सीवान : जवाहर नवोदय की सातवीं कक्षा की अंजली (काल्पनिक) जिसे प्राचार्य ने टीबी की बीमारी की शिकायत होने पर स्कूल में प्रवेश नहीं करने दिया था. मंगलवार से शुरू होने वाली छमाही की परीक्षा में वह सम्मिलित नहीं हो सकी.
छात्रा के पिता ने मंगलवार को सदर अस्पताल के डॉट सेंटर में स्प्यूटम फॉर एएफबी और एक्स रे जांच करायी.जांच में रिपोर्ट निगेटिव आयी तथा एलाइजा फॉर टीबी की पहले करायी जांच गलत पायी गयी. मलेरिया पदाधिकारी डॉ एमआर रंजन ने छात्रा की जांच के बाद रिपोर्ट दी. इधर, छात्रा के पिता जब जांच रिपोर्ट लेकर जवाहर नवोदय विद्यालय पहुंचे, तो पहले प्राचार्य के नहीं होने की बात बतायी गयी.
कर्मचारियों ने बताया कि शाम पांच बजे प्राचार्य मिलेंगे. करीब छह बजे शाम में प्राचार्य ने एक आवेदन लेकर छात्रा अंजली को स्कूल में प्रवेश की अनुमति दी. संघर्ष के बाद छात्रा ने स्कूल में प्रवेश तो पा लिया, लेकिन उसकी परीक्षा जो छूट गयी, उसका क्या होगा. परीक्षा भी ली जा सकती है. लेकिन, सभी छात्रों के सामने प्राचार्य ने टीबी बीमारी होने की बात बता कर प्रवेश लेने से इंकार कर दिया. उस संबंध में क्या होगा. भारत सरकार द्वारा टीबी बीमारी के सबंध में जागरूक किया जा रहा है कि यह छुआछूत की बीमारी नहीं है.
टीबी का समय से इलाज हो तो उसे जड़ से समाप्त किया जा सकता है. जिला यक्ष्मा पदाधिकारी डॉ एमआर रंजन ने बताया कि छात्रा को टीबी नहीं है. प्राचार्य को अगर परेशानी थी तो उसे अलग दूसरे कमरे में बैठा कर परीक्षा ले सकते थे. स्कूल में प्रवेश से रोकना गलत बात है.