विपुल नायक व चंदन तिवारी की युगलबंदी ने झुमाया फोटो-13-गीत प्रस्तुत करतीं चंदन तिवारी व उनकी सहेलियां. 14-समूह नृत्य करतीं कलाकार -15-मोर नृत्य प्रस्तुत करती प्रतिभागीछठे भोजपुरिया स्वाभिमान सम्मेलन में हुआ सांस्कृतिक कार्यक्रमरघुनाथपुर . छठे भोजपुरिया स्वाभिमान सम्मेलन के सांस्कृतिक सत्र की शुरुआत गुरुवार की देर शाम हुई. उस्ताद बिस्मिल्लाह खां संगीत महाविद्यालय के विद्यार्थियों ने सुरों का जब जादू बिखेरा, तो कार्यक्रम स्थल तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा .संगीतज्ञ अवधेश पांडेय ने किसान गीत प्रस्तुत कर सबका दिल जीत लिया़ जेठ बइसाखवा के तलखी भूभूरिया उघारे देहिया जाले रे किसानवा के से दर्शको को मंत्रमुग्ध कर दिया़ स्थानीय कलाकारों में उनकी शिष्या प्रो निरूपमा, रानी कुमारी, रबीना ने बारी-बारी से लोकगीत प्रस्तुत किये़ वहीं पुरबिया तान की गायिका सुश्री चंदन तिवारी के मंच पर आते ही दर्शकों का उत्साह देखने वाला था़ उन्होंने भिखारी ठाकुर व महेंद्र मिश्र के गीतों को अपनी सुरीली आवाज में प्रस्तुत किया. वहीं अंतरराष्ट्रीय स्तर के कथक नर्तक विपुल नायक ने मंच पर आते ही सबका दिल जीत लिया़ इन्होंने सुंदर वेश्या द्वारा रचित अमर गीत पिया मेहंदी मंगा द मोती झील से जाके साइकिल से ना़ वहीं विपुल नायक और शिष्यों द्वारा प्रस्तुत भाव नृत्य सबको हतप्रभ कर देने वाला था़ विपुल नायक द्वारा चंदन तिवारी द्वारा गाये विविध गीतों पर अपने शिष्यों के साथ भाव नृत्य प्रस्तुत किये़ कंठ से निकले सुरों के साथ कदमों की ताल का संयोजन सभी को दूसरी दुनिया में ले जा रहा था़. उत्तर प्रदेश के बलिया से आये भोजपुरिया स्वाभिमान सम्मेलन में लोक संगीत व शास्त्रीय संगीत के कुशल चितेरे शैलंद्र मिश्र अपनी गायकी से सबका दिल जीत लिया. परंपरागत गीतों के साथ उनका प्रयोग अद्भूत था़ इन्होंने भोजपुरी के सम्मान में लोकगीतों में शास्त्रीयता का पुट मिलाक र एक नये फ्यूजन को दर्शकों के सामने परोसा़ वहीं संगीत शिक्षक प्रो उदयनारायण सिंह मंच पर क्या आये दर्शक दीर्घा समाधि के स्थिति में चली गयी. इन्होंने भोजपुरी में पारिवारिक गीतों को अपनी तान के जरिये प्रस्तुत किया. श्री सिंह की गायकी हर बार एक नये रूप में सामने आती रही़ हैअनुभूति शांडिल्य बनीं वीर कुंवर सिंह : 13 साल की सारण के छपरा की अनुभति शांडिल्य ने वीर कुंवर सिंह की वीर गाथा को पंडवानी शैली में प्रस्तुत किया. उनकी प्रस्तुति देख कर तीजन बाई की याद आ गयी. 1857 की क्रांति में वीर कुंवर सिंह की भूमिका को साहित्यिक जोशीले अंदाज में प्रस्तुत किया गया. इस क्म में जैसे ही वीर कुंवर सिंह द्वारा लोगों को क्रांति में शामिल होने के लिए नेवता भेजने का प्रसंग आया, दर्शक दीर्घा का हरेक व्यक्ति मानो ब्रिट्रिश साम्राज्य से लड़ रहा हो़ सेंदुर पोछवाने का नेवता, रण बनाने का नेवता, मुड़ी कटवाने का नेवता, तलवार चलाने का नेवता अनुभति के कंठ से जैसे ही फूटा, दर्शक दीर्घा में बैठे हरेक व्यक्ति की आंखें नम हो गयीं. सम्मेलन में पहुंचे दर्जन भर अप्रवासी भोजपुरिया : भोजपुरिया स्वाभिमान सम्मेलन में भाग लेने व सफल बनाने के संकल्प के साथ इस कार्यक्रम में दर्जन भर अप्रवासी भारतीय भोजपुरी प्रेमी भी पहुंचे थे़ दुबई से नवीन भोजपुरिया, अबुधाबी से अनिवेश कुमार वर्मा सहित अन्य लोगों ने बताया कि भोजपुरी भाषा हमार माई के समान बा, हमनी के एके भूला के कही नईखे रह सकत हमनी के, आपन माटी खींच लिययलस़ वहीं इस कार्यक्रम अपने क्षेत्र के साथ-साथ सारण, गोपालगंज, बलिया, देवरिया, रांची, पटना, कोलकाता, मुंबई, दिल्ली आदि शहरों से सैकड़ों भोजपुरी प्रेमी कार्यक्रम को सफल बनाने व भाग लेने पहुंचे थे़
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विपुल नायक व चंदन तिवारी की युगलबंदी ने झुमाया
विपुल नायक व चंदन तिवारी की युगलबंदी ने झुमाया फोटो-13-गीत प्रस्तुत करतीं चंदन तिवारी व उनकी सहेलियां. 14-समूह नृत्य करतीं कलाकार -15-मोर नृत्य प्रस्तुत करती प्रतिभागीछठे भोजपुरिया स्वाभिमान सम्मेलन में हुआ सांस्कृतिक कार्यक्रमरघुनाथपुर . छठे भोजपुरिया स्वाभिमान सम्मेलन के सांस्कृतिक सत्र की शुरुआत गुरुवार की देर शाम हुई. उस्ताद बिस्मिल्लाह खां संगीत महाविद्यालय के विद्यार्थियों […]
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