विद्यालय में नामांकित 2360 छात्रों में कुल छात्राओं की संख्या 1309 है. वर्ग दशम की छात्रा रूबी कुमारी,पूनम कुमारी,रूखसाना कुमारी,सोनम कुमारी,रागिनी कुमारी,अनुराधा कुमारी,राधिका कुमारी आदि का कहना था कि बहुत मौकों पर महिला शिक्षिका नहीं रहने से अपनी बात पुरुष शिक्षक से नहीं कह पाते हैं.
इनका कहना था कि शारीरिक पीड़ा के दौरान कोई कष्ट होता है, तो छुट्टी लेने के लिए अपनी बात को स्पष्ट रूप से पुरुष शिक्षक से नहीं कह पाते हैं.
छात्राओं का कहना था कि विभाग को छात्राओं की संख्या के हिसाब से महिला शिक्षकों की व्यवस्था करनी चाहिए. विद्यालय में कुल नामांकित छात्रों में वर्ग नवम में छात्राओं की संख्या 681 तथा वर्ग दशम में छात्राओं की संख्या 648 है.
शेष संख्या छात्रों की हैं. वहीं दूसरी ओर विद्यालय की छात्रा शालु कुमारी,अंजलि कुमारी,सविता पांडे व रोहिंद्र खातून ने छात्रों के हिसाब से शिक्षकों की संख्या नहीं होने की भी बात कहीं. इन छात्राओं का कहना था कि विद्यालय प्रशासन की मानें तो विद्यालय में शिक्षकों की संख्या 50 के करीब होना चाहिए, परंतु 14 शिक्षक ही कार्यरत हैं.
इसमें भी कई विषयों के शिक्षक नहीं होने से जहां परेशानियां बढ़ जाती हैं, वहीं कोर्स समय से भी पूरा नहीं हो पाता है. इनका कहना था कि शिक्षकों की कमी के कारण अक्सर क्लास को कंबाइंड करके चलाया जाता है, जिससे बैठने में काफी दिक्कतें होती हैं. छात्राओं ने अपने लिए कॉमन रूम की भी बात रखी.
विद्यालय के शिक्षक हरि शंकर पांडे ने कहा कि विद्यालय वर्तमान समय में शिक्षकों की कमी के चलते संक्रमण काल से गुजर रहा है.क्या कहते हैं प्रधानाध्यापक शिक्षकों की कमी के बारे में विभाग को कई बार आवेदन दिया जा चुका है, लेकिन अभी तक कार्रवाई नहीं होने से स्थिति यथावत बनी हुई है. शिक्षकों की कमी का सीधा प्रभाव छात्र-छात्राओं की पढ़ाई पर पड़ रहा है. रवि प्रकाश श्रीवास्तव