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श्रवण की तैयारी में जुटे भक्त, गांव से लेकर शहर तक भक्तिमय हुआ माहौल
श्रवण मास में अब चंद दिन ही शेष हैं. तैयारियों का दौर शुरू हो चुका है. श्रद्धालु भक्तगण इसकी तैयारी में जुट गये है. श्रवण मास में शिव मंदिरों में जलाभिषेक के लिए लोगों का जन सैलाब उमड़ेगा. वहीं बड़ी संख्या में भक्त कांवर लेकर बैद्यनाथ धाम जाते हैं. साथ ही गरीब नाथ, बाबा महेंद्र […]
श्रवण मास में अब चंद दिन ही शेष हैं. तैयारियों का दौर शुरू हो चुका है. श्रद्धालु भक्तगण इसकी तैयारी में जुट गये है. श्रवण मास में शिव मंदिरों में जलाभिषेक के लिए लोगों का जन सैलाब उमड़ेगा. वहीं बड़ी संख्या में भक्त कांवर लेकर बैद्यनाथ धाम जाते हैं. साथ ही गरीब नाथ, बाबा महेंद्र नाथ, सोहगरा धाम, अनंत नाथ धाम सहित शहर से लेकर ग्रामीण अंचलों में स्थित शिव मंदिरों में भीड़ उमड़ती है. सोमवारी के दिन श्रद्धालु भक्तों का हुजूम कुछ ज्यादा ही शिव मंदिरों में उमड़ता है.
सीवान : श्रवणी मेले की तैयारी को लेकर गांव से शहर तक के बाजार भगवा रंग में सरोबार हो चुके हैं. बाजारों में इसको लेकर काफी रौनक व चहल-पहल देखने को मिल रही है. खास कर कांवरिये केसरिया वस्त्र, कांवर आदि खरीदने में मशगूल है. बाजार में भी विभिन्न क्वालिटी के वस्त्र, कांवर आदि बिक रहे है.
केशरिया गंजी, पैंट, गमछा, झोला, टोपी, टी शर्ट, शर्ट, लेडी शूट, विभिन्न डिजाइनों की केशरिया साड़ियों से बाजार पटे हैं. वहीं विभिन्न डिजाइन व क्वालिटी की कांवर भी बाजारों में बिक रही हैं. इन सामग्री की बिक्री के लिए विशेष पूजा दुकानें भी बड़ी मात्र में सज गयी हैं. साथ ही दुकानदारों ने भी इसके लिए विशेष तैयारी की है.
लोगों की तैयारी तेज : कांवर लेकर देवघर जाने के लिए लोगों की तैयारियां तेज हो गयी हैं और इसके लिए गांव-गांव से झूंड में अपने वाहनों से लोगों के जाने की तैयारी है. इसके लिए खाने-पीने के सामान से लेकर गैस सिलिंडर की व्यवस्था में भी लोग काफी व्यस्त दिख रहे हैं. ताकि रास्ते में खाने-पीने की उचित व्यवस्था हो सके.
सबकी मन्नत पूरी करते हैं बाबा : बाबा बैद्यनाथ भगवान शिव के बारह ज्योतिर्लिगो में एक हैं, जहां से कोई खाली हाथ नहीं लौटता. बाबा सबकी मनोकामना अवश्य पूरी करते हैं. देश भर से बड़ी संख्या में लोग बाबा के दर्शन को पहुंचते हैं. कांवर यात्रा के साथ ही काफी लोग सीधे देवघर पहुंच कर जलाभिषेक करते हैं.
फिर भी 108 किलो मीटर पैदल यात्रा कर विभिन्न कष्टों को सहते हुए लोग बाबा के दरबार में पहुंचते है. इसकी महत्ता कुछ ज्यादा ही है. कुछ लोग अपनी मन्नत पूरी होने पर तो कुछ मन्नत पूरी होने की आस में बाबा के दरबार में पहुंचते हैं.सुलतानगंज के लिए रवाना हुआ कांवरियों का जत्था : सावन के प्रथम दिन जलाभिषेक के लिए देवघर में भारी भीड़ उमड़ती है.
लाखों-लाख की संख्या में लोग जलाभिषेक करते हैं. इसके लिए कांवरियों का जत्था निकल चुका है. सुलतानगंज से कांवर में जल भर कर लोग 108 किलो मीटर की पैदल यात्रा कर देवघर पहुंचेंगे और बाबा बैद्यनाथ को जलाभिषेक करेंगे. एक माह चलने वाले श्रवणी मेले के दौरान पूरा माहौल भक्तिमय रहेगा. गांव से लेकर शहर तक लोगों का जत्था देवघर पहुंचेगा और पूरा माहौल बोल बम के नारों से गुंजायमान रहेगा. ऐसी भी मान्यता है कि एक माह तक सावन माह में भगवान भोले नाथ साक्षात धरती पर विराजमान रहते हैं.
इस दौरान जलाभिषेक करने पर इच्छित फल अवश्य ही प्राप्त होता है और जीवन के दु:ख व कष्टों का निवारण होता है.
भक्तिमय गीतों से गूंजे शहर व गांव : श्रवण माह में भगवान शिव के गीतों से पूरा माहौल सरोबार रहता है. बाजार में भी हिंदी व भोजपुरी के विभिन्न ऑडियो व बीडीओ कैसेट बाजारों में उपलब्ध हो गये हैं. जगह-जगह कैसेट की दुकानें सजी हैं. भोजपुरी गीतों की मांग कुछ ज्यादा ही है.
विभिन्न भोजपुरी एवं हिंदी गानों के तर्ज पर बनाये गये गीतों से बाजार पटे हैं. बाबा की महिमा एवं कांवर यात्रा को विभिन्न रूपों में प्रस्तुत करते गीतों को सुन कर कोई थिरके बिना नहीं रह सकता है.
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