पानी बढ़ने पर कई गांव आयेंगे इसकी चपेट में
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सरयू नदी का बढ़ रहा जल स्तर
पानी बढ़ने पर कई गांव आयेंगे इसकी चपेट में सहायक नदियों में भी बढ़ रहा पानी सीवान : जिले से गुजरने वाली सरयू नदी धीरे-धीरे उफान लेने लगी है. क्योंकि पश्चिम चंपारण के वाल्मीकिनगर के समीप गंडक के बराज का फाटक क्षतिग्रस्त होने व नेपाल में हो रही बारिश से इस नदी में पानी बढ़ […]
सहायक नदियों में भी बढ़ रहा पानी
सीवान : जिले से गुजरने वाली सरयू नदी धीरे-धीरे उफान लेने लगी है. क्योंकि पश्चिम चंपारण के वाल्मीकिनगर के समीप गंडक के बराज का फाटक क्षतिग्रस्त होने व नेपाल में हो रही बारिश से इस नदी में पानी बढ़ रहा है. इससे सहायक नदियों में भी पानी बढ़ रहा है. इससे बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है. इसी तरह पानी बढ़ा, तो दर्जनों गांव बाढ़ के पानी से घिर जायेगा और सैकड़ों एकड़ भूमि की फसल नष्ट हो जायेगी. बाढ़ की आशंका को लेकर विभाग के वरीय अधिकारी तटों के निरीक्षण कर रहे हैं और पल-पल की जानकारी लेने में जुटे हैं.
उधर, तटबंधों की सुरक्षा को लेकर निगरानी भी रखी जा रही है. अगर सरयू नदी ने उफान ली, तो जिले के गुठनी, दरौली, सिसवन व रघुनाथपुर प्रखंड के गांव प्रभावित होंगे. दरौली में डेंजर जोन से 19 सीएम पानी अभी कम है. अगर पानी 19 सीएम बढ़ गया, तो आसपास के गांवों की फसल नष्ट हो सकती है. इधर, जिलाधिकारी महेंद्र कुमार बाढ़ व आपदा को देखते हुए अधिकारियों को इसको लेकर आवश्यक निर्देश दे चुके हैं. उन्होंने सभी अधिकारियों को अलर्ट भी कर दिया है. गुठनी क्षेत्र में सरयू और छोटी गंडक नदी में पानी घटने से ग्रामीणों को थोड़ी राहत मिली है, लेकिन मन से भीषण बाढ़ का डर सता रहा है. ग्रामीणों का मानना है कि अभी औसतन बारिश नहीं हुई है और पानी ज्यादा बढ़ गया है. हालांकि सोमवार की रात से पानी धीरे-धीरे घट रहा है, फिर भी भय व्याप्त है. ग्रामीणों ने कहा कि विभाग बिल्कुल लापरवाह है. जब बाढ़ आती है, तो विभाग के अधिकारी आते हैं और व्यवस्था में लगते हैं, तब तक हमलोगों का बहुत कुछ नुकसान हो चुका होता है. गुठनी के सोहगरा से लेकर मैरीताड़ तक लगभग 16 किलोमीटर तक के ग्रामीण बाढ़ की विभीषिका झेलते हैं.
डीएम के आदेश के बावजूद अलग रजिस्टर पर बनती है हाजिरी
डीएम महेंद्र कुमार ने सिविल सर्जन को स्पष्ट आदेश दिया है किसी भी हालत में सभी डॉक्टरों व कर्मचारियों की हाजिरी बायोमिटरिक पर ही बननी चाहिए. डीएम के इस आदेश को अनदेखा करते हुए कर्मचारियों ने एक अलग से रजिस्टर भी हाजिरी बनाने के लिए खोल दिया है. बहुत से डॉक्टर और कर्मचारी ऐसे हैं, जिनके फिंगर प्रिंट को बायोमिटरिक पर स्कैन नहीं किया गया है. ऐसे लोग रजिस्टर पर ही हाजिरी बनाते हैं. कुछ ऐसे डॉक्टर हैं, जो बायोमिटरिक पर हाजिरी तो सबसे पहले बनाते हैं, लेकिन दिन भर अस्पताल में नजर नहीं आते हैं.
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