्ति था. इस पर सिर्फ नगर व सराय ओपी थाने में करीब नौ मामले दर्ज हैं.
जितेंद्र उर्फ जरलहवा वर्ष 2006 में पहली बार अपराध की दुनिया में कदम रखा. लूट के मामलों में 2006 में नगर थाने में कांड संख्या 244/06 पुलिस ने दर्ज की. इसके बाद नगर थाने में 173/07, 183/07, 184/07, 112/10, 334/14, 690/15, 691/15 तथा सराय थाने में 124/15 कांड पुलिस ने दर्ज किये. इनमें से अधिकतर मामले लूट, छिनतई तथा आर्म्स एक्ट से संबंधित हैं.
टल्लू बांसफोर की हत्या का भी आरोपि था जितेंद्र : स्वर्णकार बिरादरी से आनेवाला जितेंद्र उर्फ जरलहवा अधिकतर स्वर्ण व्यवसायियों को ही अपनी लूट का शिकार बनाता था. इसका आतंक जब चरम पर था, तो स्वर्ण व्यवसायियों के बीच हमेशा दहशत बनी रहती थी. इधर कुछ वर्षों से जमानत पर छूटने के बाद यह जमीन के कारोबार से जुड़ गया था. अापराधिक छवि होने के कारण भूमि के व्यवसाय में इसको लाभ मिलता था. कुछ वर्षों पूर्व सराय ओपी थाने क्षेत्र में हुए टल्लू बांसफोर की हत्या का भी यह आरोपित था. इस मामले में भी जरलहवा को कोर्ट से जमानत मिली थी.
महावीर प्रसाद के चार पुत्रों में तीन की हो चुकी है मौत : निराला नगर निवासी महावीर प्रसाद सोनी के चार पुत्रों में तीन की मौत हो चुकी है. सबसे पहले रामजी सोनी तीन-चार साल पहले उसके ही साथियों ने जहरीला पदार्थ खिला कर हत्या कर दी. उसके बाद दूसरे बेटे धर्मेंद्र सोनी ने घर में ही फंदा लगा कर आत्महत्या कर ली. सोमवार को तीसरे बेटे जितेंद्र उर्फ जरलहवा की अपराधियों ने गोली मारकर दिनदहाड़े हत्या कर दी. अब महावीर प्रसाद के घर में उसका एक पुत्र विनोद सोनी बचा है, जो चाट बेच कर अपने परिवार का भरण-पोषण करता है.

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