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महाराजगंज खो रहा अपना इतिहास

महाराजगंज खो रहा अपना इतिहास जनप्रतिनिधियों की उदासीनता बनी कारणफोटो .05 महाराजगंजमहाराजगंज. आजादी के पूर्व महाराजगंज जिस रूप में था मौजूद था, आज उसमें से बहुत कुछ खोया है. क्षेत्र के विकास के लिए यातायात, संचार व स्थानीय राजनीतिक सक्रियता आवश्यक है. आजादी पूर्व में महाराजगंज से गोरखपुर तक रेल सेवा थी. महाराजगंज में केरोसिन […]

महाराजगंज खो रहा अपना इतिहास जनप्रतिनिधियों की उदासीनता बनी कारणफोटो .05 महाराजगंजमहाराजगंज. आजादी के पूर्व महाराजगंज जिस रूप में था मौजूद था, आज उसमें से बहुत कुछ खोया है. क्षेत्र के विकास के लिए यातायात, संचार व स्थानीय राजनीतिक सक्रियता आवश्यक है. आजादी पूर्व में महाराजगंज से गोरखपुर तक रेल सेवा थी. महाराजगंज में केरोसिन डिपो था .महाराजगंज व्यावसायिक स्तर मजबूत था, जिसके चलते रेल रैक प्वाइंट कार्यरत था. महाराजगंज में प्रसिद्ध चीनी मिल चलती थी. हथकरघा उद्योग चलता था. मोतिहारी , चनपटिया, बेतिया आदि स्थानों से चावल का आयात होता था. वहीं महाराजगंज से रेड़ी, लहसुन ,हल्दी , धनिया आदि का निर्यात किया जाता था. धार्मिक स्थल : महाराजगंज में उत्तर में रामेश्वरम धाम मंदिर सामने पोखरा, घरभरन साह का पोखरा व गोशाला, दक्षिण में राम जानकी का मंदिर व पोखरा, पूरब के कपिया गांव में विशाल शिव मंदिर के साथ पोखरा , स्वामी कर्मदेव महाराज का विशाल मठ, पि›म में बाला जी का विशाल मठ व पोखरा आज भी स्थित है. महाराजगंज का नाम इतिहास के पन्नों में मोक्ष का संगम माना जाता था. पर इसके इतिहास को बचाये रखने के लिए किसी प्रतिनिधि ने कोई पहल नहीं की. राजनीतिक उपेक्षा : महाराजगंज निर्वाचन क्षेत्र प्रधानमंत्री से लेकर मुख्यमंत्री पद तक के राजनीतिज्ञ को मौका दिया, मगर महाराजगंज की जनता ठगी जाती रही. आजादी के बाद कांग्रेस से लेकर गैर कांग्रेसी जीत कर महाराजगंज से गये. जीतने के पूर्व बड़े- बड़े सपने दिखाये. आजादी के लड़ाकों का रहा है केंद्र : भारत को आजाद कराने में फिरंगी विरोधी अखाड़ा महाराजगंज भी हुआ करता था, जहां महात्मा गांधी, सुभाष चंद्र बोस , राजेंद्र प्रसाद, जवाहर लाल नेहरु, सरदार बल्लभ भाई पटेल,महामाया बाबू, नारायण बाबू आदि ने महाराजगंज के देवशरण बाबू, चंद्रमा प्रसाद, किशोरी प्रसाद, राम लखन बाबू, वंशी लाल प्रसाद , गणेश डोम, आद्या शरण पांडेय, कृष्ण कुमार उपाध्याय आदि के साथ बैठक कर आजादी की नीतियां तय करते थे. उनके नाम पर बनाये गये स्मारक भी सरकारी उपेक्षा का शिकार बने हैं.नयी पहल : आजादी के बाद कुछ समय के लिए ऐसा समय आया, जिसमें महाराजगंज के विकास की किरणें आशा बन कर आयीं, जिसमें बिहार के उद्योग मंत्री बैद्यनाथ पांडेय के प्रयास से बिहार के भूतपुर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद द्वारा महाराजगंज अनुमंडल का एक अप्रैल ,1991 को उद्घाटन किया. सांसद प्रभुनाथ सिंह के प्रयास से महाराजगंज- छपरा- सीवान यात्री रेलसेवा बहाल की गयी. महाराजगंज-मशरक नयी रेल लाइन निर्माण कार्य शुरू हुआ. महाराजगंज में अनुमंडल अस्पताल व अनुमंडल भवन का निर्माण कराया गया. महाराजगंज मुख्यालय से अन्य जगहों के लिए सड़क संपर्क सुविधा उपलब्ध हुई. वहीं बिहार सरकार के पूर्व शिक्षा मंत्री के प्रयास से बरौली – मांझी सड़क का निर्माण हुआ.