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ओपीडी खुला,मरीज आये, मगर डॉक्टर रहे नदारद
सीवान : गुरुवार को सदर अस्पताल के सभी ओपीडी खुले और दिखाने के लिए मरीज भी आये, लेकिन ओपीडी में डॉक्टरों के नहीं आने से ग्रामीण क्षेत्रों से आने वाली महिलाओं को विशेष परेशानी हुई. सुबह आठ बजे ही काउंटर खुलने के साथ मरीज अपनी परची बनवा कर डॉक्टर से दिखाने के लिए कतार में […]
सीवान : गुरुवार को सदर अस्पताल के सभी ओपीडी खुले और दिखाने के लिए मरीज भी आये, लेकिन ओपीडी में डॉक्टरों के नहीं आने से ग्रामीण क्षेत्रों से आने वाली महिलाओं को विशेष परेशानी हुई.
सुबह आठ बजे ही काउंटर खुलने के साथ मरीज अपनी परची बनवा कर डॉक्टर से दिखाने के लिए कतार में खड़े हो गये. लोगों को कतार में खड़े होने के लिए सुरक्षाकर्मी में तैनात थे. लेकिन करीब 11 बजे तक किसी भी ओपीडी में डॉक्टर नजर नहीं आये. सिर्फ सामान्य ओपीडी में कुछ समय के लिए डॉक्टर आरसी ठाकुर ने मरीजों को देखा. इस संबंध में जब सदर अस्पताल के उपाधीक्षक से बात हुई, तो उन्होंने बताया कि राज्य के सभी डॉक्टर 27 से 29 तारीख तक हड़ताल पर हैं.
इस कारण कोई डॉक्टर ओपीडी में नहीं बैठा. बासा के अधिकारी डॉ सुशील कुमार सिंह ने बताया कि सरकार द्वारा मांगे मान लिये जाने के बाद डॉक्टरों की हड़ताल 12 बजे के बाद समाप्त हो गयी, लेकिन 12 बजे के बाद भी ओपीडी में कोई डॉक्टर मरीजों को देखने के लिए नहीं पहुंचा.सैकड़ों की संख्या में रजिस्ट्रेशन कराने वाले मरीजों का शुल्क तो गया ही, उनका इलाज भी नहीं हो सका.कुछ मरीज पुरुष इमरजेंसी वार्ड में गये तथा वहां पर डॉक्टर की खरी-खोटी सुनने के बाद अपने को दिखाया.
इमरजेंसी के डॉक्टर का कहना था कि ओपीडी का केस है, तो मैं क्यों देखूं?
डीएम के आदेश पर जांच के बाद भी नहीं बदली व्यवस्था : नये डीएम के आदेश पर जिले के तीन वरीय पदाधिकारियों ने सदर अस्पताल की जांच की थी.
जांच में गड़बड़ी पाये जाने के बाद उसकी रिपोर्ट डीएम को पदाधिकारियों ने सौंप दी. आज करीब जांच हुए एक सप्ताह से अधिक होने के बावजूद सदर अस्पताल की स्वास्थ्य सेवा में कोई सुधार नजर नहीं आ रहा है. जांच के बाद कार्रवाई होने का डर न तो किसी कर्मचारी में है और न डॉक्टरों में. गुरुवार को भी ओपीडी व अन्य विभागों में समय से न तो डॉक्टर आ रहे हैं और न कर्मचारी. सदर अस्पताल में करीब चार माह से अधिक समय से सिजेरियन भी बंद है.आइसीयू व एसएनसीयू हाथी के दांत बने हुए हैं.
महिला वार्ड में इलाज कराने आने वाली प्रसूताओं को महिला डॉक्टर की सेवा आपात काल में नहीं मिल रही है. महिला वार्ड में प्रसूताओं को बिना भरती किये ही प्रसव कराया जाता है.सदर अस्पताल का ऐसा कोई विभाग नहीं है, जहां अव्यवस्था नहीं है.
क्या कहते हैं अधिकारी
27 से लेकर 29 अगस्त तक सरकारी अस्पताल के सभी डॉक्टरों की प्रस्तावित राज्य व्यापी हड़ताल है. हड़ताल के कारण ही डॉक्टर ओपीडी में नहीं आये.
किसी तरह आपातकालीन सेवा लोगों को दी जा रही है.ओपीडी खुला है तथा मरीजों का रजिस्ट्रेशन हो रहा है, इसकी जानकारी मुङो नहीं है.
डॉ एमके आलम, उपाधीक्षक,सदर अस्पताल
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