राजदेव हत्याकांड. घटना के मास्टरमाइंड लड्डन के मुंह नहीं खोलने से मुश्किल में पुलिस
Advertisement
हत्यारे सलाखों के पीछे, पर राज अनसुलझा
राजदेव हत्याकांड. घटना के मास्टरमाइंड लड्डन के मुंह नहीं खोलने से मुश्किल में पुलिस सोमवार 13 जून को पत्रकार राजदेव रंजन की हत्या का एक माह पूरा हो जायेगा. राजदेव की हत्या से हर कोई सकते में आ गया था. मीडिया जगत में खलबली मच गयी थी. इस बीच पुलिस ने बहुत ही कम समय […]
सोमवार 13 जून को पत्रकार राजदेव रंजन की हत्या का एक माह पूरा हो जायेगा. राजदेव की हत्या से हर कोई सकते में आ गया था. मीडिया जगत में खलबली मच गयी थी. इस बीच पुलिस ने बहुत ही कम समय में हत्यारोपितों को सलाखों के पीछे करने में सफलता पा ली. गिरफ्तार पांचाें अपराधियों ने हत्या का मास्टरमाइंड लड्डन मियां को बताया. पुलिस के समक्ष अंत में लड्डन ने आत्मसमर्पण कर दिया. अब लड्डन द्वारा नार्को टेस्ट से इनकार करने पर पुलिस को एक झटका लगा है. वहीं, अब सभी की निगाहें सोमवार को कोर्ट के फैसले पर टिकी हैं.
सीवान : पत्रकार राजदेव रंजन हत्याकांड के एक माह बाद भी हत्या का राज अनसुलझा ही रह गया है. आखिर राजदेव की हत्या क्यों की गयी. यह अब भी पुलिस के लिए राज ही बना हुआ है. 13 मई की शाम अपने कार्यालय से घर जाते वक्त स्टेशन रोड फलमंडी के समीप राजदेव रंजन की गोली मार कर हत्या कर दी गयी थी. पुलिस ने एक पखवारे के अंदर हत्याकांड का खुलासा करते हुए पांच आरोपितों को गिरफ्तार किया.
इनके पास से हत्या में प्रयुक्त पिस्टल व बाइक भी बरामद हुईं. इन सभी ने नगर थाने के रामनगर निवासी कुख्यात लड्डन मियां को हत्याकांड का मास्टरमाइंड बताते हुए कहा कि लड्डन ने ही हत्या की सुपारी दी थी और उसी के कहने पर हत्या को अंजाम दिया गया. लड्डन के आत्मसमर्पण के बाद पुलिस ने उसे रिमांड पर लिया. लेकिन, इस दौरान उसके मुंह नहीं खोलने से हत्या का राज अनसुलझा ही रह गया. इधर, पुलिस के नार्को व पोलीग्राफ टेस्ट के लिए आवेदन पर लड्डन के इनकार कर देने से इसकी संभावना भी काफी कम हो गयी है. इससे पुलिस की मुश्किलें और बढ़ती दिख रही हैं.
हत्या के खुलासे के बाद अब मास्टरमाइंड के मुंह खोलने का रह गया इंतजार : 13 मई की शाम अपने कार्यालय से घर लौटते वक्त नगर थाने के स्टेशन रोड में फलमंडी के नजदीक बाइक सवार अपराधियों ने पांच गोलियां उतार कर राजदेव की हत्या कर दी थी. इसके बाद पुलिस पर काफी दबाव बढ़ गया. देश समेत विदेशी मीडिया में भी यह खबर सुर्खी बन गयी थी. राजनीतिक और सामाजिक हलकों में इसकी काफी भर्त्सना हुई. इसे लोकतंत्र की हत्या बताया गया.
