बिल कलेक्शन के हिसाब से पावर सप्लाइ : एमडी नार्थ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड के एमडी आर. लक्ष्मणन ने की अफसरों के साथ बैठक आठ करोड़ की बिजली खपत के मुकाबले चार करोड़ का राजस्व संग्रहण कर पाता है बिजली विभाग\\" 50 हजार के अधिक के बकायेदारों की कटेगी बिजली, नियमित मीटर रीडिंग कराने को कड़ी चेतावनीफोटो 07 समीक्षा बैठक करते एमडी आर लक्ष्मणन व उपस्थित पदाधिकारी.संवाददाता, सीवान अब फीडर से रेवन्यू कलेक्शन के अनुसार उपभोक्ताओं को बिजली की आपूर्ति की जायेगी. विभाग उपभोक्ताओं को छूट देने के मूड में नहीं है. सोमवार को नार्थ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड के एमडी आर. लक्ष्मणन ने बिलजी विभाग की समीक्षा बैठक के दौरान यह निर्देश दिया. एमडी श्री लक्ष्मणन ने कहा कि रेवेन्यू के अनुसार ही फीडर से बिजली की आपूर्ति होनी चाहिये. मालूम हो कि वर्तमान समय में जिले में 8 करोड़ रुपये से अधिक राशि की बिजली की खपत हो रही है जबकि बिजली बिल के रूप में 50 फीसदी राशि ही कलेक्ट हो पा रही है. इससे विभाग काफी चिंतित है. और लगातार विभागीय प्रयास के बावजूद इसमें कोई खास इजाफा नहीं हो रहा है. रेवेन्यू कलेक्शन पर जोर देते हुए शत प्रतिशत लक्ष्य पूरा करने का निर्देश दिया. इसके अलावे शहरी क्षेत्रों में वैसे उपभोक्ताओं के कनेक्शन काटने पर विभाग बल देगा. जिसका बकाया 50 हजार रुपये से अधिक है. विभाग ने ऐसे एक हजार उपभोक्ताओं को लक्षित किया है. मीटर रीडिंग में लगातार मिल रही गड़बड़ी की शिकायतों का संज्ञान लेते हुए विभाग के वरीय पदाधिकारी को फटकार लगायी. साथ ही शत प्रतिशत मीटर रीडिंग को भी लक्षित करने का निर्देश दिया. राजीव गांधी ग्रामीण विधुतिकरण योजना के तहत प्रदान किये जाने वाले 3 लाख कनेक्शन के ऐवज में मात्र 35 हजार ही कनेक्शन देने पर भी कडा एतराज जताया तथा इस लक्ष्य को शत प्रतिशत पुरा करने का निर्देश दिया. वहीं कमर्शियल व इंड्रस्टियल उपभोक्ताओं के मिटर रिडिंग के लक्ष्य को शत प्रतिशत करने को कहा. ताकि समय रहते इन पर कार्रवाई की जा सके. वहीं जनवरी माह के अंतिम सप्ताह तक वैसे उपभोक्ताओं के बिलिंग का निर्देश दिया. जिन्हें कनेक्शन तो प्राप्त हो गया है. लेकिन अभी तक विभाग के तरफ से बिल आवंटन नहीं किया गया है. समिक्षा बैठक के दौरान परियोजन के तहर कार्यरत वैसे कंपनियों के भुगतान बंद होंगे. जो गुणवत्ता से समझौता कर रहे है. कुछ दिन पूर्व एसटीएफ की टीम द्वारा परियोजना के तहत बन रहे फीडर सहित अन्य कामों के गुणवत्ता की जांच की गयी थी. जिसमें कई खामियां सामने आयी थी. जांच के क्रम में एसटीएफ ने पाया था कि केबल तो तान दिया गया है. लेकिन कनेक्शन नहीं प्रदान किया गया है. वहीं पोल गाढने के वक्त उसे कंक्रिटिंग नहीं किया गया है. मौके पर निदेशक परियोजन एसकेपी सिंह, जीएम रेवेन्यु विकाश कुमार, हेड कमर्शियल एसके सिंह, अधिक्षण अभियंता के एन झां सहित विधुत कार्यपालक अभियंता मनोज कुमार रजक के अलावे जिले के सभी वरीय व कनीय पदाधिकारी मौजुद थे. इनसेटदो लाख से अधिक है बिजली के उपभोक्ता सीवान. वर्तमान समय में जिले में 2 लाख 10 हजार से अधिक बिजली उपभोक्ता है. जिले को 80 से 85 मेगा वाट बिजली का जरूरत है. जबकि इसे 40 से 45 मेगा वाट बिजली ही प्राप्त हो रही है. इसके अलावे प्रत्येक माह 8 करोड़ से अधिक बिजली की खपत जिले में है. जबकि कलेक्शन 50 फीसदी के आस पास है. ऐसे में विभाग को प्रत्येक माह 4 करोड से अधिक का कलेक्शन नहीं होना विभाग के लिए चिंता का विषय है. इधर नार्थ बिहार पावर ड्रिस्ट्रीव्युसन कंपनी लिमिटेड द्वारा 500 करोड रूपये का निवेश जिले में बिजली के विकास के लिए किया गया है. लेकिन प्राप्त हो रहे कलेक्शन को देख कर विभाग के वरीय पदाधिकारियों की भौंहे तनी हुई है. और इनके ऊपर कलेक्शन का दबाव लगातार बढ रहा है. वहीं दुसरी ओर बिजली बिल में लगातार गडबडी होने से भी कलेक्शन प्रभावित हो रहा है. और उपभोक्ता विभाग का चक्कर लगाकर परेशान हो रहे है.
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बिल कलेक्शन के हिसाब से पावर सप्लाइ : एमडी
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