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एक क्लिक में पाएं सीबीएसइ की किताबें

सीवान : अब सीबीएसइ से संबद्ध स्कूलों की मनमानी नहीं चलेगी. ऐसे विद्यालयों में पढ़नेवाले बच्चों के लिए अच्छी खबर है. किताबों के मामले में मनमानी करने वाले विद्यालयों पर सीबीएसइ ने नकेल कसना शुरू कर दिया है. अब वर्ग एक से 12 वीं तक सभी विषयों की किताबें एक क्लिक में आखों के सामने […]

सीवान : अब सीबीएसइ से संबद्ध स्कूलों की मनमानी नहीं चलेगी. ऐसे विद्यालयों में पढ़नेवाले बच्चों के लिए अच्छी खबर है. किताबों के मामले में मनमानी करने वाले विद्यालयों पर सीबीएसइ ने नकेल कसना शुरू कर दिया है. अब वर्ग एक से 12 वीं तक सभी विषयों की किताबें एक क्लिक में आखों के सामने होंगी. सीबीएसइ ने यह कदम निजी स्कूलों में प्राइवेट प्रकाशकों की किताबें पढ़ाये जाने की शिकायत पर सभी पुस्तकें ऑन लाइन उपलब्ध करा दी हैं.
एनसीइआरटी की पुस्तकें epathshala.nic.in पर उपलब्ध करायी गयी हैं. जबकि सीबीएसइ की पुस्तकें www.cbse.nic.in पोर्टल पर अपलोड कर दी गयी है. सीबीएसइ ने सभी वर्गों के बच्चों के लिए एनसीइआरटी की पुस्तकें लागू की हैं. हालांकि वर्ग एक से आठ तक स्कूल संचालक कमीशन के चक्कर में दूसरे प्रकाशक की पुस्तकें सिलेबस में शामिल कर देते हैं. इसका चयन कमीशन के आधार पर होता है, जिसका खामियाजा अभिभावकों को भुगतना पड़ रहा है. मैट्रिक व इंटर में लाचारी में एनसीइआरटी की पुस्तकें पढ़ाई जाती है. जबकि वर्ग एक से आठ तक का सिलेबस मनमानी तैयार किया जाता है.
एनसीइआरटी की पुस्तकों की कमी का बनाया जाता है बहाना : प्राइवेट स्कूल संचालकों द्वारा बाजार में एनसीइआरटी की पुस्तकों की कमी का बहाना बना कर प्राइवेट प्रकाशकों की पुस्तकें खरीदने के लिए अभिभावकों को बाध्य किया जाता है. इधर, ऐसे मामलों की शिकायत को सीबीएसइ ने गंभीरता से लिया है.
दरअसल डिमांड कम होने के कारण बुक स्टॉलों पर भी पुस्तकों की कमी हो जा रही है. जबकि कुछ दुकानों पर खरीदारी के लिए कोई जाता ही नहीं है. शहर के एक नामी किताब के दुकानदार ने अपना नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि निजी प्रकाशन की किताबों की बिक्री पर अधिक कमीशन मिलता है.
वहीं दूसरी ओर निजी प्रकाशक द्वारा विद्यालयों से संपर्क कर अपनी पुस्तकें पढ़ाने के लिए तैयार किया जाता है, जिसके एवज मे विद्यालय संचालकों को भी मोटी कमीशन मिलती है. राजवंशी नगर निवासी निशिकांत श्रीवास्तव का कहना है कि इससे ज्यादा लाभ बच्चों व अभिभावकों को मिलनेवाला नहीं है. कारण कि स्थानीय स्तर पर विद्यालयों की मनमानी ही चलती है. ऐसे में विभाग को जांच कर कड़े कदम उठाने की आवश्यकता है. वहीं दूसरी ओर, महादेवा निवासी मोहन दूबे का कहना है कि इससे पहले भी सीबीएसइ द्वारा कई बार कई मामलों में दिशा निर्देश जारी किया गया है, लेकिन उसका फायदा लोगों को नहीं मिला है.
क्या कहते है प्राचार्य
सीबीएसइ की किताबों को वेबसाइट पर अपलोड करने से छात्र-छात्राओं को सिलेबस की जानकारी आसानी से हो सकेगी. इससे उनके पठन-पाठन में काफी सहूलियत होगी और सिलेबस को लेकर दबाव कम होगा. इसके अलावा महत्वपूर्ण तथ्यों को छात्र जरूरत के हिसाब से आसानी से डाउनलोड भी कर सकेंगे.
आशुतोष कुमार मिश्र, प्राचार्य, महावीरी सरस्वती विद्या मंदिर, बड़हन गोपाल

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