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सुख-समृद्धि व यश का पर्व धनतेरस आज

सुख-समृद्धि व यश का पर्व धनतेरस आज बाजारों में उमड़ेगी भीड़, बाजार भी सज-धज कर तैयार आभूषण, चांदी के सिक्के और बलतनों की सजीं दुकानें वाहनों और इलेक्ट्रॉनिक आइटम की भी खूब होगी बिक्री फोटो- 51 ज्वेलरी दुकान फोटो- 52 बनतन की सजी दुकान सीवान. हिंदू समाज में धनतेरस सुख-समृद्धि, यश और वैभव का पर्व […]

सुख-समृद्धि व यश का पर्व धनतेरस आज बाजारों में उमड़ेगी भीड़, बाजार भी सज-धज कर तैयार आभूषण, चांदी के सिक्के और बलतनों की सजीं दुकानें वाहनों और इलेक्ट्रॉनिक आइटम की भी खूब होगी बिक्री फोटो- 51 ज्वेलरी दुकान फोटो- 52 बनतन की सजी दुकान सीवान. हिंदू समाज में धनतेरस सुख-समृद्धि, यश और वैभव का पर्व सोमवार को मनाया जायेगा. इसके लिए बाजार भी सज-धज कर तैयार हैं. ऐसी मान्यता है कि इस दिन धन के देवता कुबेर और आयुर्वेद के देव धन्वंतरि की पूजा का बड़ा महत्त्व है. हिंदू पंचांग के अनुसार कार्तिक मास की त्रयोदशी तिथि को मनाये जाने वाले इस महापर्व के बारे में स्कन्द पुराण में लिखा है कि इसी दिन देवताओं के वैद्य धन्वंतरि अमृत कलश सहित सागर मंथन से प्रकट हुए थे, जिस कारण इस दिन धनतेरस के साथ-साथ धन्वंतरि जयंती भी मनायी जाती है. कई लोग इस दिन लक्ष्मी जी और कुबेर जी की भी पूजा करते हैं. मान्यता है कि इस दिन लक्ष्मी-कुबेर जी की पूजा करने से मनुष्य को कभी धन-वैभव की कमी नहीं होती. इस दिन खरीदारी करना शुभ माना जाता है. इस दिन विशेषकर बरतनों और गहनों आदि की खरीदारी की जाती है. प्रदोष काल के समय दीप दान शुभ माना जाता है. दीप दान का शुभ मुहूर्त शाम 5 बज कर 38 मिनट से लेकर रात्रि 8 बज कर 10 मिनट तक है. इस दिन कुबेर भगवान और लक्ष्मी जी की पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 6 बज कर 04 मिनट से लेकर रात्रि 07 बज कर 06 मिनट तक है.खरीदारी का है विशेष महत्व : नयी चीजों के शुभ आगमन के इस पर्व में मुख्य रूप से नये बरतन या सोना-चांदी खरीदने की परंपरा है. आस्थावान भक्तों के अनुसार चूंकि जन्म के समय धन्वंतरि जी के हाथों में अमृत का कलश था, इसलिए इस दिन बरतन खरीदना अति शुभ होता है. विशेष कर पीतल के बरतन खरीदना बेहद शुभ माना जाता है. आज के दिन यमराज से राजा हिम के पुत्र की रक्षा उसकी पत्नी ने की थी, जिस कारण दीपावली से दो दिन पहले मनाये जाने वाले ऐश्वर्य का त्योहार धनतेरस पर सायंकाल को यम देव के निमित्त दीप दान किया जाता है. इस दिन को यमदीप दान भी कहा जाता है. ऐसी मान्यता है कि ऐसा करने से यमराज के कोप से सुरक्षा मिलती है और पूरा परिवार स्वस्थ रहता है. इस दिन घरों को साफ-सफाई, लीप-पोत कर स्वच्छ और पवित्र किया जाता है और फिर शाम के समय रंगोली बना दीपक जला कर धन और वैभव की देवी मां लक्ष्मी का आह्वान किया जाता है.धनतेरस की तैयारी में जुटा बाजार : धनतेरस में खरीदारी की महत्ता को देखते हुए धनतेरस के लिए बाजार भी तैयार है. दुकानदार अपने यहां स्टॉक इकट्ठा करने में जुटे हैं. आभूषण एवं बरतनों के अतिरिक्त टीवी, फ्रिज एवं अन्य इलेक्ट्रॉनिक आइटम के अलावा बड़ी संख्या में लोग वाहनों की भी खरीदारी करते हैं. क्योंकि इस दिन खरीदारी करना काफी शुभ माना जाता है. धनतेरस के दिन बाजारों में खरीदारी के लिए लोगों का सैलाब उमड़ना तय है. चांदी के सिक्कों की खरीदारी शुभ मानी जाती है और हर कोई सिक्का खरीदना चाहता है. बाजार में पुराने विक्टोरिया चांदी सिक्के और बनावटी सिक्कों की डिमांड है. विक्टोरिया सिक्के आठ सौ और उसी प्रारूप पर बने ढलाई चांदी के सिक्के पांच सौ और लक्ष्मी-गणेश की मूर्ति वाले दस ग्राम के सिक्के तीन सौ रुपये में बाजारों में उपलब्ध हैं.

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