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शहर की नवलपुर ईदगाह में होगी मुख्य नमाज

सीवान : त्याग व बलिदान का प्रतीक ईद-उल-जोहा शुक्रवार को हर्षोल्लास व धूमधाम से मनाया जायेगा. ईद के तीन माह बाद ईद-उल-जोहा या बकरीद का त्योहार मनाया जाता है. यह मुसलिम भाइयों का दूसरा प्रमुख त्योहार है. बकरीद को कुरबानी के नाम से भी जाना जाता है. ईद-उल-जुहा हजरत इब्राहिम की कुरबानी की याद के […]

सीवान : त्याग व बलिदान का प्रतीक ईद-उल-जोहा शुक्रवार को हर्षोल्लास व धूमधाम से मनाया जायेगा.

ईद के तीन माह बाद ईद-उल-जोहा या बकरीद का त्योहार मनाया जाता है. यह मुसलिम भाइयों का दूसरा प्रमुख त्योहार है. बकरीद को कुरबानी के नाम से भी जाना जाता है.

ईद-उल-जुहा हजरत इब्राहिम की कुरबानी की याद के तौर पर मनाया जाता है. ऐसी मान्यता है कि इस दिन हजरत इब्राहिम अल्लाह के हुक्म पर अल्लाह के प्रति अपनी वफादारी दिखाने के लिए अपने बेटे हजरत इस्माइल को कुरबान करने पर राजी हुए थे.

इस पर्व का मुख्य लक्ष्य लोगों में जनसेवा और अल्लाह की सेवा के भाव को जगाना है. ईद-उल-जुहा का यह पर्व इस्लाम के पांचवें सिद्धांत हज की भी पूर्ति करता है. कुरआन में बताया गया है कि एक दिन अल्लाह ने हजरत इब्राहिम से सपने में उनकी सबसे प्रिय चीज की कुरबानी मांगी. हजरत इब्राहिम को सबसे प्रिय अपना बेटा लगता था.

उन्होंने अपने बेटे की कुरबानी देने का निर्णय किया. लेकिन जैसे ही हजरत इब्राहिम ने अपने बेटे की बलि देने के लिए उसकी गरदन पर वार किया, अल्लाह ने चाकू की धार से हजरत इब्राहिम के पुत्र को बचा कर एक भेड़ की कुरबानी दिलवा दी. इसी कारण इस पर्व को बकरीद के नाम से भी जाना जाता है.

तैयारी अंतिम चरण में : बकरीद को लेकर गुरुवार को बाजारों में काफी चहल-पहल देखी गयी. बकरा बाजार में भी खरीदारी के लिए भारी भीड़ रही, जिसके कारण रेट भी काफी बढ़ गया. साथ ही बाजार में सेवई व अन्य सामान की खूब बिक्री हो रही है. विभिन्न वेरायटी की सेवइयां भी बाजार में बिक रही हैं.

नमाज के बाद शुरू होगी कुरबानी : बकरीद की मुख्य नमाज शहर के नवलपुर इदगाह में होगी. इसके साथ ही अन्य इदगाहों व मसजिदों में भी नमाज पढ़ी जायेगी. शहर की बड़ी मसजिद, दरबार मसजिद, पुरानी किला मसजिद, सराय मसजिद, अतसुआ मसजिद, मोहद्दीपुर मसजिद समेत अन्य मसजिदों पर नमाज अदा की जायेगी.

इसके बाद कुरबानी का काम शुरू होगा. मान्यता के अनुसार बकरे की कुरबानी देकर गोश्त को तीन हिस्सों में बांटा जाता है, जिसमें एक हिस्सा अपने लिए, एक हिस्सा संबंधियों के लिए और एक हिस्सा गरीबों में बांटा जाता है. बकरीद में जकात का भी महत्व है, ताकि इस मौके पर कोई गरीब महरूम न रह जाये.

सुरक्षा के हैं चौकस इंतजाम : विधानसभा चुनाव और जिले में विभिन्न जगहों पर महावीरी अखाड़ा मेले को देखते हुए प्रशासन ने बकरीद के अवसर पर सुरक्षा के चौकस इंतजाम किये हैं.

तीन दिनों तक विशेष चौकसी बरतने का निर्देश जारी किया गया है और सुरक्षा बलों व मजिस्ट्रेटों की विशेष तैनाती की गयी है. ईदगाह व मसजिदों पर नमाज के समय सुरक्षा बलों की विशेष तैनाती रहेगी. साथ ही विभिन्न स्थानों पर सुरक्षा बलों की तैनाती रहेगी.

शुक्रवार व शनिवार को भगवानपुर, महाराजगंज, हसनपुरा में विभिन्न जगहों पर महावीरी मेले के चलते विशेष बलों की तैनाती की गयी है. एसपी सौरभ कुमार साह ने बताया कि सुरक्षा के चौकस इंतजाम रहेंगे.

जिला पुलिस के अलावा दंगा निरोधक दस्ता व पारा मिलेटरी की भी तैनाती रहेगी. सभी थानाध्यक्ष व सर्किल इंस्पेक्टर विशेष निगरानी व पेट्रोलिंग करेंगे. साथ ही संबंधित सीओ, बीडीओ भी निगरानी रखेंगे. एसडीओ व एसडीपीओ अपने-अपने क्षेत्र की लगातार मॉनीटरिंग करेंगे.

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