28.8 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

आर्थिक तंगी से जूझने लगे कातिब

आर्थिक तंगी से जूझने लगे कातिबअब कातिबों से डीड लिखाने का नहीं हो रहा काम92 कातिबों के लाइसेंस हुए रद्दनिबंधन की प्रक्रिया अब होगी आसानआम नागरिकों की सुविधा के लिए सरकार ने उठाया कदमरजिस्ट्री में नहीं खर्च होंगे अधिक पैसेमॉडल डीड से आम लोगों को मिलेगी राहतफोटो- 08 सुनसान पड़ी कातिबों की सीट फोटो-09 सुनसान […]

आर्थिक तंगी से जूझने लगे कातिबअब कातिबों से डीड लिखाने का नहीं हो रहा काम92 कातिबों के लाइसेंस हुए रद्दनिबंधन की प्रक्रिया अब होगी आसानआम नागरिकों की सुविधा के लिए सरकार ने उठाया कदमरजिस्ट्री में नहीं खर्च होंगे अधिक पैसेमॉडल डीड से आम लोगों को मिलेगी राहतफोटो- 08 सुनसान पड़ी कातिबों की सीट फोटो-09 सुनसान पड़ा मे आइ हेल्प यू काउंटर फोटो- 10 एजाजुल हक सीवान. सरकार ने आम नागरिकों के लिए निबंधन प्रक्रिया को अासान बनाने को लेकर ऑन लाइन व्यवस्था शुरू की है. लोगों की सुविधा के लिए इस नियम को लागू किया है. आम नागरिकों व कम पढ़े-लिखे लोगों को अब बिचौलियों से मुक्ति मिलेगी. ऐसा माना जा रहा था कि पहले निबंधन कराने के लिए लोगों को बिचौलियों का सहारा लेना पड़ता था. इसको देखते हुए विभाग इस प्रक्रिया को लागू करने जा रहा है. दूसरी ओर, निबंधन कार्यालय अब सुनसान दिखाई दे रहा है. वहीं, एक अप्रैल से 92 कातिबों के परिवारों के समक्ष भुखमरी की समस्या उत्पन्न हो गयी है, क्योंकि कातिब ही निबंधन कार्यालय में डीड लिखने का काम करते थे. 30 व 31 मार्च को हड़ताल पर चले जाने के कारण इनका लाइसेंस रद्द हो गया था. साथ ही निबंधन कार्यालय में बना मे आइ हेल्प यू काउंटर सुनसान पड़ा हुआ है. सरकार का स्पष्ट निर्देश है कि कातिबों के लाइसेंस रद्द होने के साथ निबंधन कार्यालय में क्रेता व विक्रेताओं की सहायता के लिए इस काउंटर को खोलना है, जहां लोगों को सभी जानकारियां मिलेंगी. मालूम हो कि कातिबों के परिवारों का भरण-पोषण इस पेशे से होता था. अब उनसे डीड लिखने का कार्य नहीं लिया जा रहा है. ऑनलाइन शुरू होने से होगा फायदा : निबंधन कार्यालय में ऑन लाइन व्यवस्था शुरू हुई, तो लोगों को काफी फायदे होंगे. आम लोग बिना कातिब के शुल्क के ही अपना रजिस्ट्री पेपर तैयार कर लेंगे. इससे रजिस्ट्री में अधिक पैसा खर्च नहीं करना पड़ेगा. पहले रजिस्ट्री कराने में अधिक पैसा लगता था. विभाग द्वारा जारी किये गये मॉडल डीड को नेट से डाउनलोड कर उस पर निबंधन कराया जा सकेगा. मॉडल डीड में साधारण शब्दों का है प्रयोग : विभाग ने जिस मॉडल डीड को प्रयोग में लाया है, उसमें साधारण शब्द का प्रयोग हुआ है. अब लोगों को डीड लिखवाने के लिए कातिबों का चक्कर नहीं लगाना पड़ेगा. विभाग के लोग कहते हैं कि मॉडल तैयार किया गया है उसे कम पढ़े लोग भी समझ जायेंगे. जो कातिब लिखते थे, उसमें जतीन भाषा का प्रयोग होता था. वहीं, नवीस संघ का कहना है कि जो मॉडल डीड आया है, उससे धांधली भी हो सकती है. इस पर विभाग को फिर से एक बार सोचना चाहिए. क्योंकि, जो कातिब लिखते थे, उस पर उनके हस्ताक्षर भी होते थे. अब जिस प्राणाली से कार्य हो रहा है. उस डीड का कोई कानूनी औचित्य नहीं है. क्या कहते है संघ के सचिव : दस्तावेज नवीस संघ के सचिव एजाजुल हक ने कहा कि जब से सरकार ने हमलोगों का लाइसेंस रद कर दिया है, तब से भुखमरी के कगार पर आ गये हैं. इससे हमलोगों की रोजी-रोटी चलती थी. एक तरफ सरकार लोगों को रोजगार देने की बात कर रही है, तो दूसरी तरफ रोजगार छीन ले रही है. पूरे बिहार में इससे लाखों लोग प्रभावित हुए है. क्या कहते हैं अधिकारी : सीवान में भी दस्तावेज नवीसों का लाइसेंस रद्द हुआ है. अब उनसे लिखे हुए डीड का प्रयोग नहीं हो रहा है. अभी सीवान में ऑनलाइन प्रक्रिया से कार्य नहीं हो रहा है. आदेश आते ही शुरू कर दिया जायेगा. राजन कुमार गुप्ताजिला अवर निबंधक, सीवान

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें