सीवान : शुक्रवार की रात इथर से बेहोश सभी पांच घायलों का इलाज सदर अस्पताल में चल रहा है. जिसमें सात वर्षीय बेलाल अब तक बेहोश है. और वह जिंदगी व मौत की जंग लड़ रहा है. संतोष की बात है कि चार बच्चों को होश आ गया है. आस मुहम्मद के चार बच्चे मानों मौत से जंग लड़ कर वापस लौटे हैं.
उसकी माली हालत इतनी अच्छी नहीं है कि बच्चों का इलाज अच्छे अस्पताल में करा सके. ऐसे में बेलाल की गंभीर स्थिति को देख कर उसे सदर अस्पताल के आधा-अधूरा इलाज से संतोष करना पड़ रहा है. उसे तो अब भगवान व चिकित्सकों पर ही भरोसा है कि उनका बेटा सलामत रह जाये. दस वर्षों तक चंदन ने किया था प्रैक्टिस :
मोजाहिदपुर में गांव वालों के आक्रोश का शिकार बना मृतक चंदन मंडल वर्ष 2000 से 2009 तक गांव में झोला छाप डॉक्टर का काम करता था. इधर पांच सालों से उसका कोई अता-पता नहीं था. अपने पैतृक घर पश्चिम बंगाल लौट जाने की चर्चा थी. लेकिन शुक्रवार की रात चंदन मोजाहिदपुर पहुंचता है और पांच मासूमों को इथर सुंघा कर बेहोश कर देता है.
अगर समय पर परिजन इलाज कराने अस्पताल नहीं लाते, तो शायद पांचों की मौत हो जाती. उन्हें काफी मात्रा में इथर सुंघाया गया था. वहीं तीस लीटर इथर के साथ चंदन के आस मुहम्मद के घर पहुंचने की भी चर्चा है. इतनी बड़ी मात्रा में आखिर इथर की आवश्यकता क्या थी.
घर की माली हालत खस्ता मोजाहिदपुर निवासी आस मुहम्मद मजदूरी कर अपने परिवार का पोषण करते है. उनकी किसी से कोई दुश्मनी नहीं है. ऐसे में पांच साल पूर्व गांव से गायब होने वाला झोला छाप डॉक्टर चंदन मंडल ने इसी के घर का निशाना क्यों बनाया. यह बड़ा प्रश्न है. चंदन आखिर इसके परिवार को निशाना क्या बनाया.
अगर उसकी नियत बेहोश कर धन लूटना था तो भी चंदन को विशेष कुछ इस घर से हासिल होने वाला नहीं था . वहीं चंदन ने इस घटना को किसी के बहकावे या पुरानी अदावत में तो अंजाम नहीं दिया. यह भी प्रश्न खड़ा है. क्या कहते हैं एएसपी आक्रोशित ग्रामीणों द्वारा बंगाल निवासी चंदन मंडल की हत्या मामले में अज्ञात के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज की गयी है.
उसका सही ठिकाना मालूम नहीं है. मृतक का पोस्टमार्टम करा कर शव 72 घंटे तक सुरक्षित रखा जाना है. उसकी पहचान के लिए बंगाल पुलिस से संपर्क किया गया है. आस मुहम्मद के घर चंदन मंडल द्वारा दिये गये घटना के संबंध में पुलिस गहराई से जांच कर रही है. अरविंद कुमार गुप्ता, एएसपी सीवान