सीवान : जिले के गुठनी बाजार में करीब दस महीनों से घूमने वाली 30 वर्षीया विक्षिप्त महिला सदर अस्पताल के महिला वार्ड में अपने नवजात बच्चे के लिए चीत्कार कर रही है. लोग उस महिला को पागल कह रहे हैं.
लेकिन वह पागल होने के बाद भी अपनी मां की ममता को रोक नहीं पा रही है. गुठनी बाजार के लोगों का कहना है कि इसने करीब 10 दिनों पहले हाइ स्कूल कैम्पस में जहां यह रहती थी, वहां इसने एक बच्चे को जन्म दिया. लेकिन समाज के सफेदपोश लोगों ने इस विक्षिप्त महिला के बच्चे को ले लिया तथा उसे पीएचसी गुठनी में भरती करा दिया.
गुठनी पीएचसी से उसे सदर अस्पताल भेज दिया गया ताकि मामले का रफा-दफा किया जा सके.लोगों का कहना है कि पागल महिला करीब दस महीने पूर्व गुठनी बाजार में आयी थी. लोग कुछ खाने को दे देते थे.यह सड़क के किनारे सो जाती थी.करीब एक महीने पहले जब यह गुठनी हाइ स्कूल कैंपस में आकर रहने लगी थी . करीब पंद्रह दिनों पूर्व स्थानीय थाने की पुलिस व प्रखंड विकास पदाधिकारी की पहल पर पीएचसी के डॉक्टर अविनाश को बुला कर दिखाया. डॉक्टर ने देखकर बताया कि महिला मां बनने वाली है. उन्होंने आवश्यक दवा उपलब्ध करा दी, लेकिन जब से डॉक्टर ने बताया कि महिला मां बनने वाली है, कुछ लोगों की निगाहें उसके होने वाले बच्चे पर पड़ गयी. डॉक्टर के बताने के बाद अब यह स्पष्ट हो गया कि लोग जिसे पगली कह रहे हैं. उसे समाज के दरिंदों ने पहले उसको अपनी हवस का शिकार बनाया.
उसके बाद बच्चा जनने के बाद उसकी ममता को छीन कर समाज को कलंकित करने का प्रयास किया.इधर घटना की जानकारी होने पर सीडब्ल्यूसी ने विक्षिप्त महिला के नवजात बच्चे को गायब होने के मामले को संज्ञान में लेकर जांच में जुट गयी है. 10 अक्तूबर को विक्षिप्त महिला को पीएचसी से रेफर कर सदर अस्पताल में भरती किया गया.
14 तारीख को महिला डॉक्टर ने अल्ट्रासांउड सहित कई जांच कराने को लिखा. लेकिन तीन दिन बीत जाने के बाद अभी तक कोई जांच नहीं हुई है.सदर अस्पताल के चिकित्सक डॉ मुकेश कुमार ने बताया कि बुखार की शिकायत बता कर उस महिला को सदर अस्पताल रेफर किया गया था. मैंने भरती कर पुलिस को सूचना दे दी.
क्या कहते हैं अधिकारी
करीब 15 दिनों पूर्व स्थानीय थाने व बीडीओ के कहने पर अस्पताल के डॉक्टर अविनाश कुमार ने हाइ स्कूल परिसर में जाकर इलाज किया था. वह महिला गर्भवती थी.
नौ तारीख को कुछ लोगों ने उसे भरती कराया.सदर अस्पताल में उसे इस लिए रेफर किया गया कि वहां उसे कम-से-कम खाना तो मिल सकेगा.महिला ने पीएचसी में नहीं हाइ स्कूल में ही बच्चे को जन्म दिया है. महिला पूरी तरह से विक्षिप्त है.
डॉ कौशल किशोर, मेडिकल ऑफिसर, गुठनी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र