इससे स्थानीय प्रशासन व बिहार सरकार की काफी किरकिरी हुई. बाद में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस हत्याकांड की जांच सीबीआइ को सौंपने की घोषणा की. लेकिन, इस बीच पुलिस अपनी जांच में जुटी रही. पुलिस को उस समय काफी सफलता हाथ लगी, जब इस हत्याकांड में शामिल पांच अपराधियों की गिरफ्तारी करते हुए पुलिस ने हत्याकांड का खुलासा कर दिया. साथ ही मौके से हत्याकांड में प्रयुक्त पिस्टल और बाइक भी बरामद कर ली गयी. पत्रकार हत्याकांड में नगर थाने के ही पांच युवकों का नाम आया और सभी ने हत्याकांड का मास्टरमाइंड नगर थाने के रामनगर निवासी लड्डन मियां उर्फ अजहरूदीन बेग को बताया. हत्याकांड मामले में नगर थाने के कसेरा टोली निवासी रोहित कुमार,
शुक्ल टोली निवासी विजय कुमार व सोनू कुमार, पंचमंदिरा निवासी रिशु कुमार और बबुनिया रोड निवासी राजेश कुमार को गिरफ्तार किया गया. इसमें मुख्य शूटर के रूप में रोहित की पहचान हुई और रोहित की गोली से ही राजदेव की हत्या की बात सामने आयी. पांचों हत्यारोपितों ने लड्डन मियां द्वारा ही हत्या की सुपारी देने और उसे ही हत्याकांड का मास्टरमाइंड बताया. बाद में जेल से इन पांचों को पुलिस रिमांड पर लिया गया. वहां इन सभी ने अपने पुराने बयान को दोहराया.
पुलिस को छकाता रहा लड्डन : पत्रकार राजदेव रंजन की हत्या के तुरंत बाद जब पुलिस टीम लड्डन मियां के रामनगर स्थित घर पर पहुंची, तो वह परिवार समेत वहां से गायब मिला. फिर पुलिस का शक उस पर पुख्ता होता गया. 25 मई को पत्रकार हत्याकांड को अंजाम देनेवाले पांच बदमाशों के पुलिस के हत्थे चढ़ने के बाद इस हत्याकांड का खुलासा हो गया और लड्डन मियां ही इस हत्याकांड का मास्टरमाइंड निकला. इसके बाद पुलिस ने उसकी तलाश तेज कर दी.
जगह-जगह छापेमारी के बाद भी सफलता हाथ नहीं लगी. इस बीच लड्डन मियां ने पटना हाइकोर्ट में पुलिस से अपनी पत्नी व अपनी जान के खतरे का हवाला देते हुए अपील दाखिल कर दी. पुलिस ने कुर्की जब्ती की कार्रवाई शुरू की. इस बीच लड्डन की पत्नी और तीन बहन व भाई ने अपने को हिस्सेदार बताते हुए कोर्ट में अपील दायर कर दी. फिर अगले दिन सुनवाई के पूर्व ही पुलिस को चकमा देते हुए सीजेएम कोर्ट में आत्मसमर्पण कर दिया. वहां से उसे न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया. लड्डन के आत्मसमर्पण के बाद पुलिस को इस बात का भरोसा हो चला था कि अब वह घटना के पूर्ण खुलासे में सफल हो सकेगी और मास्टरमाइंड लड्डन से इस घटना का राज खोलने में उसे सफलता मिलेगी कि आखिर उसने किस अदावत में पत्रकार राजदेव रंजन की हत्या करवाई. पुलिस ने न्यायालय के आदेश पर जेल में बंद लड्डन का तीन दिन का रिमांड लिया. इस दौरान उससे कई दौर की पूछताछ की गयी.
साथ ही मुख्य शूटर रोहित सहित अन्य हत्यारोपितों के समक्ष भी लड्डन को बैठा कर उससे पूछताछ की गयी. लेकिन, लड्डन ने पुलिस के सामने मुंह खोलने से इनकार कर दिया. इससे हत्या के पीछे के कारणों के खुलासे की पुलिस की हसरत धरी-की-धरी रह गयी.
