सीवान : गरमी का मौसम शुरू हो गया है और मासूम बच्चे चिकेन पॉक्स के शिकार हो रहे हैं. यह बीमारी संक्रमित होने का कारण उनमें ज्यादा फैल रही है. चिकित्सकों का मानना है कि रोजाना बच्चे पढ़ने के लिए विद्यालय जाते हैं और यह संक्रमण होने के कारण फैलता है. अस्पतालों में संक्रमित बच्चाें […]
सीवान : गरमी का मौसम शुरू हो गया है और मासूम बच्चे चिकेन पॉक्स के शिकार हो रहे हैं. यह बीमारी संक्रमित होने का कारण उनमें ज्यादा फैल रही है. चिकित्सकों का मानना है कि रोजाना बच्चे पढ़ने के लिए विद्यालय जाते हैं और यह संक्रमण होने के कारण फैलता है. अस्पतालों में संक्रमित बच्चाें की संख्या ज्यादा दिख रही है.
इससे ज्यादा लोग घर में ही अपना इलाज करा रहे हैं. चिकित्सक डॉ के एहतेशाम अहमद कहते हैं कि रोजाना एक-दो मरीज इलाज के लिए मेरे अस्पताल में पहुंच रहे हैं. इनमें मासूमों की ही संख्या अधिक है. यहां मरीज एक क्षेत्र से नहीं बल्कि पूरे जिले से आ रहे हैं. वहीं डॉ मुकेश कुमार कहते हैं कि यह बीमारी वायरस के फैलने से हो रही है. इसके जद में हर साल सबसे अधिक मासूम ही आते हैं. इस बार भी इसका प्रकोप ज्यादा दिखने को मिल रहा है.
चिकेन पॉक्स की पहचान : चिकेन पॉक्स से संक्रमित बच्चों के पूरे शरीर में सफेद दाना होता है. यह दाना एक ही वक्त में सूखता व पनपता है. अगर बच्चे को बुखार, सिरदर्द, जुकाम है और दानेदार स्थानों पर खुजली हो, तो उसे चिकेन पॉक्स ही कहा जा सकता है. अगर इसका संक्रमण ज्यादा हो तो बच्चों की बुरी तरह से प्रभावित कर सकता है. अगर यह सब लक्षण दिखे, तो इसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए और तत्काल चिकित्सकों से सलाह लेनी चाहिए.
चिकेन पॉक्स का होमियोपैथी में है इलाज : नगर के होम्योपैथिक चिकित्सक डॉ यतिंद्र नाथ सिंह कहते हैं कि चिकेन पॉक्स का होमियोपैथिक में इलाज है. यह बेहद कारगर है. कहते हैं कि अगर आसपास के लोगों में चिकेन पॉक्स हो जाये, तो तुरंत होमियोपैथिक की दवा अपने घर के पूरे सदस्यों को खिला दें, ताकि इसकी चपेट में कोई लोग नहीं आ सके.