शोभा की वस्तु बनी जलमीनार
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नौ वर्ष बाद भी नहीं मिला एक बूंद पानी
शोभा की वस्तु बनी जलमीनार महाराजगंज : अनुमंडल मुख्यालय स्थित जलमीनार का निर्माण हुए नौ वर्ष से ऊपर हो गये, लेकिन शहरवासियों को इसका पानी नसीब नहीं हुआ. आठ फरवरी, 07 को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इसका उद्घाटन किया था. शहरी जलापूर्ति योजना के तहत करीब 13.45 लाख रुपये की लागत से बन कर तैयार […]
महाराजगंज : अनुमंडल मुख्यालय स्थित जलमीनार का निर्माण हुए नौ वर्ष से ऊपर हो गये, लेकिन शहरवासियों को इसका पानी नसीब नहीं हुआ. आठ फरवरी, 07 को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इसका उद्घाटन किया था. शहरी जलापूर्ति योजना के तहत करीब 13.45 लाख रुपये की लागत से बन कर तैयार जलमीनार के उद्घाटन के बाद लोगों में खुशी हुई कि अब शुद्ध पेयजल उपलब्ध होगा. मगर यह सपना अधूरा ही रह गया.
क्या है कारण : शहरवासियों का कहना है कि शहर के मुख्य मार्ग पर मेन पाइप लाइन बिछा है. शहर के अंदर की सड़कों पर सप्लाइ लाइन का पाइप नहीं बिछा है. पीएचइडी के अधिकारियों का कहना है कि सड़क के किनारे पाइप लाइन डाल दिया गया है. जहां से घर तक पाइप लाइन का खर्च उपभोक्ता को देना होगा.
चेतनापुरी के प्रो सुबोध सिंह, रामनाथ मिश्र, डॉ रामनारायण पाठक, सिहौता के सतप्रकाश सिंह, मार्कंडेय सिंह, जितेंद्र कुमार सिंह, अजय कुमार सिंह, त्रिपुरारि शरण सिंह, काशीनाथ सिंह समेत अन्य का कहना है कि एक तरफ सरकार स्वच्छ जल के प्रयोग पर बल दे रही है, वहीं दूसरी तरफ नौ वर्ष पूर्व में तैयार जलमीनार से शहरवासियों को शुद्ध जल आपूर्ति करने में उदासीन बनी है.
क्या कहती हैं नप अध्यक्ष
शहर की गलियों में जलापूर्ति पाइप लाइन डालने का पीएचइडी को कई बार कहा गया. मगर विभाग के कारण शहर में उपभोक्ताओं को जलापूर्ति उपलब्ध नहीं हो रही है.
शारदा देवी
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