सीवान : जिले के एकलौते सरकारी पुस्तकालय के भविष्य को लेकर मचे ऊहापोह के बीच भवन स्थानांतरण का मुद्दा कम होता नजर नहीं आ रहा है. वीएम उच्च विद्यालय कैंपस में बने नये भवन में पुस्तकालय ले जाने का दो माह पूर्व आदेश प्रबंध समिति जारी कर चुकी है. इसके बाद भी पुस्तकालयकर्मी पुस्तकालय के प्रस्तावित स्थान को अनुचित ठहराते हुए उसके भविष्य की चिंता जता रहे हैं. इसके पीछे पुस्तकालय को प्रत्येक वर्ष उससे संबंधित दुकानों से मिलनेवाले भाड़े की 4.19 लाख की रकम से वंचित हो जाने की चर्चा को जानकार चिंता का कारण मान रहे हैं.
निजी पुस्तकालय के रूप में स्थापित जिला केंद्रीय कन्हैया लाल पुस्तकालय को डेढ़ दशक पूर्व शासन ने अधिगृहीत कर लिया. इसके बाद पुस्तकालयाध्यक्ष समेत तीन स्टाफ को शासन द्वारा ही वेतन दिया जाता है. कचहरी रोड के समीप स्थापित पुस्तकालय ने अपने बजट से यहां भवन का निर्माण कराया. बाद में यहां छह दुकानों का भी निर्माण कराया गया. दुकान के भाड़े को लेकर पुस्तकालय प्रबंधन व ग्रामीण विकास अभिकरण कार्यालय में पूर्व से ही विवाद रहा है. पटना उच्च न्यायालय के तीन वर्ष पूर्व के एक आदेश के बाद अब किराया की राशि पुस्तकालय प्रबंधन को प्राप्त होती है. इन छह दुकानों से प्रत्येक वर्ष 4.19 लाख रुपये किराया प्राप्त होता है. जानकारों का कहना है कि मुख्यमंत्री विकास निधि से वीएम उच्च विद्यालय कैंपस में बने भवन में पुस्तकालय के स्थानांतरित होने की स्थिति में दुकान से मिलने वाली आय से ये वंचित हो सकते हैं. जिसे बचाने के लिए यह संघर्ष जारी है. पूर्व में यहां डीडीसी रहे रविकांत तिवारी ने पुस्तकालय भवन को स्थानांतरित करने के लिए सबसे अधिक दबाव बनाया था. उनके स्थानांतरण के बाद यह मामला ठंडा पड़ गया है. इस बीच भवन निर्माण कराने वाली संस्था भवन अवर प्रमंडल 2 सीवान कार्यालय ने भवन हैंडओवर करने के लिए लगातार पुस्तकालयाध्यक्ष को पत्र जारी कर रही है.