सीवान : अब अंडा उत्पादन में सीवान के लोगों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए विभाग ने पहल शुरू कर दी है. जिले में जिले में कुपोषण के विरुद्ध संधर्ष तेज करने एवं अंडा उत्पादन में सीवान को आत्मनिर्भर बनाने के लिए अंडा उत्पादकों की उद्यमिता का एक अभियान शुरू किया गया है.
इसको लेकर शुक्रवार को नाबार्ड व अग्रिणीय जिला बैंक, सीवान के संयुक्त तत्वावधान में जिला पर्षद के सभागार में कार्यशाला का आयोजन किया गया. उद्घाटन डीडीसी राजकुमार, सेवानिवृत्त भारतीय प्रशासनिक सेवा के पदाधिकारी व बिहार विद्यापीठ, पटना के सचिव राणा अवधेश सिंह ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया. इस दौरान अतिथियों का स्वागत अग्रणी जिला प्रबंधक रंजीत सिंह, जिला विकास प्रबंधक नाबार्ड मो. आफताबुद्दीन ने बुकेट दे कर किया.
इस दौरान राज नव प्रवर्तन पर्षद के सदस्य संजीव श्रीवास्तव ने कहा कि एक व्यक्ति के लिए प्रतिवर्ष 180 अंडों की जरूरत पड़ती है. वहीं, मात्र 11 अंडे ही उपलब्ध हो पाते हैं. ऐसे में मांग को पूरा करने को लेकर अंडा उत्पादन इकाई की स्थापना जरूरी है. इसको लेकर परियोजना निर्माण से लेकर कच्चे माल की आपूर्ति, प्रशिक्षण एवं विपणन में सहयोग किया जायेगा.
1600 अंडा उत्पादन इकाइयों को खड़ा करने का लक्ष्य रखा गया है. जिला कृषि पदाधिकारी राजेंद्र वर्मा ने कहा कि पांच हजार अंडा उत्पादन की एक इकाई स्थापित करने के लिए 8 से 10 हजार वर्ग फुट जमीन उपलब्ध हो तथा परियोजना लागत का कम-से-कम 25 प्रतिशत राशि निवेश करने को इच्छुक हो, वो इसका पात्रता रखता है. परियोजना निदेशक केके चौधरी ने तकनीकी मदद के लिए उन्होंने हाथ बढ़ाने की बात कही.
मौके पर 275 लोगों ने आवेदन दिये. इस दौरान जिला मत्स्य पदाधिकारी मनीष श्रीवास्तव, कुकुट अधिकारी डॉ. राजकुमार सिन्हा, निर्देशक आरसेटी एकेएल दास, धर्मेंद्र कुमार, परफेक्ट विजन के मनोज मिश्र मौजूद रहे. धन्यवाद ज्ञापन जिला प्रबंधक रंजीत सिंह ने किया.