दुखद. रामगढ़ा गांव में अपराधियों ने दिया घटना को अंजाम
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एलआइसी एजेंट की गोली मार हत्या
दुखद. रामगढ़ा गांव में अपराधियों ने दिया घटना को अंजाम हत्याओं के लिए चर्चित रहा है रामगढ़ा गांव दरौंदा़ : थाना क्षेत्र के रामगढ़ा गांव में शनिवार की रात करीब 8.30 बजे छत पर सो रहे एलआइसी एजेंट को अपराधियों ने गोली मार दी. उसकी मौत इलाज के क्रम में महाराजगंज पीएचसी में हो गयी. […]
हत्याओं के लिए चर्चित रहा है रामगढ़ा गांव
दरौंदा़ : थाना क्षेत्र के रामगढ़ा गांव में शनिवार की रात करीब 8.30 बजे छत पर सो रहे एलआइसी एजेंट को अपराधियों ने गोली मार दी. उसकी मौत इलाज के क्रम में महाराजगंज पीएचसी में हो गयी. घटना को अंजाम देने के बाद हथियार लहराते हुए फरार हो गये. मृतक 40 वर्षीय मुन्ना सिंह है, जो प्रभुनाथ सिंह का पुत्र है. इसके पिता के नाम से जनवितरण प्रणाली की दुकान भी है. घटना के संबंध में बताया जाता है कि मुन्ना सिंह खाना खाने के बाद छत पर सो रहे थे, तभी अपराधियों ने गोली मार दी. इससे उसकी मौत घटनास्थल पर ही हो गयी.
अपराधियों ने घटना को अंजाम घर के समीप स्थित पेड़ पर चढ़ कर दिया. गोली की आवाज सुन कर परिजन जब छत पर गये, तो देखा कि मुन्ना खून से लथपथ तड़प रहे हैं. आनन-फानन में घर वाले जख्मी मुन्ना को लेकर महाराजगंज अस्पताल पहुंचे, जहां डॉक्टरों ने मुन्ना काे मृत घोषित कर दिया़ घटना का कारण अभी पता नहीं चल सका है़ मृतक के पिता पीडीएस दुकानदार हैं. वहीं, उसकी पत्नी सीमा देवी मध्य विद्यालय रामगढ़ा की शिक्षिका हैं. मृतक को एक पुत्र व दो पुत्री हैं. मृतक के पिता प्रभुनाथ सिंह के बयान पर पुलिस ने गांव के ही अनिल सिंह सहित तीन लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करायी है. थानाध्यक्ष सुनील कुमार ने बताया कि प्राथमिकी दर्ज कर आरोपितों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की जा रही है़
पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम कराने के बाद परिजनों को सौंप दिया.
दरौंदा : जिले में हत्या के मामले में थाना क्षेत्र का रामगढ़ा गांव पिछले वर्ष से चर्चा में रहा है़ अब रामगढ़ा वासी जहां अपने आप को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर पुलिस किसी भी हत्याकांड का उद्भेदन करने में असफल रही है़ इसको लेकर ग्रामीणों कई बार सड़क भी जाम कर चुके हैं. इधर, एक हत्या के बाद गांव के लोगों को अगली हत्या की चिंता सताने लगती है कि अब किसकी बारी है. गौरतलब हो कि 15 मार्च, 2015 को पृथ्वीनाथ सिंह की बथान में सोये अवस्था में अपराधियों ने गोली मार कर हत्या कर दी थी. उसका आज तक उद्भेदन नहीं हो सका़ पृथ्वीनाथ सिंह के बाद अपराधियों ने लालबाबू सिंह की भी गोली मार कर हत्या कर दी तथा तीन दिसंबर, 2015 को भी भोला सिंह को अपराधियों ने गोली मार कर हत्या कर दी़ इससे यह गांव जिले में हत्या के लिए चर्चित रहा़
इन हत्याओं के बाद भी पुलिस सचेत नहीं हुई. ग्रामीणों का कहना है कि पुलिस अगर सचेत रहती, तो मुन्ना सिंह की हत्या नहीं होती़ वहीं, ग्रामीण बार-बार रामगढ़ा गांव में प्रशासन से पुलिस चौकी की मांग करते रहे हैं, लेकिन आज तक रामगढ़ा गांव में पुलिस चौकी स्थापित नहीं हुई. इससे रामगढ़ावासी आज भी दहशत के साये में जी रहे हैं.
खुद को असुरक्षित महसूस करने लगे हैं ग्रामीण
कई बार विरोध में सड़क को जाम कर चुके हैं ग्रामीण
कई मामलों का उद्भेदन करने में असफल रही है पुलिस
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