आश्चर्यजनक. लंबे समय से गायब हैं कुछ सरकारी डॉक्टर
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डॉक्टर नहीं डरते कार्रवाई से
आश्चर्यजनक. लंबे समय से गायब हैं कुछ सरकारी डॉक्टर डॉक्टरों की अनुपस्थिति से मरीजों को इलाज कराने में होती है परेशानी सीवान : सरकारी अस्पतालों में अपनी ड्यूटी से गायब रहनेवाले कई डॉक्टर कभी विभागीय कार्रवाई से नहीं डरते हैं. ऐसे डॉक्टरों की विभाग में पहुंच होती है. इसका फायदा उठा कर ये अपनी फाइलों […]
डॉक्टरों की अनुपस्थिति से मरीजों को इलाज कराने में होती है परेशानी
सीवान : सरकारी अस्पतालों में अपनी ड्यूटी से गायब रहनेवाले कई डॉक्टर कभी विभागीय कार्रवाई से नहीं डरते हैं. ऐसे डॉक्टरों की विभाग में पहुंच होती है. इसका फायदा उठा कर ये अपनी फाइलों को दबा देते हैं और आराम से मनचाही जगहों पर प्राइवेट प्रैक्टिस करते हैं. जिले में करीब आधा दर्जन से अधिक ऐसे डॉक्टर हैं, जो विभाग को बिना किसी प्रकार की सूचना दिये वर्षों से लापता हैं. विभाग ने ऐसे डॉक्टरों के विरुद्ध कार्रवाई करने के लिए सरकार को भेजा.
लेकिन, कोई कार्रवाई नहीं किये जाने से ऐसे डॉक्टरों के हौसले बुलंद हैं. स्थानीय विभाग के अधिकारियों को पता है कि ऐसे डॉक्टर अपना प्राइवेट प्रैक्टिस करने में व्यस्त हैं. लेकिन वे कुछ कर नहीं पाते हैं. वहीं, एेसे कुछ डॉक्टरों के नहीं आने से कई मरीजों को इलाज के अभाव में बैरंग भी लौटना पड़ता है.
11 डॉक्टरों में दो वर्षों से है अनधिकृत छुट्टी पर : सदर अस्पताल में वर्तमान में 11 डॉक्टरों को पदस्थापित किया गया है. एक डॉक्टर रंजीत कुमार सिंह वर्षों पहले सदर अस्पताल में ज्वाइन तो किया, लेकिन एक दिन भी सदर अस्पताल में मरीजों को नहीं देखा. इसी तरह बालरोग विशेषज्ञ डॉ इंद्रमोहन भी वर्षों से अनधिकृत रूप से छुट्टी पर चल रहे हैं. वहीं सदर अस्पताल में करीब एक साल पूर्व महिला डॉ रेणु रानी चौधरी की पदस्थापना विभाग ने की थी. ज्वाइन करने के बाद उन्होंने एक दिन भी एक मरीज का उपचार नहीं किया तथा लंबी छुट्टी पर अनधिकृत रूप से रहीं. उनका स्थानांतरण विभाग ने इस माह दूसरी जगह पर कर दिया, तो चार जुलाई को विरमित होने के लिए आयीं. 04 जुलाई को ही दो पूर्व के डेट में उन्हें विभाग ने सीवान में ज्वाइन कराया और 04 जुलाई के डेट में उन्हें विरमित किया गया.
प्राइवेट प्रैक्टिस में व्यस्त रहते हैं कई डॉक्टर
क्या कहते हैं सीएस
सरकारी अस्पतालों के डॉक्टर काम नहीं करने की भावना देखी जा रही है. किसी से जबरदस्ती काम कराया नहीं जा सकता. जो काम नहीं करता है, उसके विरुद्ध विभाग के नियम के अनुसार कार्रवाई करने की अनुशंसा की जाती है. डॉक्टरों को समझा-बुझा कर किसी तरह काम लिया जा रहा है. पहले से स्थिति बेहतर हुई है.
डॉ शिवचंद्र झा, सिविल सर्जन
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