अब कोर्ट के फैसले का इंतजार : पुलिस रिमांड में लड्डन मियां के मुंह नहीं खोलने के बाद पुलिस नार्को व पोलीग्राफ टेस्ट को महत्वपूर्ण मान रही थी. इधर, लड्डन भी रिमांड के दौरान लगातार नार्को सहित किसी भी टेस्ट के लिए तैयार रहने की बात लगातार पुलिस के समक्ष दोहरा रहा था. लड्डन का मुंह खुलवाने में असफल रही पुलिस ने उसके नार्को व पोलीग्राफ टेस्ट के लिए आवेदन दिया. कोर्ट में लड्डन मियां ने टेस्ट से साफ इनकार कर दिया. समान्यत: ऐसे मामलों में आरोपित की सहमति आवश्यक है. हालांकि कोर्ट ने इस पर अभी अपना फैसला सुरक्षित रखा है. इसका सभी को इंतजार है. पुलिस भी अपने अगले कदम के लिए फैसले का इंतजार कर रही है. इस बीच पुलिस कानूनी सलाह लेने में जुटी हुई है.
शिक्षक संघ ने पत्रकार के परिजनों को दी एक लाख की सहायता
सीवान : दिवंगत पत्रकार राजदेव रंजन के परिजनों को सांत्वना व आर्थिक सहायता देने का दौर जारी है. रविवार को माध्यमिक शिक्षक संघ के राज्याध्यक्ष पूर्व सांसद शत्रुघ्न प्रसाद सिंह व संघ के महासचिव सह एमएलसी केदारनाथ पांडेय राजदेव रंजन के पैतृक गांव हकाम पहुंचे व परिजनों को सांत्वना दी. वे दोनों नगर के महादेवा मिशन स्थित दिवंगत पत्रकार के आवास पहुंचे. राजदेव रंजन की पत्नी आशा रंजन को एक लाख का चेक शिक्षक संघ की ओर से प्रदान किया.
श्री सिंह ने कहा कि राजदेव रंजन ने निर्भीक पत्रकारिता के लिए शहादत दी है. उसके लिए पार्टी सड़क से सदन तक मामले को उठायेगी. उनके परिवार को अभी तक एक भी पैसा सरकारी सहायता नहीं मिलना का दुर्भाग्यपूर्ण है. संघ अपनी ओर से और सहायता राशि उपलब्ध करायेगा. साथ ही उनके बच्चों की शिक्षा के लिए भी सहायता करेगा. एमएलसी श्री पांडेय ने कहा कि गुंडागर्दी के खिलाफ शुरू से ही भाकपा लड़ती रही है और इसके लिए अंतिम सांस तक लड़ाई जारी रहेगी.
राजदेव की बेवा आशा रंजन ने हत्यारों की गिरफ्तारी पर संतोष जताते हुए कहा कि पुलिस की कार्रवाई अब तक तो संतोषजनक है, लेकिन अब तक घटना के पीछे का राज अनसुलझा है. उन्होंने सीबीआइ से तत्काल इस मामले को अपने हाथ में लेने की अपील की. मौके पर सारण शिक्षक संघ के महासचिव चंद्रमा सिंह, दिनेश सिंह, मनन सिंह, राजन तिवारी, अशोक प्रियंवर आदि मौजूद रहे.
क्या कहते हैं एसपी
राजदेव रंजन हत्याकांड में पुलिस ने अपना सर्वश्रेष्ठ देने का प्रयास किया है. घटना के 12 दिनों के अंदर हत्याकांड का खुलासा करते हुए मुख्य शूटर समेत पांच हत्यारे गिरफ्तार किये गये. पुलिस के दबाव में मास्टरमाइंड लड्डन मियां ने भी आत्मसमर्पण कर दिया. घटना के संबंध में उसके मुंह नहीं खोलने के बाद नार्को टेस्ट के लिए आवेदन दिया गया है. इस पर फैसला होना बाकी है. पुलिस इस मामले में सभी पहलुओं व तकनीक पर कार्रवाई कर रही है. चार फरार हत्यारोपितों की गिरफ्तारी में भी पुलिस लगी है. हत्याकांड के पूर्ण खुलासे का प्रयास जारी है.
सौरभ कुमार साह, पुलिस कप्तान, सीवान
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement