दरौली : कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर लगनेवाला दरौली मेले में बिहार व उत्तर प्रदेश के श्रद्धालु बड़ी संख्या में उमड़ रहे हैं. मेले में आने वाले लोग सामान की खरीदारी भी कर रहे हैं.दरौली के इस मेले की शुरुआत अंगरेजों के समय से ही हुई थी. इस मेले में बिहार व उत्तर प्रदेश के अलावा नेपाल व अन्य प्रदेशों से भी व्यापारी दुकान लगाने के लिए आते हैं.
यह मेला कार्तिक पूर्णिमा से प्रारंभ होकर पीड़िया तक चलता है.लग्न के मौके पर शुरू होने के कारण बहुत से लोग अपने यहां होने वाले शादी समारोह का भी खरीदारी कर लेते हैं. इसमें फर्नीचर व सौंदर्य प्रसाधन व झांपी का सामान प्रमुख रूप से आता है. इस मेले में सीवान जिले के ही नहीं सारण प्रमंडल सहित विभिन्न जिलों से व्यापारी आते हैं.
विदित हो कि इस मेले में कार्तिक पूर्णिमा के दिन बिहार ही नहीं यूपी के देवरिया, गोरखपुर व बलिया जिले से हजारों लोग पहुंचते हैं. इस मेले में मवेशी को छोड़ कर दैनिकोपयोगी सामग्री सहित सब-कुछ मिलता है.
वहीं पेड़, पौधे व लकड़ी के पलंग, कुरसी, मेज, सहित लकड़ी के अन्य सामान भी मिलते हैं. स्थानीय लोगों केअनुसार इस मेले में लकड़ी का बना हुआ हत्था सिंचाई करने वाला काफी प्रसिद्ध है.इस मेले में कई झूले, ब्रेक डांस आदि बच्चों को काफी आकर्षित करते हैं.