जेएनयू छात्र संघ अध्यक्ष चंद्रशेखर व पत्रकार राजदेव रंजन एक ही पंचायत के निवासी
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19 वर्ष बाद फिर चर्चा में है बिंदुसार ग्राम पंचायत
जेएनयू छात्र संघ अध्यक्ष चंद्रशेखर व पत्रकार राजदेव रंजन एक ही पंचायत के निवासी जिले में इन्हीं दो घटनाओं में सीबीआइ से हुई है जांच दोनों घटनाओं ने देश भर में लोगों को किया आंदोलित सीवान : यह अजब संयोग है कि जिले में दो घटनाएं होती हैं, जो पूरे देश को झकझोर कर रख […]
जिले में इन्हीं दो घटनाओं में सीबीआइ से हुई है जांच
दोनों घटनाओं ने देश भर में लोगों को किया आंदोलित
सीवान : यह अजब संयोग है कि जिले में दो घटनाएं होती हैं, जो पूरे देश को झकझोर कर रख देती है, वह है पचरुखी प्रखंड की बिंदुसार ग्राम पंचायत. यहां के चंद्रशेखर की 19 वर्ष पूर्व अपराधियों ने शहर के जेपी चौक पर गोली मार कर हत्या कर दी थी. जेएनयू के छात्र संघ अध्यक्ष के रूप में चंद्रशेखर की राष्ट्रीय छात्र राजनीति में पहचान का असर रहा कि उनकी हत्या पर पूरे देश के छात्र व युवा आंदोलित हो गये थे. इसकी जांच जन दबाव में सरकार को सीबीआइ से करानी पड़ी. इसका नतीजा रहा कि 14 वर्ष बाद आखिरकार आरोपितों को आजीवन कारावास की सजा सुनायी गयी.
एक बार फिर सीवान की सड़कें खून से लाल हुई हैं. हिंदुस्तान के ब्यूरो चीफ राजदेव रंजन की गोली मार कर हत्या होती है. इस घटना के खिलाफ भी पूरे देश में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं. दोनों मामलों में एक समानता नजर आती है. हकाम गांव निवासी राजदेव रंजन भी ग्राम पंचायत बिंदुसार के ही रहे. राजदेव रंजन की भी हत्या के बाद हालात के आगे प्रदेश सरकार को मजबूर होना पड़ा है. सरकार ने घटना की सीबीआइ जांच का आदेश दिया है. जिले में बिंदुसार पंचायत ही एकलौता उदाहरण है, जहां से जुड़े दो मामलों की सीबीआइ को जांच करनी पड़ी है.
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