20 हजार बोतल आया कफ सिरफ, 4 हजार एंटीरैबीज सुई पहुंची
अब मरीजों को जीवनरक्षक दवाओं के लिए भटकना नहीं पड़ेगा. क्योंकि अस्पताल में कफ सिरफ सहित अन्य दवाईयां आ गयी है. पहले खांसी के मरीजों को बाहर से दवा खरीदनी पड़ती थी. अब अस्पताल में ही मिलेगा. दवा घोटाला के बाद जिले में दवा की आर्पूति बंद हो गयी थी. उसी समय से सभी जिलों के अस्पतालों में दवा की किल्लत हो गयी थी. अब धीरे धीरे शासन में अस्पतालों में दवाईयां उपलब्ध कराने लगा है.
सीवान : जिले में 5 माह बाद जीवन रक्षक दवार्इयां आयी है. जो जल्द ही सभी अस्पतालों में उपलब्ध हो जायेंगे. लगभग 5 माह से सदर अस्पताल में कफ सिरफ सहित अन्य जीवन रक्षक दवाईयां खत्म हो गयी थी. जिससे मरीजों को बाहर से दवा लेना पड रहा था. अब अस्पताल में ही अधिकांश दवाईया मिलने लगेगी.
बीएमसीएल मुजफ्फरपुर से अस्पताल को दवा अपूर्ति होना बंद हो गया था. क्योंकि दवा की खरिदारी में घोटाला हुआ था. उसके बाद से सभी अस्पतालों में दवाओं की घोर अभाव हो गया था. जिसमें कफ सिरफ व एंटी रैबीज सुई भी शामिल थे. जिले में लगभग 20 हजार कफ सिरफ व 4 हजार एंटी रैबीज सुई सहित अन्य कई जीवन रक्षक दवाईयां आयी हुई है. इधर सीएस ने कहा कि दो दिनो के अंदर सभी दवाओं को रेफर व पीएचसी तक भेज दिया जायेगा. ताकि मरीजों को दवा मिल सके. दवाईयों की कमी को लेकर प्रभात खबर ने अपने अंक में कई बार खबरों का प्रकाशन किया. जिसके बाद अस्पताल में दवाईया आयी.
खांसी के मरीजों को कफ सिरफ मिलना शुरू : ठंड के मौसम में खांसी के मरीजों को दवाई के लिए अस्पताल में भटकना पडता था. कफ सिरफ उपलब्ध नहीं होने से लोगों को बाहर से महंगे दर पर दवा खरीदना पडता था. लेकिन अब अस्पताल में दवा आ जाने से लोगों को बाहर से दवा नहीं लेना पडेगा. दवा के लिए कई बार लोगों ने अस्पताल में हंगामा कर चुके थे. उसके बाद दवा अस्पताल में आया है. शुक्रवार से ही सदर अस्पताल में कफ सिरफ का वितरण सदर अस्पताल में शुरू हो गया है.
दवा काउंटर पर मरीजों की भीड़ : सदर अस्पताल में जीवन रक्षक दवाइया उपलब्ध होने के बाद दवा काउंटर पर मरीजों की भीड़ उमड रही है. अभी दो दवा काउंटर होने के बाद भी एक ही दवा काउंटर खुल रहा है. जिससे मरीजो को दवा लेने में परेशानी हो रही है. मरीजों का कहना है कि अगर दोनों दवा काउंटर खुले रहे तो परेशानी नहीं होगी.
क्या कहते हैं सीएस
कफ सिरफ सहित अन्य जीवन रक्षक दवाईयां आ गयी है. जो जल्द ही सभी पीएचसी व रेफरल अस्पतालों में उपलब्ध करा दी जायेगी. ताकि मरीजों को परेशानी न हो सके.
डा. शिवचंद झा, सीएस