सीवान : चौंकिए नहीं, जनाब. यह जलजमाव प्रभावित वार्ड 27 का इसलामिया नगर मुहल्ला है, जहां के लोगों का हर दिन परेशानियों से सामना होता है. या यूं कहें तो उन्हें नारकीय जीवन बसर करना पड़ रहा है. बरसात के मौसम में यहां हर तरफ जलजमाव, कीचड़, गंदगी का साम्राज्य पसरा हुआ है. इससे मुहल्लावासियों व राहगीरों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.
हर तरफ अव्यवस्था
सुंदर, स्वच्छ व स्वस्थ सीवान के नगर पर्षद का दावा यहां हर ओर फेल नजर आता है. नगर पर्षद के वार्ड 27 के अंतर्गत आनेवाले इसलामियां नगर मुहल्ले की स्थिति तो गांवों से भी बदतर है. यहां न तो सड़क है न गली. पीसीसी नहीं होने के कारण सड़कें कीचड़ व नाले में तब्दील हैं. वहीं, नाला निर्माण नहीं होने से जलनिकासी की समस्या है. मुहल्ले से कूड़े का नियमित उठाव नहीं होने के कारण कूड़े का अंबार लगा है.
यहां न सड़क दुरुस्त, न नाले की सुविधा
नगर पर्षद का दावा फेल
स्कूली बच्चे होते हैं परेशान
मुहल्ले की सड़क पीसीसी नहीं होने के कारण सड़कें कीचड़ में तब्दील हैं. सबसे अधिक परेशानी तो स्कूली बच्चों को होती है. इनको जूता, चप्पल हाथ में लेकर सड़क से जाना पड़ रहा है. सड़कों पर जलजमाव व सड़कें कीचड़ से सनी हैं. इस कारण लगभग हर दिन दुर्घटनाएं हो रही हैं. बाइक व साइकिल सवार इस सड़क पर गिर कर कीचड़ से सन जा रहे हैं. सबसे अधिक दुर्घटना का भय तो छोटे स्कूली बच्चों को सता रहा है.
नगर पर्षद को है सिर्फ टैक्स से वास्ता, सुविधाएं नदारद
मुहल्लावासियों का कहना है कि कहने को ही वे नगर के नागरिक हैं. यहां सुविधाएं सिफर हैं. नगर पर्षद उनमें होल्डिंग टैक्स समेत अन्य टैक्स वसूल करता है. लेकिन, सुविधाओं के नाम पर ठेंगा है. अन्य मुहल्लों में डोर-टू-डोर योजना के तहत प्रतिदिन कचरा उठाने का कार्य किया जाता है, लेकिन इस मुहल्ले में यह सुविधा भी नदारद है.
क्या कहते हैं मुहल्लावासी
1500 आबादीवाले इस मुहल्ले में नागरिकों के बीच सुविधाओं का घोर अभाव है. बार-बार आग्रह के बाद न तो स्थानीय जनप्रतिनिधि सुन रहे हैं और न ही विभाग.
डॉ प्रो. आफताब आलम
हमारे साथ तो अब लग रहा है कि भेदभाव किया जा रहा है. एक खास स्थान तक सड़क, नाली आदि सभी सुविधाएं हैं, लेकिन हमलोग इससे अधूरे हैं.
मो. नेयाज
हमलोगों ने सुविधा व बच्चों की बेहतर शिक्षा के ख्याल से अपना गांव छोड़ कर यहां मकान बनाया है. लेकिन, अब तो स्थिति देख कर लगता है कि गांव ही बेहतर था.
ताज महमद
अब तो हमलोगों को लगता है कि नगर व अभाव में ही जीना हमारी नियति बन गयी है. जनप्रतिनिधि व विभाग से गुहार लगा कर थक चुके हैं.
मो. शमसुुद्दीन
क्या कहते हैं अधिकारी
कुछ नये बसे मुहल्लों में ऐसी समस्याएं हैं. मुख्यमंत्री के सात निश्चयों के अंतर्गत हर गली-मुहल्ले तक पक्की सड़क व नाली की व्यवस्था की जानी है. इसलामिया नगर का भी सर्वेक्षण हुआ है. वहां भी सभी सुविधाएं उपलब्ध होंगी. ऐसे इस मुहल्ले की स्थितियों का सर्वेक्षण कर रिपोर्ट मंगायी जा रही है. शीघ्र ही समस्या का निदान करने का प्रयास होगा.
आरके लाल, नगर कार्यपालक पदाधिकारी, सीवान