हसनपुरा : सीवान मौलाना मजहरूल हक की कर्मभूमि रही है. 1981 में उन्हीं के नाम पर एमएच नगर थाने की स्थापना की गयी, लेकिन अफसोस का विषय है कि 34 वर्ष बीत जाने के बाद भी अब तक इस थाने को प्राथमिकी दर्ज करने का अधिकार नहीं मिल सका. इस थाने की प्राथमिकी नजदीक के पांच थानों में दर्ज की जाती है.
वहीं इस थाने को अपना भवन भी नसीब नहीं हो सका है और यह गंडक विभाग के कार्यालय भवन में संचालित होता है. बरसात के दिनों में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. बरसात में कागजात के भी नुकसान पहुंचने की हमेशा आशंका बनी रहती है. पांच थानों में दर्ज होती है प्राथमिकी : एमएच नगर थाने की प्राथमिकी हुसैनगंज, आंदर, सिसवन, पचरुखी तथा दरौंदा थानों में दर्ज होती है. थानाध्यक्ष के मुताबिक इस कारण काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है.
एक कर्मचारी तो प्राथमिकी के लिए थानों का चक्कर लगाने में ही व्यस्त रहता है. वहीं इससे कई तकनीकी दिक्कतें भी आती हैं. प्राथमिकी दर्ज नहीं होने के कारण कई मामलों में कार्रवाई करने में परेशानियों का सामना करना पड़ता है और प्राथमिकी दर्ज होने का इंतजार करना पड़ता है. वहीं इस थाने के कांडों का पर्यवेक्षण तीन इंस्पेक्टर और दो डीएसपी करते हैं.
इस कारण भी इसमें विलंब व परेशानियां आती हैं और थाना कई ध्रुवों में फंस कर रह जाता है. एमएच नगर थाने को अधिकार मिलने से जगी उम्मीद : करीब 34 वर्षों बाद इसी वर्ष दो अक्तूबर से जीवी नगर थाने को प्राथमिकी दर्ज करने का अधिकार पुलिस कप्तान सौरभ कुमार साह की पहल से संभव हो सका है. अब एमएच नगर थाने को भी एफआइआर दर्ज करने के अधिकार मिलने की उम्मीद जगी है. यहां यह भी बता दें कि एमएच नगर थाना अपने स्थापना काल से ही पूर्ण थाना है.
ऐसी स्थिति में अब तक इसे प्राथमिकी दर्ज करने के अधिकार नहीं मिलना आश्चर्य का विषय है. क्या कहते हैं थानाध्यक्ष एमएच नगर में थाने का मॉडल भवन बन रहा है. इससे समस्याओं के समाधान होने की आशा है. लेकिन थाने को प्राथमिकी दर्ज करने का अधिकार नहीं मिलने से काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. इससे पुलिसिया कार्रवाई में भी विलंब होता है.
कुमार रजनीकांत क्या कहते हैं एसपी एमएच नगर थाने को शीघ्र प्राथमिकी दर्ज करने का अधिकार मिलेगा. इसके लिए कार्रवाई की जा रही है. पुलिस मुख्यालय को इसका प्रस्ताव भेजा जा चुका है. इस बात का भी पता लगाया जा रहा है कि किसी तकनीकी कारण से तो अब तक यह मामला नहीं फंसा है. जैसा कि अधिसूचना दर्ज होने के बाद भी जीवी नगर का मामला फंसा था. सौरभ कुमार साह, पुलिस कप्तान, सीवान.