लोगों का क्या है सपना : महाराजगंज के उजड़े उद्योग-धंधे बहाल हों, रेललाइन, परिचालन के साथ रेल रैक प्वाइंट बहाल हो, सड़कों का चौड़ीकरण कर नेशनल हाइवे से संपर्क हो, स्वास्थ्य व शिक्षा सेवा बेहतर हो, उद्योग सेवा में क्रांति लाने के लिए पावर ग्रिड मजबूत हो. महाराजगंज जिला बने. जनता को रोजी- रोटी के लिए पलायन न करना पड़े. असुरक्षित हैं कर्मी व प्रमुख दस्तवेजफोटो.16 खंडहर बनी काॅलोनी.महाराजगंज. प्रखंड कार्यालय को छोड़ अधिकारी से लेकर कर्मियों की कॉलोनी खंडहर में तब्दील हो गयी है. महाराजगंज प्रखंड के अंचलकर्मियों की कौन कहे, प्रखंड के बीडीओ, सीओ का आवास भी खंडहर में तब्दील है. बीडीओ रवि कुमार जैसे- तैसे अपने निवास में रह रहे हैं. अंचलाधिकारी रवि राज ब्लॉक के कंप्यूटर रूम में रहते हैं. प्रखंड के आपूर्ति पदाधिकारी रवि कुमार किराये के मकान में रहते हैं. प्रखंड के कल्याण पदाधिकारी मुरारी सिंह भी किराये के मकान में रहते हैं. वहीं अन्य अधिकारी भी या तो घर से आ कर सरकारी काम निबटाते हैं या किराये के मकान में रहते हैं. वहीं हाल प्रखंड व अंचल के अन्य कर्मियों का है. कॉलोनी के कमरे जर्जर हो गये हैं. सांप व बिच्छू का अड्डा बना है. महत्वपूर्ण फाइलें जर्जर कमरों में प्लास्टिक से ढंक कर रखी जाती हैं. इस संबंध में प्रखंड के बीडीओ रवि कुमार ने बताया कि कॉलोनी के खंडहर होने की सूचना जिले के माध्यम से भवन विभाग को दी गयी है. आवंटन उपलब्ध होने पर कॉलोनियों का जीर्णोद्धार किया जायेगा.मारपीट में तीन घायल, प्राथमिकीमहाराजगंज. थाना क्षेत्र के लेरुआ गांव में नाले से पानी निकासी को लेकर दो पक्षों में मारपीट हो गयी, जिसमें एक पक्ष के तीन लोग जख्मी हो गये. लेरुआ गांव निवासी ललन साह ने लिखित शिकायत महाराजगंज थाने में की है. दिये गये आवेदन में श्री साह ने कहा है कि गांव के सुरेश यादव के परिजन जबरदस्ती मेरी निजी जमीन में नाला खोद रहे थे. मना करने पर परिजनों के साथ मारपीट की, जिसमें तीन लोग जख्मी हो गये. श्री साह ने गांव के सुरेश यादव समेत तीन को आरोपित किया है. महाराजगंज थाने के इंस्पेक्टर मेराज हुसैन ने बताया कि पुलिस प्राथमिकी संख्या 12/ .016 दर्ज कर मामले की छानबीन कर रही है. बाइक चालक घायलमहाराजगंज. महाराजगंज- तरवारा सड़क में बजरहियां गांव के समीप बाइक चालक के संतुलन खोने बाइक गड्ढे में जा गिरी, जिससे चालक जख्मी हो गया. आसपड़ोस के लोगों द्वारा बाइकचालक को इलाज के लिए महाराजगंज लाया गया, जहां निजी क्लिनिक में इलाज चल रहा है. जख्मी बरौली के सराफरा निवासी कमल देव यादव का पुत्र नरेंद्र बताया जाता है.

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