सीवान : वरिष्ठ पत्रकार राजदेव रंजन हत्याकांड के गुजरे सात दिनों में हर दिन पुलिस अपनी तफतीश में कामयाबी मिलने का दावा कर रही है. इस बीच घटना के बाद से ही अघोषित तौर पर पुलिस के निशाने पर मंडल कारागार भी है. इसको लेकर प्रशासन लगातार अलर्ट है.
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पुलिस की तफतीश में सीवान जेल निशाने पर
सीवान : वरिष्ठ पत्रकार राजदेव रंजन हत्याकांड के गुजरे सात दिनों में हर दिन पुलिस अपनी तफतीश में कामयाबी मिलने का दावा कर रही है. इस बीच घटना के बाद से ही अघोषित तौर पर पुलिस के निशाने पर मंडल कारागार भी है. इसको लेकर प्रशासन लगातार अलर्ट है. सबसे पहले पूर्व सांसद के करीबी […]
सबसे पहले पूर्व सांसद के करीबी की हुई थी गिरफ्तारी: पत्रकार की हत्या की रात ही पुलिस ने जीरादेई थाने के भैंसाखाल से चार लोगों को हिरासत में लिया था. इसमें नगर थाना के विशेश्वर नगर निवासी उपेंद्र सिंह शामिल रहे. भाजपा नेता श्रीकांत हत्याकांड के मास्टरमाइंड के रूप में उपेंद्र पुलिस की तफतीश का हिस्सा है. इस मामले में जमानत पर वह जेल से बाहर था. इसकी गिरफ्तारी के बाद से ही पुलिस की जांच जेल में बंद अन्य अभियुक्तों की तरफ भी घिरती रही है. इस क्रम में जेल में बंद श्रीकांत हत्याकांड के सुपारी किलर चवन्नी से भी पूछताछ हुई है.
इसके अलावा जानलेवा हमला व आर्म्स एक्ट में जमानत पर बाहर आये नगर थाने के रामनगर निवासी लड्डन मियां को भी पुलिस तलाश रही है. वहीं, पूर्व सांसद शहाबुद्दीन के हुसैनगंज थाने के प्रतापपुर गांव के ही मुंशी मियां को भी हिरासत में लेकर पुलिस ने पूछताछ की है. हालांकि पुलिस का खुद मानना है कि राजदेव हत्याकांड से जुड़ा कोई सुराग इससे नहीं मिला है. जांच के दौरान पूछताछ के बाद उपेंद्र सिंह को शराब रखने व आंदर थाना के नरेंद्रपुर गांव के सोनू सिंह की हत्या के प्रयास के पुराने मामले में पुलिस ने जेल भेज दिया. सोनू के बारे में पुलिस का कहना है कि वह उपेंद्र सिंह का काफी करीबी है.
मंडल कारा परिसर से मिले मोबाइलों की हो रही जांच : बुधवार को मंडल कारा परिसर में अचानक तीन घंटे तक चली छापेमारी से हड़कंप मच गया था. यहां पुलिस ने 39 मोबाइलें जब्त कर 50 लोगों से पूछताछ की थी. इसके बाद 20 लोग संदेह के घेरे में रहे. इनकी गहन जांच चल रही है. इसमें नगर पर्षद की पूर्व अध्यक्ष कृष्णा देवी,
अताउल्लाह, लालबाबु चौधरी, बबलू समेत अन्य शामिल हैं. इसमें से पुलिस अब भी पांच लोगों से पूछताछ कर रही है. बरामद किये गये मोबाइल व सिम के कागजात संबंधित लोगों से मांगे गये हैं. इनकी पुलिस सघन जांच करेगी. इसके अलावा इन नंबरों का कॉल डिटेल निकाला जा रहा है. पुलिस का कहना है कि छापेमारी से पहले जेल से मुलाकात कर निकल चुके लोगों की भी पुलिस छानबीन कर रही है. उनके भी मोबाइल का कॉल डिटेल निकाला जा रहा है.
चुनाव के दौरान गैर जेल में शहाबुद्दीन की होती रही है शिफ्टिंग : पूर्व में हुए कई लोकसभा व विधानसभा चुनावों के दौरान भी पूर्व सांसद मो. शहाबुद्दीन की गैर जेल में शिफ्टिंग हो चुकी है. मतदान को प्रभावित करने की आशंका में ये कार्रवाई गृह विभाग के आदेश पर होती रही है. इसके तहत गया व भागलपुर सेंट्रल जेल में पूर्व में भेजा गया है.
हाल में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान गया सेंट्रल जेल में भेजा गया था. पहली बार इससे इतर गैर जेल में शिफ्टिंग की कार्रवाई हुई है. पत्रकार राजदेव हत्याकांड के बाद जेल परिसर में छापेमारी व पूर्व सांसद के भागलपुर सेंट्रल जेल में शिफ्टिंग चर्चा में है.
डीएम-एसपी ने की शहाबुद्दीन से बातचीत!
मंडल कारागार परिसर में भारी संख्या में पुलिस बल की मौजूदगी में जब तीन घंटे तक छापेमारी चल रही थी, उस दौरान चर्चा है कि जेल अधीक्षक के कक्ष में डीएम महेंद्र कुमार व एसपी सौरभ कुमार साह ने पूर्व सांसद शहाबुद्दीन से बातचीत की थी. हालांकि इन चर्चाओं पर दोनों अफसर कुछ भी बोलने को तैयार नहीं हैं. बातचीत किये जाने से इनकार करते हुए एसपी श्री साह ने कहा, बैरक में छापेमारी नहीं हुई है. ऐसे में चाकू या अन्य सामग्री के बरामद होने की बात कहां से आती है.
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