सीवान : उर्वरक व्यवसायी हरिशंकर सिंह के अपहरण के तकरीबन 36 घंटे बाद भी कोई सुराग न मिलने से पुलिस पर जहां दबाव बढ़ता जा रहा है, वहीं परिजन किसी अनहोनी की आशंका से भयभीत हैं. घटना स्थल से कोई ठोस सुराग हाथ न लगने के कारण पुलिस अब हर आशंकाओं को अपने तफ्तीश का हिस्सा मानते हुए अपनी कार्रवाई में जुटी है.
घटना के बाद से अब तक जिले के अलावा अन्य पड़ोसी जिलों में भी बदमाशों की टोह लेने के लिए पुलिस छापेमारी जारी रही. इन सबके बीच पुलिस अधिकारी अपने हर कदम को इस सावधानी के साथ रखते नजर आ रहे हैं कि हरिशंकर की सकुशल वापसी करायी जा सके.
पांच गिरोहों की गतिविधियों पर है नजर : पचरुखी के उर्वरक व्यवसायी हरिशंकर सिंह के अपहरण का राज खोलने की जिम्मेवारी अलग अलग पांच टीमों को दी गयी है. डीजीपी के निर्देश पर डीआइजी अजीत कुमार राय खुद पुलिस कार्रवाई पर नजर रख रहे हैं. एसआइटी के अलावा अन्य बनायी गयी चार टीमों को बहुचर्चित अपराधियों के अलग-अलग पांच गिरोहों पर नजर रखने को कहा गया है. अपराधी गिरोहों में शामिल बदमाशों के रिकाॅर्ड तैयार कर घटना के दिन की उनकी गतिविधियों की रिपोर्ट तैयार की जा रही है ताकि अपहरण का राज खुल सके.
भाड़े के बदमाश या किसी गिरोह का हाथ! : अपहरण कांड को सुलझाना पुलिस के लिए मुश्किल साबित हो रहा है. पुलिस घटना की जांच दो पहलुओं पर कर रही है. किसी व्यक्ति के इशारे पर भाड़े के बदमाशों से घटना को अंजाम देने की आशंका है, जिसकी फिराक में बदमाश पहले से लगे रहे होंगे तथा सही समय की तलाश में होंगे.
यह बात सामने आ चुकी है कि घटना को अंजाम देने के पहले कई दिन बदमाशों ने रेकी भी की थी. भाड़े के बदमाशों के शामिल होने की स्थिति में उनका पता लगाना पुलिस के लिए आसान नहीं होता है. दूसरी तरफ कांड को किसी गिरोह द्वारा अंजाम दिये जाने से भी इनकार नहीं किया जा सकता है. ये गिरोह भी अपनी पहचान सामने न आने की आशंका में भाड़े के बदमाशों की मदद ले सकते हैं.
लगायी गयी एसटीएफ व सीआइडी : विधानसभा चुनाव के बाद व्यवसायी अपहरण कांड को बड़ी घटना के रूप में देखा जा रहा है. प्रशासन भी हर कीमत पर घटना में शामिल बदमाशों का पता लगा कर ऐसे मामलों को रोकने के लिए कोई कसर छोड़ना नहीं चाहता है. इसी क्रम में कांड के खुलासे के लिए पटना से एसटीएफ व सीआइडी टीम को लगाया गया है.
स्थानीय पुलिस के साथ ये टीम अपनी कार्रवाई में जुटी है. दोनों टीमों की सक्रियता से घटना की तह तक जाने में जल्द कामयाबी मिलने की उम्मीद है.
यूपी के कई जिलों में भी होरही तलाश : अपहरण कांड में अब तक कोई ठोस सुराग भले ही नहीं मिल पाया है, लेकिन अपराधियों के संदिग्ध ठिकानों पर छापेमारी लगातार जारी है. अब तक जिले के दियारा क्षेत्र के अलावा गोपालगंज व अन्य स्थानों सहित यूपी के भी कई जिलों तक पुलिस टीम अपनी दस्तक दे चुकी है. घटना में बदमाशों की उम्र व शक्ल-सूरत को ध्यान में रखते हुए ठिकानों पर उनकी तलाश हो रही है.
एक दर्जन संदिग्धों से हो रही पूछताछ : जांच में जुटी पुलिस ने अब तक की छापेमारी में दर्जनभर संदिग्धोें से पूछताछ कर चुकी है. घटना के तत्काल बाद बोलेरो में सवार आधा दर्जन युवकों को बड़हरिया से हिरासत में लेकर पूछताछ की गयी, जिनमें से चार को पुलिस छोड़ दिया तथा अन्य दोनों से अभी पूछताछ जारी है. हालांकि उनके अपहरण कांड से जुड़े रहने के कोई साक्ष्य नहीं मिले हैं. उधर, गोलागंज जिले के मीरगंज से दो कुख्यात बदमाश पुलिस के हत्थे चढ़े हैं, जिनसे पूछताछ की जा रही है.
छठ की खुशियां हुईंं काफूर : दीपावली के बाद से ही शर्मा नंद का परिवार छठ की तैयारी में जुट गया था. हरिशंकर की पत्नी अपने मायके जमशेदपुर में छठ की तैयारी में जुटी थीं, तो अन्य घर के सदस्य यहां अपने पचरुखी स्थित मकान में तैयारी में लगे थे. ये सारी खुशियां हरिशंकर के साथ अपहरण की खबर मिलते ही शोक में बदल गयीं. अब सबको किसी मनहूस खबर न आये इसी की प्रार्थना है.
कहते हैं एसपी
एसपी सौरभ कुमार साह ने कहा कि पुलिस टीम अपने काम में जुटी है. बदमाशों का पता लगाना व सुरक्षित हरिशंकर की वापसी कराना दोनों हमारा लक्ष्य है. पुलिस टीम के अलावा सभी थानों की मदद से कार्रवाई जारी है.