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संसाधन के अभाव में नहीं हो पा रही +2 की पढ़ाई
दो पालियों में होती है हाइ स्कूल की पढ़ाई महाराजगंज : प्रखंड का महात्मा गांधी उच्च विद्यालय 1965 में स्थापित हुआ. यह विद्यालय बिलकुल ग्रामीण क्षेत्र में पड़ता है. लेकिन अपनी स्थापना के बाद से एक से एक मेधावी छात्रों को इस विद्यालय ने बड़े-बड़े ओहादों पर पहुंचाया है. विद्यालय में अच्छी शिक्षण व्यवस्था को […]
दो पालियों में होती है हाइ स्कूल की पढ़ाई
महाराजगंज : प्रखंड का महात्मा गांधी उच्च विद्यालय 1965 में स्थापित हुआ. यह विद्यालय बिलकुल ग्रामीण क्षेत्र में पड़ता है. लेकिन अपनी स्थापना के बाद से एक से एक मेधावी छात्रों को इस विद्यालय ने बड़े-बड़े ओहादों पर पहुंचाया है.
विद्यालय में अच्छी शिक्षण व्यवस्था को देख सरकार द्वारा +2 की पढ़ाई का निर्देश तो दे दिया गया, मगर विद्यालय में संसाधन के अभाव में +2 की पढ़ाई नहीं हो पाती है. शिक्षकों द्वारा बताया गया कि वर्तमान में हाइस्कूल में पढ़नेवाले छात्रों की संख्या 650 है, जिसमें नौवी कक्षा में छात्रा 188 व छात्र 161 हैं. वहीं वर्ग दशम में छात्राएं 171 व छात्र 141 हैं. छात्रों की संख्या ज्यादा होने के कारण दो पालियों में पढ़ाई की जाती है.
कमरों व शिक्षक का है अभाव : विद्यालय में पढ़ाने योग्य तीन कमरे हैं. शिक्षक सात हैं. सरकार के नियम के अनुसार भी पांच शिक्षकों की और कमी है. साथ ही छह अतिरिक्त कमरों की आवश्यकता है. विज्ञान,गणित, हिंदी, अंगरेजी के एक- एक शिक्षक हैं. एक-एक की और आवश्यकता है.
क्या कहते हैं प्राचार्य
हाइस्कूल में +2 की पढ़ाई करने की स्वीकृति है. शिक्षक व कमरों का अभाव है. आधार भूत संरचना के अभाव में +2 की पढ़ाई नहीं हो पाती है. फिलहाल जितने संसाधन हैं, उसमें सामंजस्य कर विद्यालय चलाया जाता है.अख्तर अली
प्रधानाध्यापक, महात्मा गांधी उच्च विद्यालय गौर
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